आयकर अधिनियम की धारा 112A को समझना

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by Angel One
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आयकर अधिनियम की धारा 112A सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटी म्यूचुअल फंडों और व्यावसायिक ट्रस्टों से 1.25 लाख रुपये से अधिक की दीर्घकालिक पूँजीगत लाभ (LTCG) पर 12.5% कर लगाती है, तथा इसमें कई प्रकार के छूट और शर्त भी दिए गए हैं।  

आयकर अधिनियम की धारा 112A सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटीउन्मुख म्यूचुअल फंडों और व्यावसायिक ट्रस्टों के यूनिट्स की बिक्री से होने वाले दीर्घकालिक पूँजीगत लाभ (LTCG) के कराधान को नियंत्रित करती है। वर्ष 2024 के बजट द्वारा हाल में किए गए परिवर्तन के कारण इस धारा में कई महत्वपूर्ण संशोधन हुए हैं, जिससे निवेशक और करदाता प्रभावित हुए हैं। स्टॉक मार्केट में निवेश करनेवाले व्यक्तियों और व्यवसायों को इन प्रावधानों को समझना आवश्यक है, क्योंकि इससे प्रत्यक्ष रूप से कर देनदारी और वित्तीय योजना प्रभावित होती है। 

वर्ष 2024 के बजट में किए गए प्रमुख परिवर्तन 

वर्ष 2024 के बजट में किए गए संशोधन के कारण धारा 112A के तहत एलटीसीजी (LTCG) कर ढांचे में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं, जिसमें कर दरों में वृद्धि और छूट सीमा में बढ़ोतरी शामिल है। इन संशोधनों का लक्ष्य दीर्घकालिक इक्विटी निवेश को प्रोत्साहित करने तथा कर राजस्व में बढ़ोतरी करना है। 

  • कर दर में वृद्धि: धारा 112A के तहत एलटीसीजी (LTCG) कर की दर 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दी गई है इस वृद्धि का मतलब है कि सूचीबद्ध प्रतिभूतियों से ज्यादा मात्रा में पूँजीगत लाभ अर्जित करने वाले निवेशक अब पिछले वर्षों की तुलना में अधिक कर देंगे 
  • उच्च छूट सीमा: एलटीसीजी (LTCG) के लिए छूट सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई है इस सीमा से कम पूँजीगत लाभ प्राप्त करने वाले निवेशक कर छूट का लाभ उठाते रहेंगे 
  • प्रभावी तिथि: ये बदलाव उन प्रतिभूतियों पर लागू होते हैं जिन्हें 23 जुलाई, 2024 को या उसके बाद बेचा गया, अर्थात इस तिथि से पहले की खरीदबिक्री पर पुराने कर प्रावधान लागू होंगे 

धारा 112A की प्रयोज्यता 

धारा 112A के तहत लागू कर प्रावधान विशिष्ट शर्तों के तहत आते हैं। निवेशकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा की गई खरीदबिक्री रियायती कर दर के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।  

  • बिक्री में इक्विटी शेयर, इक्विटीउन्मुख म्यूचुअल फंड यूनिट्स या व्यावसायिक ट्रस्ट की यूनिट्स शामिल होनी चाहिए  
  • प्रतिभूतियों को दीर्घकालिक पूँजीगत संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए, जिसका अर्थ है कि उन्हें बिक्री से पहले एक वर्ष से अधिक समय तक रखा गया है  
  • वित्त वर्ष 2024-25 से पूँजीगत लाभ 1.25 लाख रुपये से अधिक होने पर कर योग्य होगा  
  • इक्विटी शेयरों की खरीद और बिक्री प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) के अधीन होनी चाहिए इसी तरह, इक्विटीउन्मुख म्यूचुअल फंड यूनिट्स या व्यावसायिक ट्रस्ट यूनिट्स की बिक्री भी एसटीटी (STT) के अधीन होनी चाहिए 

धारा 112A के तहत पूर्वलाभ प्रावधान 

धारा 112A की शुरुआत से पहले अर्जित लाभ पर अचानक कर देनदारी से निवेशकों की रक्षा के लिए, सरकार ने पूर्वलाभ प्रावधान लागू किया है। इस खंड के अनुसार, 31 जनवरी, 2018 तक अर्जित लाभ पर कर नहीं लगाया जाएगा। इस तिथि से पहले खरीदी गई संपत्तियों के अधिग्रहण की लागत को निम्न में से जो अधिक हो उसके आधार पर समायोजित किया जाएगा 

  • संपत्ति की वास्तविक खरीद मूल्य, या  
  • 31 जनवरी, 2018 को संपत्ति का उचित बाजार मूल्य (FMV)  

यह सुनिश्चित करता है कि 31 जनवरी, 2018 के बाद अर्जित पूँजीगत लाभ पर ही धारा 112A के तहत कर लगाया जाएगा।

परिदृश्य और महत्वपूर्ण प्रावधान 

रियायती एलटीसीजी (LTCG) कर दर का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को निम्नलिखित शर्तों का पालन करना होगा: 

