Exploring some of the Upcoming Share Market Trends

Podcast Duration: 8:01
शेयर मार्केट ट्रेंड के बारे में पता लगाते है नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका एंजेल वन के इस पॉडकास्ट में ! आज के पॉडकास्ट में हम कुछ आने वाले शेयर बाज़ार के प्रचलन। हालांकि शेयर बाज़ार किस करवट बैठेगा इसका कोई भी ठीक- ठीक अंदाज़ा नहीं लगा सकता, पर समझदार निवेशक आज तक के कुल प्रचलन को देखकर कीमत का अंदाज़ा लगा लेते हैं। कीमत केअंदेशा लगाकर व्यापारी अपने शेयर खरीद या बेचने का निर्णय लेते हैं। क्योंकि शेयर बाज़ार कई कारकों से प्रभावित होते हैं। जो कारक शेयर बाज़ार को प्रभावित करते हैं वो निसंदेह निवेशक की मनोस्थिति से जुड़े हो सकते हैं, या मौजूदा महामारी या नयी तकनीक और भी कई कारणों से। तो अभी फिलहाल कौन से प्रचालन चल रहे हैं जिसे देखकर आप व्यापार का निर्णय लेते हो? और कौन से ऐसे आने वाले हैं जिनके बारे में आपको सावधान रहना चाहिए। चलिये देखते हैं: शुरू करते हैं अभी चल रहे प्रचलन का अवलोकन करने से और कैसे ये आने वाले प्रचलन को विकसित करते हैं। मौजूदा प्रचलन नंबर 1: टीके और दवाइयों के शेयर्स को लेकर सकारात्मकता। निवेशक गिरते हुए बाज़ार के बीच ख़रीदारी करने में ज्यादा रुचि लेते हुए दिखते हैं और कई निवेशकों ने इसके लिए दवाई कोंपनियों को चुना। लोग सिर्फ दवाई बनाने वाली कंपनी में ही निवेश नहीं कर रहे, बल्कि फ़ार्मा कंपनियाँ एक क्षेत्र के रूप में। कई विशेषज्ञ भी रेकॉर्ड पर आकार बोल रहे हैं की फ़ार्मा शेयर संभावित ब्याज दर आधारित निवेश विकल्प है। अप्रैल में कई मिड केप फ़ार्मा स्टॉक्स ने 15% से 36% की बढ़त देखी, पर क्या इससे उछाल की कोई गारंटी मिलती है ? नहीं, शेयर बाज़ार अब भी कुछ पारंपरिक विश्वास और सोच के आधीन है। इसमें समय के साथ परिवर्तन देखने को मिलते हैं। मौजूदा प्रचलन नंबर 2: अर्थव्यवस्था के नकारात्मक दौर के बावजूद तेज़ी दिखाती हुआ बाज़ार, पूर्व में जब शेयर की कीमतें गिर रही थी, और उसके बाद महामारी का आना; जिसकी वजह से लोगों को कई स्टॉक अपने पास ही रखने पड़े, और उनकी कीमतें और गिर गयी। 2020 में स्थिति बिलकुल अलग हो गयी, या तो हमें इसके लिए निवेशकों को कुछ हमारे तरह के कार्यक्रमों के द्वारा दी गयी शिक्षा, या इसके पीछे कोई और प्रचलन को धन्यवाद देना चाहिए। लेकिन एक बात बिलकुल साफ है, कि आजकल निवेशक स्टॉक में निवेश करने से पहले अपने डर पर काबू पाने कि कला सीख गया है। इसलिए भयंकर महामारी के बीच भी बाज़ार में निवेश आना बंद नहीं हुआ। जैसे ही कीमतें कुछ गिरनी शुरू होती, निवेश आ जाता जिससे कीमतें स्थिर रहती। इसीलिए 2020 के सबसे बुरे दौर के दौरान भी बाज़ार एक बड़ी गिरावट से बच गया, कई निवेशक तो इस वैश्विक महामारी कि खबर सुनते ही गायब ही हो गए होते(तब तो किसी ने पेंडेमिक शब्द भी नहीं सुना था) आगे क्या होगा? क्या हम जो होना है उसे सिर्फ टाल रहे हैं? इसकी चर्चा अब करेंगे आनेवाले संकेतों में " कीमतों के संशोधन की संभावना" । चलिये अब आखिरी मौजूदा प्रचलन के बारे में बात कर लेते हैं, जो है प्रचलन नंबर -3- जो है, तेल की बढ़ती कीमतें। अगर आप अभी शेयर बाज़ार के नौसिखिये हैं तो आप सोच रहे होंगे दोनों में क्या संबंध है? पर यह तो आपको पता ही है कैसे पेट्रोल की कीमतें हर चीज़ पर असर डालती हैं। उसका प्रभाव सब पर पड़ता है।