Will the festive season have an impact on Auto stocks? | Hindi
क्या त्योहारों का सीज़न ऑटो स्टॉक पर असर डालेगा?
नमस्कार दोस्तों, एंजेल वन के इस पॉडकास्ट में आपका स्वागत है। अगर आप पहली बार सुन रहे हैं तो आपका अभिनंदन - क्योंकि यहाँ हम स्टॉक मार्केट के कान्सैप्ट, आइडिया, नयी खबरों और मुश्किल भाषा को सरल करके बताते हैं। अगर आप हमारे हमेशा के श्रोता हैं , तो फिर से हमारे साथ जुडने के लिए धन्यवाद। आपके हमेशा सुनने और पॉडकास्ट शेयर करने से हमें बहुत हिम्मत मिलती है आपके लिए नए टॉपिक लेकर आने की। दोस्तों आज के पॉडकास्ट का फोकस है ऑटो सैक्टर, जिसमें की हम मुख्यत: चर्चा करेंगे ऑटो सैक्टर पर त्योहारों के असर के बारे में। भारत का सबसे लंबा त्योहारों का मौसम गणपती के साथ शुरू हो गया है - और आगे है दिवाली, नवरात्रि, क्रिसमस और नया साल। सबसे ज्यादा शादी भी इससी सीज़न में होती है। तो सबसे ज़्यादा शॉपिंग और महंगे आइटम की शॉपिंग जैसे कार भी इन्हीं दिनो ज़्यादा की जाती है। तो चलिये देखते हैं यह ज़्यादा खर्च का समय कैसे ऑटो सैक्टर पर अपना असर डालेगा। लेकिन इसको समझने के लिए, ऑटो सैक्टर की अभी की हालत के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है, हैं न? आज की चर्चा को कुछ भागों में बाटतें हैं। पहले हम जानेंगे ऑटो सैक्टर का मौजूदा हाल । फिर हम देखेंगे की लोग त्योहारों के मौसम में ऑटो स्टॉक को लेकर इतने आशावान क्यूँ है? तीसरे, हम चर्चा करेंगे कि हम सच में क्या अपेकषा रख सकते हैं? पार्ट 1 : ऑटो सैक्टर कि मौजूदा स्थिति का विश्लेषण - ऑटो कंपनियाँ पेंडेमिक के दौरान डिमांड में आई कमी से जूझ रही है। कुछ छोटे और कम समय के लिए ग्रोथ बर्स्ट, जैसे कि जब पीएलआई स्कीम लायी गयी थी , तो हमें थोड़ा बहुत ऑटो स्टॉक में ग्रोथ देखने को मिली थी। कई दिन पहले टेसला भी ससोना कोमस्टार , संधर टेक्नोलोजिस और भारत फ़ोर्ज के साथ पार्ट्स बेचने के लिए बातचीत कर रही थी तो इन कंपनियों के स्टॉक में उछाल देखा गया था। लेकिन 2021 के दौरान ऑटो सैक्टर में कम ग्रोथ देखा गया है। ऐसा नहीं है कि ऑटो सैक्टर में कोई ग्रोथ नहीं देखा गया है , लेकिन यह बहुत कम है। निफ्टी ऑटो में करीब 6 % ग्रोथ हुआ है 2021 में जोकि बहुत ही निराशाजनक है। निफ्टी 50 में करीब 18% ग्रोथ देखा गया है। बात यह है कि ऑटो कंपनियाँ केवल कम डिमांड से ही नहीं जूझ रही, बल्कि कोम्पोनेंट्स मिलने में भी प्रोब्लेम है , तो प्रॉडक्शन और सप्लाइ पर भी असर पड़ा है। पार्ट 2 : एकदम से यह पॉज़िटिव माहौल क्यूँ? क्या सिर्फ त्योहारों के मौसम का असर है या और फ़ैक्टर्स भी इसके लिए जिम्मेदार हैं? पिछले साल जब पेंडेमिक अपने पूरे स्विंग में था, तब भी कार बाज़ार में काफी अच्छी ग्रोथ देखी गयी थी। अभी भी फ़ेस्टिव सीज़न ऐसे टाइम पर आ रहा है जब लोक डाउन खतम हो चुका है, अगर यह ऐसा ही रहा। तो संभावना यह है कि लोग खुश रहेंगे और पैसे खर्चने के लिए तैयार होंगे। तीसरा रीज़न यह है कि जब लोक डाउन खतम हो जाता है तो लोग बाहर जाना चाहते हैं, ऑफिस भी जाना पड़ता है, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सबके लिए रिसकी लगता है कोविड कि वजह से। तो जो लोग अफफोर्ड कर सकते हैं वो अपना खुद का वाहन लेने के लिए तैयार हो सकते हैं। यह एक बड़ा कारण है और यह ज्यादातर लोक डाउन का अंत है त्योहारों के मौसम से ज्यादा।