  • लेनदेन पर एसटीटी (STT) का भुगतान: इक्विटी शेयरों की खरीद और हस्तांतरण दोनों ही स्थितियों में एसटीटी (STT) का भुगतान किया जाना चाहिए म्यूचुअल फंडों और व्यावसायिक ट्रस्टों को बिक्री के समय एसटीटी (STT) का भुगतान करना होता है 
  • दीर्घकालिक निवेश के रूप में वर्गीकरण: प्रतिभूतियों को दीर्घकालिक पूँजीगत संपत्ति के रूप में रखा जाना चाहिए, कि स्टॉकइनट्रेड के रूप में इसका मतलब है कि वैसे ट्रेडर्स जो व्यवसाय के रूप में स्टॉक का लेनदेन करते हैं वे धारा 112A के लाभों का दावा नहीं कर सकते 
  • किसी प्रकार की कटौती अनुमति नहीं: अध्याय VI-A के तहत कटौती और धारा 87A के तहत छूट का दावा एलटीसीजी (LTCG) के तहत नहीं किया जा सकता जो धारा 112A के तहत करयोग्य है यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि अन्य धाराओं के तहत मिले कर लाभ एलटीसीजी (LTCG) कर देनदारियों में कमी करे 

धारा 112A में संशोधन से पहले और उसके बाद 

एलटीसीजी (LTCG) का कराधान लंबे समय में विकसित हुआ है, जिसमें 2018 में और फिर 2024 में बड़े बदलाव किए गए हैं। इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को जान जाने पर करदाता नवीनतम संशोधनों के प्रभाव को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। 

  • 1 अप्रैल, 2018 से पहले: यदि एसटीटी (STT) का भुगतान कर दिया गया होता था, तो सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों और इक्विटीउन्मुख म्यूचुअल फंडों पर दीर्घकालिक पूँजीगत लाभ को धारा 10(38) के तहत पूर्ण छूट प्राप्त था 
  • 1 अप्रैल, 2018 के बाद: धारा 10(38) को समाप्त कर दिया गया और धारा 112A प्रस्तुत किया गया जिसमें 1 लाख रुपये से अधिक के एलटीसीजी (LTCG) पर 10% की दर से कर लगाने का प्रस्ताव दिया गया 
  • 23 जुलाई, 2024 के बाद: एलटीसीजी (LTCG) करकी दर को बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया और छूट सीमा बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई 

धारा 112A के अपवाद 

कुछ श्रेणियों के करदाताओं और लेनदेन पर या तो अलगअलग प्रावधानों के तहत कर लगाया जाता है या धारा 112A से छूट दी जाती है: 

  • गैरइक्विटी म्यूचुअल फंड: डेट म्यूचुअल फंड और हाइब्रिड फंड से प्राप्त लाभ पर अलगअलग प्रावधान के तहत कर लगाया जाता है, आमतौर पर धारा 112 के तहत 
  • एनआरआई: अनिवासी भारतीय (एनआरआई) पर धारा 112A के बजाय धारा 115एडी के तहत कर लगाया जाता है, जो विदेशी निवेशकों पर लगाए जानेवाले कर को नियंत्रित करता है 
  • आईएफएससी लेनदेन: अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) में सूचीबद्ध प्रतिभूतियों को छूट प्राप्त है क्योंकि वे एसटीटी (STT) के अधीन नहीं आते हैं 
  • विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई): एफआईआई (FII) द्वारा पूँजीगत संपत्ति के रूप में रखी गई प्रतिभूतियों से होने वाले लाभ धारा 112A के तहत नहीं आती है 
  • व्यावसायिक स्टॉक: यदि कोई निवेशक यह साबित कर देता है कि प्रतिभूतियाँ पूँजीगत संपत्ति के बजाय स्टॉकइनट्रेड के रूप में रखी गई थीं, तो धारा 112A लागू नहीं होती है 

अच्छी तरह से समझने के लिए उदाहरण 

धारा 112A के निहितार्थों को स्पष्ट करने के लिए, निम्नलिखित परिदृश्य पर विचार करें: 

उदाहरण 1: छूट सीमा से कम एलटीसीजी (LTCG) 

श्री एक्स ने 1 मार्च, 2024 को एबीसी लिमिटेड के 1,000 शेयर 100 रुपये प्रति शेयर की दर से खरीदे। उन्होंने 1 अप्रैल, 2026 को उन्हें 180 रुपये प्रति शेयर की दर से बेच दिया। 

  • कुल बिक्री मूल्य: 1,80,000 रुपये 
  • कुल क्रय मूल्य: 1,00,000 रुपये 
  • एलटीसीजी (LTCG): 80,000 रुपये (1.25 लाख रुपये से कम होने के कारण छूट प्राप्त) 

उदाहरण 2: छूट सीमा से अधिक एलटीसीजी (LTCG) 

श्री ने 150 रुपये प्रति इकाई की दर से एक इक्विटीउन्मुख म्यूचुअल फंड की 1,500 यूनिट्स खरीदी और एक वर्ष बाद उन्हें 220 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेच दिया। 

  • कुल बिक्री मूल्य: 3,30,000 रुपये 
  • कुल क्रय मूल्य: 2,25,000 रुपये 
  • एलटीसीजी (LTCG): 1,05,000 रुपये (नई 1.25 लाख रुपये की सीमा के आधार पर छूट प्राप्त) 

उदाहरण 3: निवेश प्रकृति के आधार पर लागू होना 

श्री जेड ने एक्सवाईजेड लिमिटेड के शेयर 3 वर्ष तक दीर्घकालिक निवेश के रूप में रखे और उन्हें 1,00,000 रुपये के लाभ पर बेच दिया। चूँकि ये पूँजीगत परिसंपति हैं, इसलिए लाभ धारा 112A के तहत आते हैं, किन्तु छूट सीमा के भीतर होने के कारण वे कर मुक्त रहते हैं। 

उदाहरण 4: कर योग्य एलटीसीजी (LTCG) परिदृश्य 

श्री बी ने 5 लाख रुपये इक्विटी शेयरों में निवेश किए और 2 वर्षों के बाद उन्हें 7.5 लाख रुपये में बेच दिया। 

  • एलटीसीजी (LTCG): 2.5 लाख रुपये 
  • वह भाग जिसपर छूट प्राप्त है: 1.25 लाख रुपये 
  • कर योग्य एलटीसीजी (LTCG): 1.25 लाख रुपये 
  • देय कर की राशि: 1.25 लाख रुपये का 12.5% = 15,625 रुपये 

निवेशकों और बाजार पर प्रभाव 

संशोधित कर की दर निवेशकों की भावना को प्रभावित कर सकती है, खासकर उन लोगों की जो धन निर्माण के लिए इक्विटी बाजारों पर निर्भर हैं। प्रमुख निहितार्थों में शामिल हैं: 

  • खुदरा निवेशक: कर की उच्च दर अधिक रणनीतिक निवेश योजना और अन्य परिसंपत्ति वर्गों में विविधीकरण को प्रोत्साहित कर सकता है 
  • म्यूचुअल फंड उद्योग: इक्विटीउन्मुख फंडों में निवेशक की प्राथमिकताओं में बदलाव देखे जा सकते हैं, तथा इनमें से कुछ लोग कम कर वाले विकल्पों की ओर जा सकते हैं 
  • बड़े निवेश करने वाले व्यक्ति (एचएनआई): जिन निवेशकों के पास बड़ी मात्रा में इक्विटी है  उन्हें पूँजीगत लाभ निकासी की रणनीतियों को अनुकूलित करने की आवश्यकता हो सकती है 

निष्कर्ष 

धारा 112A सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटीउन्मुख म्यूचुअल फंडों और व्यावसायिक ट्रस्टों के दीर्घकालिक पूँजीगत लाभ पर कर देनदारी निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्ष 2024 के बजट में किए गए बदलावों के आलोक में निवेशकों को कुशलतापूर्वक निवेश योजना बनाने के लिए कर की उच्च दर और छूट की बढ़ी हुई सीमा के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उचित कर योजना तथा पात्रता मानदंडों की समझ निवेशकों के कर बोझ को कम करने में मदद कर सकती है तथा समझदारी से वित्तीय निर्णय लेने में मदद कर सकती है। 

FAQs

आयकर अधिनियम की धारा 112A क्या है?

धारा 112A सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटीउन्मुख म्यूचुअल फंडों और व्यावसायिक ट्रस्टों से 1.25 लाख रुपये से अधिक एलटीसीजी (LTCG) पर 12.5% कर लगाती है। 

धारा 112A के तहत एलटीसीजी (LTCG) कर कब लागू होता है?

यदि परिसंपत्ति को 12 महीने से अधिक समय तक रखा गया है और खरीद तथा बिक्री पर प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) का भुगतान किया गया है, तो एलटीसीजी (LTCG) कर लागू होता है। 

धारा 112A के तहत पूर्वलाभ प्रावधान क्या है?

31 जनवरी, 2018 से पहले अर्जित लाभ पर कर नहीं लगता है, और उस तिथि के एफएमवी (FMV) के आधार पर क्रय करने में व्यय की गई राशि को समायोजित किया जाता है। 

क्या धारा 112A के तहत एलटीसीजी (LTCG) हानि की भरपाई की जा सकती है?

हाँ, एलटीसीजी (LTCG) हानि की भरपाई उसी वर्ष के एलटीसीजी (LTCG) के विरुद्ध की जा सकती है या उसे 8 वर्षों तक आगे बढ़ाया जा सकता है। 

धारा 112A निवेशकों को कैसे प्रभावित करती है?

यह इक्विटी बाजार की तरलता को प्रभावित करती है, निवेशक की प्राथमिकता डेट फंड की ओर स्थानांतरित करती है तथा रणनीतिक कर योजना की आवश्यकता होती है।