Why companies go the IPO route | Hindi

Podcast Duration: 7:39
कंपनियाँ आई पी ओ का रूट क्यों लेती हैं। हैलो फ्रेंड्स और स्वागत है आपका एंजेल वन के एक और रोचक पॉडकास्ट में। दोस्तों, क्या कभी आपने सोचा है की कंपनियाँ पब्लिक निवेश के लिए क्यों जाती हैं? आखिर आई पी ओ में खर्चे काफी रहते हैं, और फिर शेयर होल्डेर्स का ध्यान कंपनी पे रहता है। बहुत ज्यादा तनाव भरा लग रहा है न। तो ज़ाहिर सी बात है कंपनियों के पास ज़रूर कोई बड़ा कारण होगा आई पी ओ होस्ट करने का। एक कंपनी आईपीओ रूट क्यों लेती है इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं। एक कंपनी इन दोनों कारणों या इनमें से किसी एक कारण की वजह से पब्लिक हो सकती है। इससे पहले के हम शुरू करें, आप सोच रहें होंगे के कंपनी के आई पी ओ करने का कारण मुझे जानना क्यों ज़रूरी है? मेरे हिसाब से सही सवाल है... कंपनी पैसा चाहती है। तो आपको पता होना चाहिए की वो उस पैसे के साथ क्या करेंगे, ताकि आप मूल्यांकन कर सकें कि क्या मैं इस चीज़ के लिए पैसा देना चाहती हूँ? क्या यह समझदार निवेश है? क्या इस निवेश में ग्रोथ का पोटेनशियल है? हाँ, हाँ आई पी ओ आपको काफी कम कीमत पर शेयर खरीदने और शायद काफी ज्यादा कीमत पर बेचने देता है , लेकिन कंपनी में ग्रोथ कि संभावना होनी चाहिए। याद रखिए, ये ज़रूरी नहीं है कि आप कम कीमत पर ही खरीद रहे हों , यह सिर्फ एक सामान्य आशा को दर्शाता है जो आईपीओ से जुड़ी होती है। इन कंपनियों को स्टॉक प्राइस का अपवर्ड ट्रेंड रखने के लिए कुछ प्रॉफ़िट दिखाने होते हैं... दूसरे मार्केट कंडिशन भी साथ में चाहिए लेकिन ये है बेसिक चुनाव का मानदंड। तो चलो अभी आप जानते हो की यह जानना इतना ज़रूरी क्यों है की कंपनी आईपीओ के लिए क्यों जा रही है। चलिये, कारण जानते हैं। रीज़न नंबर- 1- पूंजी उगाहने के लिए - आई पी ओ होस्ट करने का सबसे सामान्य गोल जनता से पूंजी निवेश आकर्षित करना है। हालांकि, पूंजी उगाहने के कई सारे कारण हो सकते हैं। कुछ ऐसे जिन्हें शेयर धारक सकारात्मक रूप में देखते है और कुछ को नहीं। कंपनियाँ पूंजी किसी दूसरी कंपनी को खरीदने के लिए भी उगाह सकती हैं। ऐसे ही एक आई पी ओ दूसरी नयी मार्केट्स में विस्तार करने के विचार से मौजूदा मार्केट से पूंजी उगाह सकता है। इस्स तरह के रीज़न सुनकर शेयर धारक सकारात्मक हो जाते है क्योंकि पूंजी विस्तार के लिए लगाना एक तरह से निवेश पर बेहतर रिटर्न्स का सूचक है। ज़ोमेटो का 8250 करोड़ का आई पी ओ निकालने का प्लान है। कंपनी के रेड हेररिंग प्रोस्पेक्टस में वादा किया है की आईपीओ प्रोसीड्स में से 75% विस्तार के लिए इस्तेमाल होगा और 25% सामान्य कॉर्पोरेट खर्चों के लिए। बैंकिंग और फ़ाइनेंस कंपनियाँ अपना पूंजी निवेश बढ़ाने के लिए आईपीओ लाती हैं, ताकि भविष्य में उनकी पूंजीगत जरूरतों को पूरा किया जा सके। 2020 में एस बी आई कार्ड्स ने आई पी ओ किया और रेड हेररिंग प्रोस्पेक्टस में बताया की प्रोसीड्स को वो अपने आर्थिक बेस के विस्तार और अपनी भविष्य की पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करेंगे। इस साल फिनकेयर स्माल बैंक ने इसी तरह रेड हेररिंग प्रोस्पेक्टस में कहा है की प्रोसीड्स उनके टीएर -1 फिनेंशियल बेस को बढ़ाने और भविष्य की पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस बैंक का उदाहरण अपने दूसरे कारण में भी दूँगा जब में उस कारण के बारे में बात करूंगा (पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने के अलावा)। अभी फिर से पहले कारण की और बढ़ते हैं - एक बार फिर से बताना चाहूँगा की पूंजी की उगाही करना आई पी ओ होल्ड करने का मुख्य कारण हो सकता है। पूंजी उगाही करने का दूसरा कारण हो सकता है कर्ज़ों को उतरना। उसी तरह कॉर्पोरेट एक्सपेनसिस के लिए भी , एक कंपनी