चौथा कारण है कि कई सैक्टर में सैलरी में अच्छी बढ़त देखि गयी है, जब लोगों को पैसा मिल जाता है। खासकर भारत में तो नयी गाड़ी खरीदने लाइफ स्टाइल को अप ग्रेड करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। इसका भी फ़ेस्टिव सीज़न से कोई लेना देना नहीं है लेकिन यह सकारात्मक होने का एक महत्वपूर्ण कारण है। पार्ट 3: ऑटो स्टॉक की अपेक्षाओं का सही व्याख्या। सारे के सारे रीज़न मांग के बढ्ने के लिए अपेक्षाओं को बढ़ा रहे हैं, लेकिन जैसा की मैंने पार्ट 1 में कहा कि सप्लाइ में भी प्रोब्लेम है। पूरी दुनिया में चिप शोरटेज है जिसकी वजह से सप्लाइ थोड़ी रुक सी गयी है। सिर्फ यही नहीं... और भी प्रोब्लेम है ऑटो सैक्टर में जैसे रॉ मटीरियल का कोस्ट काफी बढ़ गया है। यह फेकतर भी स्टॉक मार्केट निवेशक के फाड़े को कम करता है। आपको फाड़े से मतलब है ताकि लंबे समय में आपको अच्छे रिटर्न मिल सके। ऑटो सैक्टर में कोविड - 19 वेक्सीनेशन और सैलरी हाइक कि वजह से भी ऑटो सैक्टर कम प्रॉफ़िट ले पा रहा है। लेकिन कुछ इकलौते स्टॉक हैं जो अच्छा कर रहे हैं, जैसे भारत फ़ोर्ज ने अगस्त में स्टॉक प्राइस में करीब 50% कि ग्रोथ दिखाई है। ऐसा लग रहा है कि यह नाम पहले कहीं सुना है? भारत फ़ोर्ज ही वो कंपनी है जो टेसला के साथ कॉम्पोनेंट सौरसिंग कि बात के कारण न्यूज़ में थी। पार्ट 1 में इस कंपनी को मेंटीओन किया था अगर आपको याद हो। कुछ विशेषज्ञ, निवेशकों को ऑटो स्टॉक से दूर रहने को कह रहे हैं जब तक सप्लाइ कि प्रोब्लेम सोलव नहीं हो जाती। आगरा आपको ऑटो सैक्टर में इन्वेस्ट करना है तो आपको व्यक्तिगत कंपनी पर ध्यान रखकर निवेश करना चाहिए। कंपनी कि परंपरागत ग्रोथ के अलावा उसके पी/ ई रैशियो को भी देख लें। हो सकता है आप उसे कम दाम में खरीद कर भविष्य में अच्छी अर्निंग कर सको। लेकिन हाँ अपनी रिसर्च करके। दोस्तों अब हम इस पॉडकास्ट के अंत पर पहुँच गए है और हमेशा कि तरह में अंत में एक सलाह देता हूँ: चाहे ऑटो स्टॉक हो या कोई दूसरा सैक्टर, बॉन्ड हो , स्टॉक हो या एफ़ & ओ , स्टॉक मार्केट में हमेशा रिस्क रहेगा। निवेश से पहले अपने रिस्क एपेटाइट को सावधानी से मूल्याकन कर लें। अपने रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने के बाद बचे हुए पैसे को ही इन्वेस्ट करें। जाने से पहले यह ज़रूर याद रखिएगा की बाज़ार निवेश में हमेशा रहेगा। यह पॉडकास्ट केवल जानकारी के लिए बनाया गया है, निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें। जो भी करें अपने सभी फल एक टोकरी में मत रखिए। अपने पोर्टफोलियो को डाइवेर्सिफ़ाई करके अलग -ऐ अलग सैक्टर में निवेश करें ताकि कोई भी लॉस की स्थिति में दूसरे सैक्टर से ऑफसेट हो सकता है।निवेश बाज़ार ज़ोखिमों के आधीन हैं, कृपया निवेश से पहले सभी संबन्धित दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें।