What Causes a Stock Market Bubble and how to navigate difficult market conditions? | Hindi
स्टॉक मार्केट बबल के क्या कारण हैं, और मार्केट में मुश्किल परिस्थितियों से कैसे बचें।
हैलो दोस्तों, एंजेल वन के एक और जानकारी भरे पॉडकास्ट में आपका स्वागत है। आज के इस पॉडकास्ट में हम मार्केट बबल के बारे में बात करेंगे। स्टॉक मार्केट बबल एक बहुत ही रोचक टर्म है, ये मार्केट के एक्सटर्नल फ़ैक्टर्स की वजह से नहीं बल्कि निवेशकों या ट्रैडर के व्यवहार या ज्ञान पर आधारित पक्षपात की वजह से होता है। सटीकता से कहें तो , मार्केट बबल भीड़ के एक तरफ झुकाव का परिणाम है। स्टॉक मार्केट बबल तब बनते हैं जब स्टॉक मार्केट त्रादेर्स स्टॉक प्राइस को बढ़ा देते हैं। ये प्राइस राइस स्टॉक के वेल्यूएशन की तुलना में होता है, स्टॉक, एसेट या पूरे मार्केट का प्राइस ट्रैडरस की झूठी डिमांड की वजह से बढ़ता है। इसका मतलब है की इन स्टॉक के प्राइस अपने आप नहीं बढ़ते। यह बबल बाद में टूटता है और स्टॉक इतनी ज़्यादा मात्र में बेचे जाते हैं की उनका दाम बहुत गिर जाता है। स्टॉक मार्केट बबल टूटने के बाद मार्केट ज़्यादातर क्रैश होता है। इतिहास :- स्टॉक मार्केट बबल के पहले कुछ घटनाएँ निदर लेंड हुई हैं।1600 में डच रिपब्लिक ने आर्थिक तौर पर काफी प्रगति की, यह दुनिया की पहली जगह थी जहां एक स्टॉक एक्स्चेंज और स्टॉक मार्केट बनाया गया। बल्कि, 1630 में हुये डच ट्यूलिप मेनिया को दुनिया का पहला बबल माना जाता है। कुछ और स्टॉक मार्केट बबल थे फ़्रांस की मिसीसिप्पी स्कीम और इंग्लैंड का साउथ सी बबल। ट्वेंटियथ सेंचुरी में स्टॉक मार्केट बबल के 2 बड़ी घटनाएँ रिकॉर्ड की हैं। 1929 में यूएस का वाल स्ट्रीट क्रैश हुआ, जो ग्रेट डिप्रेशन का कारण बना। 1920 में रेडियो, एविएशन और इलैक्ट्रिक पावर ग्रिड जैसे कई इन्वेन्शन हो रहे थे। इसी तरह, 1990 की आखिर में , नयी तकनीक आ रही थी। ऐसे वातावरण में ट्रैडर ने कई काल्पनिक एक्टिविटी की जिससे डॉट कॉम बबल क्रिएट हुआ। स्टॉक बबल क्यों होते हैं? स्टॉक मार्केट बबल तब होते हैं जब कोई आईपीओ के टाइम पे हॉट मार्केट क्रिएट होते हैं। इनवेस्टमेंट बैंकर्स ऐसे टाइम पे कम रेट पर स्टॉक इशू कर सकते हैं। आईपीओ हॉट मार्केट में फंड्ज स्पेकुलेटिव ट्रेंड्स वाले एरिया में एलोकेट हो जाते हैं , बजाय उन इन्स्टीट्यूशन्स के जो लॉन्ग टाइम वैल्यू क्रिएट करते हैं। अगर एक स्टॉक मार्केट बबल में कई सारी आईपीओ होती हैं तो एक साथ कई आईपीओ फ़ेल हो सकती हैं। स्टॉक मार्केट बबल क्रिएट होने के 5 स्तगेस हो सकते हैं :- स्टेज 1 : स्थानांतरण : यह तब होता है जब निवेशक किसी नए धारणा से प्रभावित होते हैं। परंपरागत तौर पर कम ब्याज दर स्थानांतरण की कारक हैं। स्टेप 2: - बूम : स्थानातरण के बाद प्राइस धीरे - धीरे बढ़ते हैं, इसके बाद प्राइस राइस में गति आती है क्योंकि ज़्यादा से ज़्यादा निवेशक और ट्रैडर स्टॉक मार्केट में प्रवेश करते हैं। ऐसे में एक बूम की स्टेज आती