इनकम टैक्स के मूल बातें क्या है?

आयकर आपकी आय का वह हिस्सा है जिसका आप देश के कल्याण और विकास के लिए सरकार को भुगतान करते हैं। जब भी आयकर की बात आती है, हम अक्सर खुद को अस्पष्ट अवधारणाओं से घिरे पाते हैं। दरअसल हमे यह पता ही नही है कि कर स्लैब का सही अर्थ है क्या या क्या संशोधन किए गए हैं। इसलिए आपके कर भुगतान में अक्सर आने वाले आयकर संबंधी जरूरी अवधारणाओं के बारे में जानने के लिए यहां आयकर संबंधी मूल बातें का विवरण प्रस्तुत है I

‘आय’ क्या  है? 

आयकर संबंधी मूल बातें से शुरू करने के साथ, यह समझना महत्वपूर्ण है कि आय के रूप में किसे परिभाषित किया जाता है। आयकर अधिनियम के अनुसार आय की पांच श्रेणियां निर्धारित की गई है और इन्ही के आधार पर आय अर्जित करने वाला व्यक्ति भुगतान करने के लिए उतरदायी होता है I 

वेतन आय

आपके नियोक्ता से प्राप्त भुगतान को इस श्रेणी में रखा जाता है I  इसमें मूल वेतन, वार्षिकी, अग्रिम, भत्ता, परिवहन साधन, विशेष लाभ और सेवानिवृत्ति लाभ, अन्य शामिल हैं। छूट के बाद इन सभी का कुल आपका सकल वेतन होता है। फॉर्म 16 के कॉलम 6 में वेतन से आपकी आय से संबंधित विवरण दिया गया है।

किराया आय

आवास संपत्ति से आय के कानून के अधीन आपकी करयोग्य आवासीय या वाणिज्यिक संपत्ति से किराए के रूप में प्राप्त आय, किराया आय है।

व्यापार और व्यवसाय से प्राप्त आय

यदि आप एक व्यापारी या वेतनभोगी पेशेवर या फ्रीलांसर हैं, तो इस श्रेणी के अधीन भुगतान या मुनाफे के रूप में प्राप्त आपकी आय से कर लिया जाएगा I  यहां आपके व्यय को घटाकर कर योग्य आय की गणना की जाएगी।

पूंजीगत लाभ आय

अचल संपत्ति, आभूषण, कंपनियों के शेयर, बॉण्ड्स इत्यादि में निवेश की गई पूंजी परिसंपत्ति के अंतरण से प्राप्त लाभ को इस श्रेणी के अधीन आय के रूप में माना जाता है। उपहार के रूप में प्राप्त संपत्ति जैसे- विरासत को इस श्रेणी में शामिल नहीं किया जाता, जब तक सम्पत्ति को बेचा न जाएं।

अन्य स्रोतों से आय

उपरोक्त चार श्रेणियों से इतर प्राप्त आय को अन्य स्रोतों से आय के अंतर्गत रखा जाता है। वे ब्याज (डाकघर बचत, बैंक जमा, बचत बैंक जमा, आवर्ती जमा से अर्जित) की तरह दोहराए जा सकते हैं, और गैर-आवर्ती आय लॉटरी, गेम शो या जुआ के माध्यम से एक बार अर्जित आय है।

कर-मुक्त आय क्या है?

गैर कर-योग्य आय के बारे में जाने बिना आयकर सम्बन्धी मूल बातें को लेकर हमारी समझ अधूरी है I 

कृषि आय, हिन्दू अविभाजित परिवार से प्राप्त आय, केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित बॉण्ड्स पर एनआरआई द्वारा अर्जित ब्याज, ग्रेच्युटी, पेंशन की गणना, बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु के बाद प्राप्त बीमा से आय, भविष्य निधि प्राप्तियां, अन्य सभी से प्राप्त आय कर-योग्य नहीं है ।

आकलनकर्ता कौन है?

करों का भुगतान करने का हकदार व्यक्ति या संस्था ही आकलनकर्ता होता है । यह एक व्यक्ति, एचयूएफ या हिंदू अविभाजित परिवार, साझेदारी फर्म, कंपनी, व्यैक्तिक ईकाई या एओपी (व्यैक्तिक संस्था) हो सकता है।

वित्तीय वर्ष और आकलन वर्ष क्या है?

जिस वर्ष में आय अर्जित की जाती है और अग्रिम कर का भुगतान किया जाता है, वह वित्तीय वर्ष है। आकलन वर्ष वित्तीय वर्ष का आगामी वर्ष है, जिसमे आयकर विभाग करदाता द्वारा भरे आयकर रिटर्न का आकलन करता है। तो वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए, आकलन वर्ष 2021-22 होगा।

कटौती

करदाता को अपने परिवार के भविष्य को सुनिश्चित करने, चिकित्सकीय, शैक्षिक खर्च उठाने और परिवार को सुविधा मुहैया कराने के लिए वित्तीय समस्याओं का वहन करना पड़ता है; कर कानून सकल आय में से कटौती की अनुमति देते हैं । तो आपकी सकल आय में से कटौती घटाकर आपको शुद्ध कर योग्य आय प्राप्त होती है। ये कटौती आयकर अधिनियम की धारा 80 (धारा 80 सी से 80 यू) के अधीन सूचीबद्ध हैं। इनमें से कुछ कटौती में शामिल हैं:

