Investing off the beaten path/Unconventional Investing Options Explored/ Some not so popular investing strategies

Podcast Duration: 3:07
लीक से हटकर निवेश करना - नमस्कार दोस्तों, एंजेल वन पॉडकास्ट में आपका स्वागत है। हमारे लोयल सुनने वालों को वैल्कम बॅक और पहले बार सुनने वालों को वैल्कम। अगर आप हमारे पॉडकास्ट सुन रहे हो तो यहाँ आप स्टॉक मार्केट के कान्सैप्ट और कोन्फ़्युसिंग न्यूज़ को डिकोड, और स्टॉक मार्केट कि मुश्किल टर्म्स को आसानी से समझ सकते हैं। मेरा यह प्रॉमिस है कि मैं आपको बोर नहीं करूंगा सिम्पल, तरीके से इक्सप्लेन करूंगा। आज का टॉपिक है अन्यूसूयल इनवेस्टमेंट ऑप्शन माने वो इनवेस्टमेंट जिन के बारे में लोग या तो जानते नहीं है या तो वो जानते हैं, पर ये नहीं जानते कि वो कैसे काम करते हैं। वैसे काफी सारे ऑप्शन हैं लेकिन आज हम डिस्कस करेंगे उनके बारे में जो 3 नियम फॉलो करते हैं - यह तीन वर्ग में आते हैं फ़िक्स्ड इंकम, रियल एस्टेट, स्टॉक मार्केट और स्टॉक मार्केट लिंकेड। ये निवेश के रास्ते ज़रूरी नहीं कि इंडिया में पर यह पिछले 25 सालों से मौजूद हैं। मैं आपको इस पॉडकास्ट पे ज़्यादा रिसकी रास्ता नहीं दिखाना चाहता। निवेश का रास्ता आम आदमी कि पहुँच में होना चाहिए जिनके पास निवेश करने के लिए करोड़ों रुपये नहीं होते। तो हम प्राइवेट इक्विटि के बारे में बात नहीं करेंगे। मैं आपको यह बोलकर डराना नहीं चाहता कि आपकी राशि छोटी है , कोई भी राशि छोटी नहीं होती - बस आपको सही निवेश का ऑप्शन ढूँढना होगा। यह मेरा सेलेक्शन का मानदंड जिसके बेसिस पे मैंने 4 एसेट क्लास के लिए 4 इनवेस्टमेंट ऑप्शन शॉर्ट लिस्ट किए हैं। फ़िक्स्ड इंकम में डिस्कस करेंगे एफ़डी स्माल फ़ाइनेंस बैंक में, रियल एस्टेट में देखा जाएगा आर ई आई टी, स्टॉक मार्केट में टेक्स सेविंग बोण्ड्स देखेंगे और अंत में स्टॉक मार्केट लिंक में हम डिस्कस करेंगे ओपोर्च्युनिटी फ़ंड के बारे में जो ज़्यादा कोमन नहीं हैं। समाल फ़ाइनेंस में एफ़डी - स्माल फ़ाइनेंस बैंक अपना नाम बनाने और प्रतिद्वंदीयों का मुक़ाबला करने के लिए कस्टमर को अच्छे ब्याज दर, कम समय के लिए ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। जोकि 5-6 % से लेकर 10% तक है, ज़्यादा तर आपको 1 से 2 साल के लिए 1 लाख से ज़्यादा राशि रखनी पड़ सकती हैं। पर कुछ लोग तो यह ब्याज दर पाने के लिए एक बड़ी राशि भी रखने को तैयार हैं। लोगों की एक गलत अवधारणा है की स्माल फ़ाइनेंस बैंक रिसकी है, पर वो किसी भी और बैंक की तरह ही आर बी आई से गवर्न हैं। पक्ष और विपक्ष - पक्ष हैं हाइ इंटरेस्ट रेट, व्यक्तिगत सर्विस और छोटी अवधि का लोक - इन। विपक्ष केवल एक है, बड़े ब्याज के लिए ज़्यादा अवधि का लोक - इन। आर ई आई टी - रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट- इंडिया में थोड़ा नया है पर ग्लोबली 1970 से शुरू हुआ। इस तरह के इनवेस्टमेंट में निवेशकों का कैपिटल पूल किया जाता है और इनवेस्टमेंट मैनेजर इस पूंजी को कुछ खास रियल एस्टेट फ़ंड में इन्वेस्ट कर देते हैं। इस तरह आप रियल एसटे में इन्वेस्ट कर रहे हैं लेकिन एक घर खरीदने के लिए आप लाखों खर्च करने के बजाय कुछ हजारों रुपये से कई तरह के रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट करते हैं। एक प्रोजेक्ट में पैसे रख के जिसमें प्राइस बढ़े या नहीं, बहुत