है, आमतौर पर बूम के दौरान उस एसेट को बहुत मीडिया अटेन्शन मिलती है। तो अब ट्रैडर सोचने लगते हैं की इस एसेट को खरीदना ज़िंदगी में एक बार मिलने वाला मौका है। ऐसे और अफवाहें पैदा होती रहती है। स्टेप 3:- उत्साह का माहौल : इस्स स्टेज पे निवेशक ऊंचे दामों के बारे में ज़्यादा सतर्क नहीं होते, एसेट की वेल्यूएशन काफी ऊंचे स्तर पर पहुँच जाती है। ऐसे में मूल्य वृद्धि को जस्टीफ़ाई करने के लिए कई नए तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। स्टेप 4 :- प्रॉफ़िट टेकिंग : इस समय कई समझदार निवेशक खतरे को भाँपते हुए स्टॉक को बेचना शुरू करते हैं। इस समय वो जितना हो सके उतना प्रॉफ़िट कमाना चाहते हैं। स्टेज 5 : पेनीक : इस्स स्टेज पर स्टॉक मार्केट का बबल फट जाता है। जब स्टॉक होल्डर पेनीक करने लगते हैं और उस शेयर का प्राइस बहुत गिर जाता है। निवेशक इस समय किसी भी प्राइस पर अपने स्टॉक को बेचना चाहते हैं। जिससे सप्लाइ - डिमांड से ज़्यादा बढ़ती है और प्राइस और गिरने लगता है। स्टॉक मार्केट बबल से कैसे निकलें ? सामान्यत: जो लोग स्टॉक मार्केट के बबल के बबल के भागीदार होते है वो " फूल गेंबिट" खेल रहे होते हैं। इसका मतलब है की वो सोच रहे होते हैं की कोई भी उनके शेयर को किसी भी प्राइस पर खरीद लेगा। लो इंटरस्ट की वजह से कुछ निवेशक बढ़े हुए प्राइस पर भी स्टॉक खरीदते हैं। ट्रैडर जल्दी- जल्दी प्रॉफ़िट बनाने के लिए इस बबल में भाग लेते हैं। बिलकुल स्टॉक मार्केट बबल में भाग लेने के कई रिस्क होते हैं, ऐसी स्थिति में कुछ समझदार निवेशक स्टॉक मार्केट के तिमर गेंबिट का फायदा उठा सकते हैं। एह बहुत आसान लगता है पर करने में उतना ही मुश्किल हो सकता है। इसमें स्टॉक मार्केट के गिरने से पहले सही समय पर निवेश करने की प्रतीक्षा करनी होती है। ऐसे निवेशकों को वो पॉइंट पहचानना होता है जब वो कम कीमत पर शेयर खरीद पाएँ, लेकिन नुकसान होने से पहले बेच दें। बबल के दौरान निवेशक अपने पोर्टफोलियो में सिप भी शामिल कर सकते हैं। एसेट एलोकेशन जो आपके ग्रोथ , इंकम की जरूरतें और लिकुइडिटी को बैलेन्स कर सकते हैं। पोर्टफोलियो को अपनी ज़रूरत के अनुसार बैलेन्स करते हुए ये कभी न भूलें कि अपनी क्षमता के बाहर न जाएँ, चाहे आपको छूटने का खतरा ही क्यों न हो। अपनी आय, टेक्स और ऐसी ही आयी जरूरतों को बैलेन्स करते समय अपनी इक्विटि, डैब्ट और दूसरे निवेशों को आप अपनी ज़रूरत के अनुसार बैलेन्स कर सकते हैं। आज के पॉडकास्ट में बस इतना ही, जाने से पहले यह ज़रूर याद रखिएगा की बाज़ार निवेश में हमेशा रहेगा। यह पॉडकास्ट केवल जानकारी के लिए बनाया गया है, निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें। ऐसे और रोचक पॉडकास्ट सुनने के लिए हमें यूट्यूब और दूसरे सोश्ल मीडिया चैनल पर फॉलो करें। तब तक के लिए गुड बाय और शुभ निवेश। निवेश बाज़ार ज़ोखिमों के आधीन हैं, कृपया निवेश से पहले सभी संबन्धित दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें।