नयी सदी के निवेशक कैसे 30 साल में रिटाइर हो सकते हैं?

Podcast Duration: 6:44
नयी सदी के निवेशक कैसे 30 साल में रिटाइर हो सकते हैं? हैलो दोस्तों, एंजेल वन के इस मिलेनियल्स और निवेश स्पेशल पॉडकास्ट में आपका स्वागत है। दोस्तों, हम में कौन जल्दी रिटाइर होके पहाड़ों या किसी बीच - टाउन में रिलेक्स नहीं करना चाहता? पर यह इतना आसान नहीं है, अगर हम जल्दी रिटाइर करना चाहते हैं तो उसके लिए आज सेक्रिफ़ाइस और सेविंग्स दोनों करनी पड़ेगी। ऐसे ही यूनाइटेड स्टेट्स में एक मूवमेंट चला था जिसमें कॉर्पोरेट प्रॉफेश्नल जल्दी रिटाइर होने के लिए ज्यादा काम करते थे। इस मूवमेंट को फ़ाइर का नाम दिया गया था, फ़ाइनेंष्यल इंडिपेंडेंस एंड रिटाइर अर्लि। इसके अनुसार, यंग प्रॉफेश्नल जादा से ज्यादा सेव करके उन सेविंग्स को अपनी रिटायरमेंट की ज़िंदगी के लिए रखते थे। जैसा की नाम से पता चलता है यह मूवमेंट दो स्तंभों पर निर्भर था, एक थी अपनी फ़ाइनेंष्यल इंडिपेंडेंस बनाना और दूसरा जल्द से जल्द रिटाइर होना। पर इसमें कई कारक थे, आइए उन्हें देखते हैं : - फ़ाइनेंष्यल इंडिपेंडेंस में आपको पैसे के लिए काम करने के बजाए आपके पैसे को आपके लिये काम करना होता है। आप दो टाइप की कमाई करते हैं, एक है एक्टिव इंकम और दूसरी है पेसिव इंकम। जब आप पेसिव इंकम, एक्टिव इंकम से ज्यादा होती है, तब आपको फाइनांशीयली इंडिपेंडेंट माना जा सकता है। अगर आप अपनी सेविंग्स के लिए 9-5 वाली जॉब पे डिपेंड रहोगे तो जल्दी रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स बनाना मुश्किल है। ज़रूरी है की आप मल्टिपल सोर्स से पेसिव इंकम तैयार करें। पर यह आप करेंगे कैसे? सबसे पहले यह तय कर लीजिये की आपकी सेविंग्स आपकी इंकम का कितना प्रतिशत है। अगर आप 50-70% अपनी सेविंग्स में दाल सकते हैं तो आपके जल्दी रिटायरमेंट के ऑप्शन बढ़ जाएंगे। यह मुश्किल हो सकता है पर इम्पॉसिबल नहीं। यह आसान होगा यह तो मैंने नहीं कहा। दूसरा यह तय कीजिये कि आपका टोटल रिटायरमेंट अमाऊंट कितना होना चाहिए। मान लेते हैं आपकी एन्नुयल इंकम 10 लाख है। अब रिटायरमेंट की राशि जानने के लिए इस नंबर को 25 से मूलतिपली कीजिये, तो अगर आप 30-35 तक रिटाइर होना चाहते हैं तो आपको कम से कम 2.5 करोड़ रुपये चाहिए। यह सिर्फ एक उदाहरण है, जो आपकी लाइफ स्टाइल, खर्चे के हिसाब से बादल भी सकता है। तीसरा पॉइंट यह की एक प्लान बनाए की आपके गोल तक पहुँचने के लिए कितना समय लगेगा।तीन अलग-अलग तरीकों से आप फ़ाइर मेथड तक पहुँच सकते हैं, पहले मेथड से आपको सेविंग्स बढ़ाने और खर्चा घटाने पर ध्यान देना चाहिए। दूसरे तरीके में आपको कुछ ज्यादा खर्च करने को तो मिल सकता है पर आप जितना चाहते हो उतनी जल्दी रिटाइर नहीं हो पाओगे। तीसरे तरीके में पैसे बचाकर कोई स्टार्ट- अप शुरू करें अगर वो कामयाब हो गया तो आप जल्दी रिटाइर हो पाओगे। स्टार्ट - अप हमेशा आकर्षित करते हैं, लेकिन उनमें ज्यादा रिस्क और ज्यादा रिटर्न का भी अंदेशा होता है। इसके साथ-साथ और भी चीज़ें हैं जो आप कर सकते हैं, आपको जो केश गिफ्ट मिलते हैं रिश्तेदार या पड़ोसियों से उन्हें खर्च मत कीजिये। उन्हें एफ डी या इक्विटि या डेट फ़ंड में निवेश करें, क्योंकि मनी सेव्ड इस मनी अर्ण्ड। कर्ज़ से बचिए- किसी भी हाल में कर्ज़ मत लीजिये। हम में कई लोगों को लगता है एक क्रेडिट कार्ड होना बहुत ज़रूरी है, पर हम में से कई हैं जो क्रेडिट कार्ड को बिना सोचे समझे इस्तेमाल करते हैं और लेट पेमेंट चरजिस और पेनलिटी भरते हैं। अगर आप क्रेडिट कार्ड ध्यान से और सतर्कता के साथ नहीं इस्तेमाल कर सकते तो उससे दूर ही रहिए।