स्रोत पर टैक्स काटना टीडीएस (TDS) उन प्राथमिक कारणों में से एक है जिसकी वजह से आपके हाथ में आने वाली सैलरी आपकी कंपनी की लागत सीटीसी (CTC) से कम हो सकती है। 1961 के इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 192 के अनुसार, नियोक्ताओं को अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफ़र करने से पहले किसी कर्मचारी की सैलरी से टीडीएस(TDS) काटना होगा।
अगर आप यह सोच रहे हैं कि आपके नियोक्ता द्वारा टीडीएस (TDS) काटने के बाद टैक्स रिफंड का क्लेम कैसे करना है, तो आप अकेले नहीं है। हजारों लोग टीडीएस (TDS) रिफंड प्राप्त करने और प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के बारे में जानकारी की खोज करते हैं। एंजल ने आपकी सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए इस व्यापक गाइड का निर्माण किया है।
टीडीएस (TDS) रिफंड क्या है?
टीडीएस (TDS), या स्रोत पर टैक्स काटना, वह अमाउंट है जो नियोक्त एडवांस टैक्स भुगतान के रूप में कर्मचारियों की सैलरी से काट लेते है। तथापि, कभी-कभी काटा गया अमाउंट किसी व्यक्ति की वास्तविक टैक्स देनदारी से ज़्यादा हो सकता है। जब ऐसा होता है, तो बकाया अमाउंट को वापस पाने के लिए टैक्स रिफंड का क्लेम कैसे करना है इस तरीके को जानना ज़रूरी है।
सैलरी पर टीडीएस (TDS) की गणना कैसे की जाती है?
- ग्रोस सैलरी का निर्धारण: नियोक्ता सबसे पहले फ़ाइनेंशियल वर्ष के लिए अनुमानित सैलरी निर्धारित करता है। इसके अंदर मूल वेतन, भत्ते, सुविधाएं, ईपीएफ(EPF) योगदान, बोनस और बहुत कुछ शामिल हैं।
- छूट की गणना: इसके बाद नियोक्ता धारा 10 के तहत छूट पर विचार करता है, जैसे एचआरए(HRA), यात्रा पर खर्च और अन्य संबंधित भत्ते।
- शुद्ध मासिक इनकम:ग्रोस सैलरी में से छूट को घटाने के बाद शुद्ध मासिक इनकम प्राप्त होती है।
- अन्य इनकम का समावेश: अगर किसी कर्मचारी के पास इनकम के अन्य स्रोत हैं, तो उन्हें शुद्ध टैक्स योग्य सैलरी में जोड़ा जाता है।
- कटौतियां: नियोक्ता कर्मचारी द्वारा घोषित किए गए निवेश और खर्च पर विचार करता है और उन्हें ग्रोस कुल इनकम से घटा देता है।
फ़ाइनेंशियल वर्ष 2023-24 में शुरू की गई नई टैक्स व्यवस्था के साथ, टैक्स देने वाले पुरानी और नई टैक्स व्यवस्थाओं के बीच ऑप्शन चुन सकते हैं। चुनी गई व्यवस्था टैक्स काटने की विधि और अमाउंट निर्धारित करेगी।
टीडीएस रिफंड का क्लेम कैसे करें?
आपके रिटर्न को अधिकतम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप टेबल पर पैसा तो नहीं छोड़ रहे इसके लिए इनकम टैक्स रिफंड का कुशलतापूर्वक क्लेम करने का तरीका समझना महत्वपूर्ण है।
स्टेप 1: अपने नियोक्ता से फॉर्म 16 प्राप्त करें
यह डॉक्यूमेंट आपके नियोक्ता का एक सर्टिफिकेट है जो पूरे फ़ाइनेंशियल वर्ष में काटे गए टीडीएस(TDS) अमाउंट की डिटेल्स देता है।
स्टेप 2: फॉर्म 16 क्या है उसको समझें
फॉर्म 16 में दो भाग होते हैं:
- भाग A: इसके अंदर आपके नियोक्ता का टैन(TAN), पैन(PAN) और कुल काटे गए टीडीएस(TDS) जैसी महत्वपूर्ण डिटेल्स शामिल हैं।
- भाग B: कटौती और छूट के साथ व्यापक सैलरी ब्रेकडाउन प्रदान करता है।
स्टेप 3: एक सही आईटीआर(ITR) फॉर्म को चुनें
आपको अपनी इनकम के प्रकार और स्रोतों के आधार पर उपयुक्त इनकम टैक्स रिटर्न आईटीआर(ITR) फॉर्म चुनना होगा। सैलरी प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के लिए, आईटीआर (ITR )-1 का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है।
आईटीआर (ITR) फॉर्म के प्रकारों के बारे में और अधिक पढ़ें
स्टेप 4: अपने आईटीआर (ITR) को फाइल करें
अपना आईटीआर (ITR) भरते समय सुनिश्चित करें कि आप अपने सभी इनकम स्रोतों की रिपोर्ट दे रहे है। एक बार हो जाने के बाद, सिस्टम देने वाले टैक्स की गणना करेगा। अगर आपके नियोक्ता द्वारा काटी गई टीडीएस(TDS) इस अमाउंट से ज़्यादा है, तो आप रिफंड के पात्र हैं।
टीडीएस (TDS) रिफंड को ऑनलाइन कैसे प्राप्त करें?