सारे प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करते हैं जिसमे 2 से 2.5% का ब्याज मिल ही जाता है जो अब सरकार ने ज़रूरी कर दिया है। प्रोस एंड कोनस - - प्रोस है दिवेर्सिफाइएड एक्सपोजर और इंडाइरेक्ट एक्सपोजर ( क्योंकि आप सिलैक्ट नहीं करते हो; एक प्रॉफेश्नल आपके लिए चूज़ करता है)। कोनस है स्टॉक मार्केट रिस्क - आरईआईटी स्टॉक मार्केट में ट्रेड होते हैं। टेक्स सेविंग बोण्ड्स - ये उन इन्वैस्टर के लिए ज्यादा यूज़फुल हैं जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स चाहते हैं, लॉन्ग टर्म गेन्स लॉन्ग टर्म स्टॉक मार्केट लिंकेड इनवेस्टमेंट होती है। तो आपके स्टॉक या बॉन्ड या आरईआईटी या म्यूचल फ़ंड पे जो रिटर्न मिलता है अगर आप एक साल से ज्यादा के लिए इन्वेस्ट करते हो तो ये अर्निंग टेकसेबल रहती है इसको सेव करने के लिए आप टेक्स सेविंग बोण्ड्स में इन्वेस्ट कर सकते हो। बोण्ड्स का फंडा है आप क्रेडिटर बन जाते हो, और बॉन्ड इशूइंग कंपनी डेबिटर बन जाती है और वो आपको एक तय डेट पर इंटरेस्ट के साथ कैपिटल अमाऊंट पे करने के लिए कमिटिड हो जाती है। प्रोस - - स्टॉक और टेक्स सेविंग से ज्यादा सेफ है। कोन है - - क्रेडिट डिफ़ाल्ट रिस्क रहता है - - हो सकता है बॉन्ड इशूयर किसी ट्रबल में आ जाए और पे न करे। एक बात ध्यान में रखें की टेक्स सेविंग बॉन्ड और टेक्स फ्री बॉन्ड अलगा अलग हैं। टेक्स फ्री बॉन्ड वित्त वर्ष के अंत में उपलब्ध रहते हैं और इंका 7 इयर का लोक इन पीरियड होता है। ईसपे कोई टीडीएस नहीं देना पड़ता-- वैसे ये भी सही ऑप्शन हो सकता है ऐसा लगता है चार के बदले आपको 5 ऑप्शन दे रहा हूँ। इसके प्रोस एंड कोनस टेक्स सेविंग बोण्ड्स की तरह सेम हैं। ओपर्च्यूनीटी फंड्ज - - ये दूसरे म्यूचुअल फ़ंड इनवेस्टमेंट के जैसे ही हैं आप यूनिट खरीद लेते हो और दूसरे इन्वैस्टर के निवेश के साथ मिलकर मार्केट में इन्वेस्ट किया जाता है। बस फर्क इतना है की म्यूचुअल फ़ंड थोड़ा रेस्टरिकटिड है - - रिस्क कम करने के लिए डाइवेर्सिफ़ाई करना पड़ता है, डेट और इक्विटि का एक रैशियो होना चाहिए इसलिए इन्वैस्टर स्माल और मिड कप में इन्वेस्ट करते हैं। ओह! थोड़ा ट्रांसलेशन दे दूँ , डेट- होता है बॉन्ड और इक्विटि होता है स्टॉक, कप मार्केट केपिटलाइज़ेशन का शॉर्ट फोरम है जिसमें पब्लिक शेयर होल्डर के पास कितने रुपये के शेयर हैं ये देखा जाता है। ओपर्च्यूनिटी फ़ंड में यह सब रुल्स नहीं हैं, फ़ंड मैनेजर का काम सिर्फ ओपर्च्यूनिटी को ग्रेब करना होता है जिससे अच्छी ग्रोथ मिल सके। प्रो है हाइ रिटर्न्स, कोन है हाइ रिस्क। ये जानकारी सिर्फ आपके लिए है इन्वेस्ट करने से पहले पेपरवर्क को अच्छे से पढ़ें और बैंक या फ़ंड हाउस के रेकॉर्ड अच्छे से चेक करें। और हाँ हमेशा अपना रिस्क एपेटाइट अच्छे से समझना। जाने से पहले एक इंपोर्टेंट बात, ये पॉडकास्ट केवल जानकारी के लिए बनाया गया है, और आपको अपनी रिसर्च ज़रूर करनी चाहिए। ऐसे और रोचक पॉडकास्ट सुनने के लिए हमें फॉलो करें यू ट्यूब और दूसरे सोश्ल मीडिया चैनल पर। तब तक के लिए गुड बाइ और शुभ निवेश। निवेश बाज़ार जोखिमों के आधीन हैं, सभी संभन्धित दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें। Investments in the securities markets are subject to market risks. Read all the related documents carefully before investing.