Investing in SGBs Vs Other Options | Hindi

Podcast Duration: 6:24
एस जी बी के मुक़ाबले अन्य ऑप्शन में निवेश करने के बारे में जानकारी प्राप्त करना। हैलो दोस्तों आपका स्वागत है एंजेल वन के इस पॉडकास्ट पर। इस पॉडकास्ट में हम एस जी बी के मुक़ाबले अन्य ऑप्शन में निवेश की बात करेंगे। सोवरन गोल्ड बोण्ड्स, जिन्हें एस जी बी कहा जाते है आर बी आई द्वारा निवेशकों को डिजिटल प्रकार से गोल्ड रखने के लिए इशू किए जाते हैं। भारत में गोल्ड काफी पॉप्युलर निवेश का तरीका है, लोग फ़िज़िकल गोल्ड में भी निवेश करते हैं - और यह पीढ़ियों से चलता आ रहा है। हिन्दू कलेंडर में धनतेरस का दिन तो सोना खरेदने के लिए ही समर्पित किया गया है। तो निवेशकों के लिए कौन सा ऑप्शन अच्छा है? एस जी बी या फ़िज़िकल गोल्ड? बल्कि, एस जी बी को अन्य चर्चित निवेश के तरीकों जैसे की फ़िक्स्ड डिपॉज़िट,रियल इस्टेट और कुछ और गोल्ड निवेश जैसे की फ़िज़िकल गोल्ड एँड गोल्ड ईटीएफ़ से कैसे कंपेयर करें? चलिये, पहले गोल्ड एक संपत्ति वर्ग को अन्य संपत्ति वर्ग फ़िक्स्ड डिपॉज़िट और रियल इस्टेट के मुक़ाबले देखते हैं । एस जी बी बनाम एफ़ डी - ज़्यादातर फ़िक्स्ड डिपॉज़िट के लिए निवेश का समय लगभग 11 महीने से लेकर 5 साल तक का होता है, जबकि एस जी बी का 8 साल इसलिए शायद फ़िक्स्ड डिपॉज़िट, एस जी बी से बेहतर ऑप्शन माना जाता है। लेकिन निवेशक अपना एस जी बी स्टॉक बेच सकता है या गिफ्ट ट्रान्सफर भी कर सकता है। रिटर्न्स में एसजीबी काफी अच्छी बढ़त के साथ रकम वापस करता है। 2012 में गोल्ड का प्राइस लगभग 3100 रुपये था, और 2020 में 4800 रुपये था। जिन निवेशकों ने 2012 में एस जी बी लिए और 2020 में रीडिम किए उनका तो काफी मुनाफा हुआ होगा। इसके साथ- साथ यह भी बताना पड़ेगा की गोल्ड की कीमतें बीच के सालों में 2600 रुपये तक गिर भी गयी थी। एस जी बी में भी फ़िक्स्ड डिपॉज़िट की तरह इंटरेस्ट दिया जाता है। कुछ निवेशक इसे एफ़ डी रेट के मुक़ाबले में काफी बेहतर समझ सकते हैं। एस जी बी बनाम रियल इस्टेट - रियल इस्टेट में ज़्यादातर मामलों में पूंजी निवेश काफी यानि लाखों में लगता है। जबकि, एसजीबी में आप 1 ग्राम जितना छोटा निवेश भी कर सकते हैं। एस जी बी का वैल्यू नॉन- नेगोशिएबल रहता है, निवेशक मार्केट प्राइस पर खरीदते और बेचते हैं। जबकि रियल इस्टेट में ज़्यादातर नेगोशिएट किया जाता है.... और यह कहना भी गलत नहीं होगा की कभी -कभी किसी जगह की ग्रोथ करने की क्षमता शून्य हो चुकी होती है। कभी-कभी निवेशक पी आर के चक्कर में पड़ कर किसी ऐसी " आनेवाली जगह " में निवेश कर बैठते हैं जहां पर प्राइस पहले से ही ज्यादा होता है या वहाँ की बुनियादी तरक्की होने में इतना समय लग जाता है कि निवेश कि समय सीमा अनुमान से काफी लंबी हो जाती है। समान्यत: रियल इस्टेट में निवेश का समय 10 + साल होता है। चलिये अब गोल्ड में निवेश के विभिन्न तरीकों पर एक नज़र डालते हैं। सोवरन गोल्ड बोण्ड्स, फ़िज़िकल गोल्ड और ई टी एफ़ के मुक़ाबले पर कहाँ आँके जाते हैं? एस जी बी, फ़िज़िकल गोल्ड को निम्न पॉइंट्स के बल पर काफी आसानी से मात दे सकते हैं : - फ़िज़िकल गोल्ड चोरी या गुम हो सकता है। सोवरन गोल्ड बोण्ड्स डिजिटल रूप से किसी के नाम पर इशू