आई पी ओ होस्ट कर सकती है। कुछ कंपनियाँ विस्तार के उद्देश्य में भी आईपीओ का पैसा इस्तेमाल करती हैं, ऐसी स्थिति में क्योंकि कर्ज़ों को चुकाना और एक्सपेनसेस मेनेज करना भी निवेशकों के लिए अटरेकटिव हो सकता है। इसलिए डैब्ट सेट्लमेंट और कॉर्पोरेट खर्चे भी एक कंपनी के लिए आई पी ओ होस्ट करने के कारण हो सकते हैं। अगर आप रेड हेररिंग प्रोस्पेक्टस को ध्यान से देखें कि यह पैसा किस लिए इस्तेमाल किया जाएगा। निवेशक कंपनी का ओवर ऑल पोटैन्श्यल और पिछली आर्थिक स्थिति को ध्यान से देख कर ही ध्यान से निवेश करते है। हम निम्न उदाहरणों को देखते है: - गो फ़र्स्ट एयरलाइन्स 3600 करोड़ के आई पी ओ के लिए अपना रेड हेररिंग प्रोस्पेक्टस दाखिल किया है, जिसके अनुसार सारा पैसा एयरलाइन का कर्ज़ उतारने के लिए प्रयोग किया जाएगा। उसी तरह सुप्रिया लाइफसाइन्सिस कर के एक फार्म कंपनी ने अपने रेड हेररिंग प्रोस्पेक्टस में लिखा है कि पैसा पूंजी निवेश और कर्ज़ मुक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। यह फार्म कंपनी 1200 करोड़ का आई पी ओ प्लान कर रही है। हम इस कंपनी के बारे में अभी थोड़ी देर में बात करेंगे। देवयानी इंटरनेशनल का नाम मुझे पता नहीं कि आपने सुना होगा या नहीं, लेकिन यह काफी बड़ी कंपनी है। यह कंपनी पिज्जा हट, के एफ़ सी और कोस्टा कॉफी के सबसे बड़ी फ्रैंचाइज़ है। इनके भी आई पी ओ होस्ट करने के प्लान है, इनका कहना है कि यह जमा किए गए पैसे को कर्ज़ उतारने और कॉर्पोरेट खर्च के लिए इस्तेमाल करेंगे। रीज़न नंबर 2- मौजूदा सेयर होल्डेर्स को निकालने कि आज़ादी। कई सारी कंपनियाँ निवेशकों द्वारा दिये गए पैसे से अपने को तल से उठाने में कामयाब हो जाती हैं। इसे प्राइवेट इक्विटि के नाम से जाना जाता है। यह निवेशक कंपनी के शुरुआत में ही कंपनी के निवेशक बन जाते हैं, उसके पब्लिक होने से पहले ही जब वो प्राइवेट लिमिटेड होती है। जब तक कंपनी पब्लिक लिमिटेड होती है, यह निवेशक अपना टार्गेट पूरा कर चुके होते हैं और अपने शेयर बेचने का तय कर सकते हैं। उदाहरण के लिए सी ए एम एस ने पिछले साल एक आई पी ओ होस्ट किया, जिसके रेड हेररिंग प्रोस्पेक्टस मेनशन किया कि आई पी ओ शेयर होल्डेर्स कि एन एस ई इनवेस्टमेंट को बेच कर उन्हें निकालने कि अनुमति देगा। याद है कुछ मिनट पहले हमने सुप्रिया लाइफसाइन्सिस के बारे में बात की थी। इनका - अगर आपको याद हो 1200 करोड़ का आई पी ओ लाने का प्लान है। इनमें से सिर्फ 200 करोड़ फ्रेश इशू है। बाकी का 1000 करोड़ कंपनी के प्रोमोटर का ऑफर फॉर सेल है। एक और कंपनी जिसके बारे में हमने कहा था कि हम बात करेंगे जब हम कंपनी के पब्लिक होने के दूसरे कारण के बारे में बात करेंगे। फिनकेयर समाल बैंक.... सुप्रिया लाइफ साइन्सिस कि तरह यह कंपनी भी दो गोल साध रही है, पूंजी निवेश लाने के साथ -साथ शेयर होल्डेर्स को एक्ज़िट कराने का भी। आई पी ओ कि कुल राशि 1330 करोड़ है जिसमें से 1000 करोड़ प्रोमोटेर्स की ओ एफ़ एस है। अब आप जान गए होंगे की कंपनियाँ क्यूँ पब्लिक होती हैं। अगर आप आई पी ओ में इन्वेस्ट करने में रुचि रखते हैं तो यह दो चीज़ें ज़रूर याद रखें। रेड हेररिंग प्रोस्पेक्टस को ध्यान से पढ़ें और कंपनी की आर्थिक हिसटरि का अच्छे से एनालिसिस करें। तो आज के पॉडकास्ट में बस इतना ही, फिर मिलेंगे जल्द। ऐसे ही जानकारी भरे कंटैंट , जुलाई में आने वाले अपकमिंग आई पी ओ और उससे जुड़ी और भी कई रोचक कंटैंट के लिए हमसे जुड़े रहें। तब तक के लिए गुड बाय , सुरक्षित रहिए, और शुभ निवेश। निवेश बाज़ार जोखिमों के आधीन है, कृपया सभी संबन्धित दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें। Investments in the securities markets are subject to market risks. Read all the related documents carefully before investing.