स्टेप 1: ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर करें
सबसे पहले, आधिकारिक इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं। अगर आपने रजिस्टर नहीं कराया है, तो अपने स्थायी अकाउंट संख्या पैन (PAN) का इस्तेमाल करके ऐसा करें।
स्टेप 2: अपने आईटीआर(ITR) को फाइल करें
अपने क्रेडेंशियल का इस्तेमाल करके लॉग-इन करें। ‘ई-फाइल’ सेक्शन में जाएं और उचित असेसमेंट वर्ष को चुनें।
ई-फाइलिंग आईटीआर(ITR) के बारे में और अधिक जानें
स्टेप 3: डिटेल्स को पूरा करें
फार्म 16 का इस्तेमाल सैलरी इनकम, टीडीएस(TDS) अमाउंट और अन्य इनकम के स्रोतों जैसी डिटेल्स भरने के लिए करें।
स्टेप 4: कन्फर्म करें और सबमिट करें
सारी जानकारी भरने के बाद, ऑनलाइन सिस्टम आपकी टैक्स देनदारी की गणना करेगा। अगर काटा गया टीडीएस(TDS) अमाउंट इससे ज़्यादा है, तो देने वाले अमाउंट को प्रदर्शित किया जाएगा। सभी डिटेल्स को वेरिफ़ाई और कंफ़र्म करें, और फिर सबमिट करें।
टीडीएस (TDS) रिफंड स्टेटस को कैसे चेक करें?
जमा करने के बाद, आपके रिफंड की स्थिति के बारे में जानने के लिए उत्सुक होना नेचुरल है। सौभाग्य से, इसे ट्रैक करना आसान है:
ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं: लॉग-इन करने के लिए अपने क्रेडेंशियल का इस्तेमाल करें।
‘मेरा अकाउंट’ पर जाएं: ड्रॉपडाउन से रिफंड/डिमांड की स्थिति चुनें यह आपके रिफंड स्थिति पर रियल-टाइम अपडेट प्रदान करेगा।
टीडीएस (TDS) रिफंड की अवधि क्या है?
वैसे तो आमतौर पर, आपके आईटीआर (ITR) को वेरिफ़ाई करने के बाद, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कुछ सप्ताह के अंदर रिफंड करता है। हालांकि, वे मैनेज कर रहे अनुरोधों की मात्रा के आधार पर, कभी-कभी यह कुछ महीनों तक का समय ले सकता है।
टीडीएस(TDS) रिफंड की स्थिति वेरिफ़ाई हो रही है
जमा करने के बाद अपनी आईटीआर (ITR) को वेरिफ़ाई करना ज़रूरी है। आप ऑनलाइन आधार आधारित ओटीपी (OTP) वेरिफ़ाई का ऑप्शन चुन सकते हैं या बैंगलोर में केंद्रीकृत प्रोसेसिंग सेंटर फ़िज़िकली रूप से हस्ताक्षरित आईटीआर-वी (ITR-V) (स्वीकृति) भेज सकते हैं।
टीडीएस (TDS) रिफंड पर ब्याज
अगर आपके टीडीएस(TDS) रिफंड में निर्धारित अवधि से ज़्यादा देरी हो जाती है, तो आप आमतौर पर 6% प्रति वर्ष पर ब्याज के लिए पात्र हो सकते हैं, जिसकी गणना आपके टैक्स की देय तिथि के बाद पहले महीने से की जाती है।
इनकम टैक्स रिफंड स्थिति के प्रकार
ट्रैकिंग शुरू करने के बाद, आपको विभिन्न स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जैसे:
- रिफंड निर्धारित: इंडीकेट करता है कि रिफंड संसाधित किया जाएगा।
- रिफंड भेज दिया गया हैः रिफंड को आपके बैंक में भेज दिया गया है।
- रिफंड विफल: एक समस्या थी; जिसके कारण आपकी बैंक डिटेल्स को दोबारा जांचने की आवश्यकता पड़ सकती है।
धारा 89 के तहत राहत पर विचार करें
अगर आपको बकाया या एडवांस सैलरी प्राप्त हुई है, तो आप धारा 89 के तहत राहत के पात्र हो सकते हैं। यह राहत सुनिश्चित करती है कि आप अपनी इनकम में वृद्धि के कारण ज़्यादा टैक्स देने के दायरे में प्रवेश न करें। इस राहत का लाभ उठाने के लिए आधिकारिक इनकम टैक्स पोर्टल पर फॉर्म 10 E को भरें।
याद रखने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
- दो या दो से अधिक नौकरियों वाले कर्मचारी फॉर्म 12B का इस्तेमाल करके एक नियोक्ता को अपनी सैलरी और टीडीएस(TDS) डिटेल्स घोषित कर सकते हैं। यह टीडीएस(TDS) की सही गणना और कटौती को सुनिश्चित करता है।
- धारा 89 ऐसी कटौतियां प्रदान करती है जिनका क्लेम कोई टैक्स के योग्य इनकम को कम करने के लिए कर सकता हैं।
- नियोक्ताओं को फॉर्म 16 में टीडीएस (TDS) डिटेल्स प्रदान करनी चाहिए और विशिष्ट ज़रूरी डिटेल्स के लिए फॉर्म 12 BA भी देना चाहिए।
- टीडीएस(TDS) जमा करने की एक निश्चित समय सीमा होती है। सरकारी नियोक्ताओं के लिए यह वही दिन होता है; अन्य लोगों के लिए यह निर्भर करता है कि कटौती कब हुई।
- प्रत्येक नियोक्ता को तिमाही आधार पर फॉर्म 24Q का इस्तेमाल करके टीडीएस(TDS) रिटर्न दाखिल करना होगा।
- अंत में, नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को टीडीएस(TDS) सर्टिफिकेट प्रदान करने की जिम्मेदारी है।
सैलरी प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के लिए टीडीएस(TDS) का क्लेम करने के तरीके की सही जानकारी महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने टैक्स का अधिक भुगतान नहीं कर रहे हैं।
FAQs
मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं टीडीएस (TDS) रिफंड के लिए पात्र हूं?
टीडीएस(TDS) रिफंड के लिए पात्रता तब उत्पन्न होती है जब आपका नियोक्ता आपकी लागू कटौतियों और छूटों के बाद आपके देयता से अधिक कर काटता है. इसका मतलब यह है कि आपने अपनी वार्षिक वित्तीय गतिविधियों से अधिक कर का भुगतान किया है. अगर ऐसा मामला है, तो आप टीडीएस (TDS) रिफंड के पात्र हैं.
टीडीएस (TDS) रिफंड क्लेम करने के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
टीडीएस (TDS) रिफंड का क्लेम करने के लिए, आपके नियोक्ता द्वारा एक वित्तीय वर्ष के अंत में प्रदान किया जाने वाला फॉर्म 16 होना आवश्यक है. इसके अतिरिक्त, एक विस्तृत समरी तैयार करें जो आपके अन्य सभी आय स्रोतों और वर्ष के दौरान आपके द्वारा लिए गए किसी कर बचाने वाले निवेश या साधनों की लिस्टिंग करता है.
क्या टीडीएस (TDS) रिफंड राशि पर ब्याज़ का भुगतान किया जाता है?
बिल्कुल. मान लीजिए कि आयकर विभाग एक निश्चित अवधि से के बाद आपके टीडीएस (TDS) के रिफ़ंड में देरी करता है. उस मामले में, वे रिफ़ंड योग्य राशि पर यह सुनिश्चित करते हुए 6% प्रति वर्ष की ब्याज दर का भुगतान करके क्षतिपूर्ति करते हैं, किविलंब के कारण आपको नुकसान नहीं हो.
अगर मेरी टीडीएस (TDS) रिफंड प्राप्त करने में देरी हो तो मुझे क्या करना चाहिए?
सबसे पहले, शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में जमा किए गए सभी विवरणों की समीक्षा करें. अगर सभी विवरण सही हैं और फिर भी अनावश्यक देरी हो रही है, तो आयकर विभाग हेल्पलाइन से संपर्क करने की सलाह दी जाती है.
क्या टीडीएस (TDS) रिफंड को अन्य बकाया टैक्स बकाया राशि के लिए एडजस्ट किया जा सकता है?
हां, निस्संदेह. अगर आपके पास पिछले वर्षों से कोई कर बकाया कर देयता है, तो आयकर विभाग के पास उन बकाया राशियों के विरुद्ध आपके वर्तमान टीडीएस रिफंड को एडजस्ट करने का प्रावधान है. यह आपके कर से संबंधित सभी बकाया राशियों का कुशल निपटान सुनिश्चित करता है.