किए जाते हैं तो उनकी चोरी या गुम होने की काफी कम संभावना होती है। अगर आप कभी अपना सर्टिफिकेट गुमा भी देते हो तो आर बी आई के पास इसका रिकॉर्ड होता है,तो आपकी गोल्ड होल्डिंग एक दम सुरक्षित है। फ़िज़िकल गोल्ड में मेकिंग चरजिस की वजह से इनवेस्टमेंट कोस्ट बढ़ जाता है। एस जी बी 999 प्यूरिटी के गोल्ड के लिए इशू किया जाता है तो कभी भी गोल्ड की कीमत पर सवाल नहीं उठ सकता, लेकिन फ़िज़िकल गोल्ड की प्यूरिटी में इशू आ जाते हैं। अगर आप बड़ी मात्र में इन्वेस्ट कर रहे हाओ तो लॉकर भी लेना होता है, खर्चा बढ़ जाता है। आखिर आप निवेश की कोस्ट को कम ही रखना चाहते हो। पर यहाँ एक और बात है कि आपका फ़िज़िकल गोल्ड, एस जी बी जिनका निवेश समय 8 साल का होता है की तुलना में ज्यादा आसानी से बेचा जा सकता है। सोवरन गोल्ड बोण्ड्स बनाम ई टी एफ़ - इन दोनों की ही होल्डिंग डिजिटल रूप में होते हैं, पर कुछ मायनों में अलग होते हैं। गोल्ड ई टी एफ़( जिन्हें एक्स्चेंज ट्रेडेड फ़ंड भी कहा जाता है) एक तरह के म्यूचुअल फ़ंड हैं जिनका स्टॉक मार्केट में हर दिन ट्रेड किया जाता है। यह मार्केट का सीधा एक्सपोजर ई टी एफ़ को एस जी बी के मुक़ाबले रिसकी बनाता है। इसके बावजूद हमें यह नहीं भोलना चाहिए के हाइ रिस्क, हाइ मुनाफे का मौका भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त, म्यूचुअल फ़ंड होने की वजह से कुछ पैसा फी के - जोकि म्यूचुअल फ़ंड हाउस को एक्सपेन्स रेशिओ के रूप में भी देना पड़ता है। निवेश समय के मैने में ई टी एफ़ , एस जी बी से बेहतर हैं क्योंकि गोल्ड ई टी एफ़ को कभी भी निकाला जा सकता है। यहाँ तक की जब रीडेंप्शन का दिन आता है एस जी बी निवेशकों को रीडिम करना ही पड़ता है चाहे गोल्ड का रेट उस दिन कम ही क्यों न हो। इसके विपरीत निवेशक गोल्ड ई टी एफ़ को अपनी मर्ज़ी के हिसाब से जब मार्केट ऊपर हो तब रीडिम कर सकते है। तो यह रहा एस जी बी के मुक़ाबले बाकी निवेश के तरीकों के बीच का सही कंपेरिजन। अब आप अपने हिसाब से सही तरीका चुन सकते हैं। वैसे इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफ़ाई करना ज़रूरी है, तो आपको अलग- अलग वर्गों के तरीको से निवेश करना चाहिए। दोस्तों मार्केट से जुड़ा हुआ रिस्क तो हमेशा रहेगा एसजीबी के बारे में सबसे अच्छी बात यह है की गोल्ड की प्राइस चाहे बादल जाये, पर जो यूनिट आप होल्ड कर रहे हैं वो कभी नहीं बदलती। पर जो निवेश मूल्य है वो हमेशा रिस्क पर है, इसलिए हमेशा आपके रोज़मर्रा के खर्चे जैसे की खाना, रेंट, बच्चों की स्कूल फीस, ट्रांसपोर्टऔर अन्य खचों के बाद बचे हुए पैसे से ही निवेश करना चाहिए। दोस्तों आज के पॉडकास्ट में बस इतना ही, एस जी बी से जुड़ी अधिक जानकारी जैसे एफ़ ए क्यू और सोवरन गोल्ड बॉन्ड की पूरी गाइड के लिए आगे के पॉडकास्ट देखें। हमेशा याद रखिए इस पॉडकास्ट को सुनने के साथ -साथ अपनी रिसर्च ज़रूर कीजिये। फिर मिलेंगे जल्द ही, तब तक के लिए गुड बाय और शुभ निवेश। निवेश बाज़ार जोखिमों के आधीन है, कृपया सभी संबन्धित दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें। Investments in the securities markets are subject to market risks. Read all the related documents carefully before investing.