अपनी खर्च को मॉनिटर करिए और इंकम आते ही उसे सेविंग्स में डाइवर्ट करिए। जो बैलेन्स है उसको एक्सपेनसेस के लिए यूस करें। खर्चे की जगह सेविंग्स को प्रमुखता दें, तभी आपका रिटायरमेंट कॉर्पस बनेगा। दूसरी ज़रूरी चीज़ है इन्शुरेंस लेना। इसके बिना आपकी सेविंग्स किसी मेडिकल एमर्जन्सि में खर्च हो सकती है। इसके अलावा आप पर निर्भर लोगों को भी आपके जाने के बाद इंकम चाहिए होगी। इसलिए इन्शुरेंस दुगनी ज़रूरी है, एमर्जन्सि फ़ंड बनाना ज़रूरी होता है, कब क्या हो जाये हमें नहीं पता। एक मजबूत एमर्जन्सि फ़ंड मुश्किल वक़्त में बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। एक बेकअप प्लान तैयार रखिए, ज़रूरी नहीं की ज़िंदगी आपके हिसाब से चलेगी।एक फ़ेमस स्पोर्ट्स पर्सन का कोट था " हर किसी के पास एक प्लान होता है जब तक ज़िंदगी उसे सबक नहीं सिखाती" इसलिए बैकअप प्लान हमेशा रेडी रखिए। अपना ब्याज कभी भी न निकालें बल्कि, उसको भी निवेश करें ताकि ब्याज पर और ब्याज मिले। अब जब हम रूल्स के बारे में जान चुके हैं , अब फ़ाइर के बारें में बात करते हैं। देखते हैं कैसे और कहाँ निवेश करें:- अगर आप यंग प्रॉफेश्नल हैं जैस्पर कोई ज़िम्मेदारी नहीं है तो आपको जितना हो सके उतना इक्विटि मार्केट में निवेश करना चाहिए। एक मुख्य नियम जो फॉलो होता है की आपकी आयु -100 आप इक्विटि मार्केट में निवेश करें। जैसे आपकी आयु 25 वर्ष है तो आपको 75% इक्विटि मार्केट में निवेश करना चाहिए। यह एक सामान्य नियम है, आपको अपनी रिस्क- एपेटाइट के हिसाब से निर्णय लेना चाहिए। मान लीजिये की आप दो बच्चों के साथ एक वर्किंग प्रॉफेश्नल हैं, इस स्थिति में आपको अपनी पूंजी को संभालने पे ज्यादा ध्यान देना पड़ेगा। ऐसे में आपको 40% इक्विटि में इन्वेस्ट करना चाहिए, 20% ईटीएफ़, 30% डैब्ट फ़ंड और 10% लिकुइड स्कीम में निवेश करना चाहिए। असल कोई भी एक नियम सब पर लागू नहीं हो सकता। जैसे की मैंने पहले भी बोला की निवेश अपनी रिस्क एपेटाइट के अनुसार होना चाहिए। एक और बात फ़ाइनेंष्यल एक्सपेर्ट का कहना है की आप जल्दी रिटाइर क्यों होना चाहते हैं इस पर पहले से विचार कर लें। ऐसा क्या काम है जिसमें आप रुचि रखते हैं और उसे करके आप पैसे कमा सकते हैं? अगर आपको वो काम मिले जिसे करके आपको खुशी होती है ,और 50-60 साल की उम्र तक कमा सकते हैं तो आप रिटाइर होने की नहीं सोचेंगे। आखिर में ये ज़रूर याद रखिएगा की स्टॉक मार्केट में निवेश करने में रिस्क हमेशा है। यह पॉडकास्ट सिर्फ जानकारी देने के लिए बनाया गया है, निवेशक पहले अपनी रिसर्च कर लें। ऐसे और रोचक पॉडकास्ट सुनने के लिए हमें फॉलो करें यू ट्यूब और अन्य सोश्ल मीडिया चैनल पर। तब तक के लिए गुड बाय और शुभ निवेश। बाज़ार निवेश जोखिमों के आधीन हैं, कृपया निवेश से पहले सभी संबन्धित दस्तावेज़ सावधानी से पढ़ें।