धारा 80 सी :  1.5 लाख तक निवेश पर कटौती। दूसरे शब्दों में, आप शुद्ध कर योग्य आय पाने के लिए अपनी सकल आय से इस कटौती राशि को कम कर सकते हैं।

धारा 80सीसीसी :  वार्षिकी सेवा के लिए भुगतान किए गए बीमा प्रीमियम पर कटौती

धारा 80 सीसीडी :  पेंशन के लिए किए गए भुगतान पर कटौती I यह आपके वेतन का 10% या आपकी सकल आय का 20% से अधिक नहीं हो सकता ।

धारा 80 टीटीए :  बचत खाते पर ब्याज पर कटौती

धारा 80जीजी :  आवास किराया भत्ता नही दिए जाने पर, किए गये किराए भुगतान पर कटौती I 

धारा 80 ई, 80 ईई: शिक्षा ऋण और गृह ऋण पर भुगतान ब्याज पर कटौती।

धारा 80 सीसीजी :  राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना (आरजीईएसएस) में निवेश पर कटौती

धारा 80 डी, 80 डीडी, 80 डीडीबी : चिकित्सा बीमा, चिकित्सा व्यय, दिव्यांगों के पुनर्वास पर कटौती

धारा 80 जी- योग्य संगठनों, राजनीतिक दलों के लिए किये गए दान पर कटौती

धारा 80 टीटीबी – ब्याज आय पर कटौती

धारा 80 आरआरबी – पेटेंट पर रॉयल्टी पर कटौती

मानक कटौती क्या है?

आय और निवेश कितना भी होने पर, वेतनभोगी करदाताओं के लिए 50,000 रुपये की एकबारगी कटौती, मानक कटौती है I इसके अलावा, मानक कटौती के अधीन आवास किराया आय के 30 प्रतिशत का दावा किया जा सकता है। यह कटौती चिकित्सा प्रतिपूर्ति और परिवहन भत्ता के अतिरिक्त कटौती होती है जो वित्तीय वर्ष 18-19 से पहले मानक कटौती के लिए योग्य थी ।

वित्तीय वर्ष 20-21 और आकलन वर्ष 21-22 के लिए आयकर स्लैब दरें

भारत में एक प्रगतिशील कर संरचना है, जहां कर की गणना वृद्धिशील आधार पर की जाती है। जिस दर पर प्रत्येक स्लैब के लिए आय पर कर लगाया जाएगा, वह आय वृद्धि के रूप में होगा। आपकी आय पर लागू प्रत्येक टैक्स स्लैब से संचयी कर-राशि, कटौती करने के बाद आपका शुद्ध कर होता है।

वित्तीय वर्ष 2021 के लिए अपने केंद्रीय बजट में वित्त मंत्रालय ने मौजूदा कर स्लैब दरों के विकल्प के रूप में एक नई कर व्यवस्था प्रस्तुत की है। नए कर नियमों के अनुसार, जो नई कर व्यवस्था के अंतर्गत करदाताओं को कुछ निम्नलिखित कर-छूट और कटौती दी जाएगी :

अवकाश यात्रा भत्ता 

आवास किराया भत्ता

वाहन साधन 

रोजगार के लिए दैनिक खर्च

स्थानांतरण भत्ता

सहायक भत्ता

बच्चों के लिए शिक्षा भत्ता

धारा 10 (14) के तहत विशेष लाभ

मानक कटौती

व्यावसायिक कर

आवास ऋण पर ब्याज (धारा 24)

कटौती (80 सी, 80 डी, 80 ई और अन्य)

साथ ही, यदि कोई निवेशक नये कर नियमों से जुड़ना चाहता है, तो यह आकलन वर्ष 2021-22 के लिए रिटर्न भरने करने से पहले किया जाना चाहिए। व्यापार आय वाले करदाता केवल एक बार ही पूर्व-मौजूदा कर व्यवस्था अपना सकते हैं।

विगत कर-व्यवस्था की तुलना में नए कर-व्यस्था के तहत कर स्लैब दर नीचे दी गई है:

आयकर स्लैब नई कर – दर विगत कर – दर 
2.5 लाख रुपये तक शून्य शून्य
2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये 5% (5 लाख रुपये तक शुद्ध कर योग्य आय के लिए धारा 87ए के अधीन 12,500 रुपये की कर छूट है) 2.5 लाख रुपये से अधिक की कुल आय का 5%
5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये 10% 5 लाख रुपये से अधिक की कुल आय का 20% + 12,500  रुपये
रु.7.5 लाख से 10 लाख 15%
रु.10 लाख से 12.5 लाख 20% 10 लाख रुपये से अधिक की कुल आय का 30% + 1,12,500 रुपये
रु.12.5 लाख से 15 लाख 25%
रु.15 लाख और ऊपर 30%

पुराने दरों में, वरिष्ठ नागरिकों और उससे अधिक आयु के नागरिकों के लिए न्यूनतम कर योग्य आय क्रमशः 3 लाख रुपये और 5 लाख रुपये है।

आपको 4% का स्वास्थ्य और शिक्षा – उपकर के लिए भी कर का भुगतान करना होगा।

इन बुनियादी अवधारणाओं को जानने के बाद, लागू कटौती और कर स्लैब दरें से कर भरना, आपके लिए पहले की तरह कठिन न होकर आसान हो जाएगा I