जैसे की लॉक डाउन हर चीज़ पर प्रभाव डालता है, आपके कार्येक्षेत्र और निजी ज़िंदगी का तालमेल, व्यायाम, खान पान , सामाजिक कर्तव्य और मनोरंजन। सब कुछ, तेल की कीमतें संचालन तंत्र को प्रभावित करती हैं जो बदले में दुनिया के व्यापार को (यह पर्यटन को भी प्रभावित करती हैं पर 2020 से ही पर्यटन उद्योग का बुरा समय चल रहा है, तो वहाँ न ही जाएँ तो अच्छा) जब कच्चे तेल का भाव बढ़ जाता है तो कच्चे माल की आवाजाही महंगी हो जाती है, इससे व्यापार करने की कीमत बढ़ जाती है और मुनाफा कम हो जाता है। कंपनी की निर्णायक बिन्दु कम आकर्षक दिखते हैं ,इसका असर कंपनी के शेयर के कीमतों पर भी पड़ता है। आपको यह सुन कर आश्चर्य होगा कई ऐसे सामान हैं जो कच्चे तेल को अपने उत्पादन या मूल निर्माण के लिए उपयोग करते हैं। क्या आपको पता है पेईंट का मुख्य पदार्थ तेल होता है? क्या आपको पता है जूता बनाने के लिए भी कच्चे तेल का इस्तेमाल किया जाता है? टायर के निर्माण में भी कच्चे तेल का उपयोग किया जाता है। अपप्का हर तरह का ईंधन कच्चे तेल से जुड़ा होता है - उसकी कीमतों में ज़रा सा भी बदलाव मेंहगाई को बढ़ा देता है। चलिये अब देखते हैं की कैसे यह प्रचलन आने वाले महीनों के प्रचलनों पर असर डाल सकते हैं। क्योंकि आने वाले प्रचलन सिर्फ एक अंदाज़ा होते हैं तो हम अभी के हालत के अनुसार ही अंदाज़ा लगाते हैं। लेकिन उनके सच साबित होने का इंतज़ार करना पड़ेगा। 1. कीमतों के बढ़ने की संभावना -कुछ विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह दे रहे हैं और कुछ कम खतरा उठाने वाले निवेशक भी इस बात से फिक्रमंद हैं की अर्थव्यवस्था के बुरे दौर में भी कैसे शेयर बाज़ार इतनी ऊंचाइयों पर है। यह तर्क देते हैं की बाज़ार में कुछ बिन्दुओं का परिवर्तन अवश्य होगा। दूसरे शब्दों में शेयर की कीमतें इस समय बढ़ी हुई हैं और इनका गिरना अवश्यंभावी है। इसके अलावा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भी शेयर मूल्य पर प्रभाव डालेंगी जैसा का हमने अभी चर्चा की। इस परिस्थिति में जो निवेशक केवल सुरक्षित स्टॉक में ही निवेश करते हैं वो बढ़त की रणनीति के बजाय, मूल्य की रणनीति अपनाएँगे। 2. आई पी ओ गेलोर ने अगले कुछ महीनों के लिए पहले से ही 30 आई पी ओ लाने की घोषणा कर दी है। इसके लिए एक मूल ऑफर सार्वजनिक निवेश के लिए निकाल दी है, यह कार्य मूलत : विस्तार या नए बाज़ार में प्रवेश करने के लिए पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है। यह प्रचलन आगे भी जारी रहने की संभावना है, बल्कि दिसम्बर 2020 की तीमाही में आश्चर्यजनक रूप से 19 आई पी ओ निकाले गए जिन्होने 2 करोड़ डॉलर की उगाही की। आई पी ओ कंपनी का कोई पुराना इतिहास तो नहीं होता लेकिन निवेशकों के पास ऐसे दामों में शेयर खरीदने का मौका ज़रूर होता है जिसमें आगे उन्हें कभी नहीं मिलेगा जब शेयर बाज़ार में चला जाएगा। आर्थिक कंपनियाँ जो आपको ऑनलाइन ब्रोकिंग की सुविधा देती हैं जैसे एंजेल वन अब अपने निवेशकों को एप के जरिये शेयर बाज़ार का आसान नियंत्रण देती हैं, जो पहले कभी नहीं मिला। एक और नियमों पर आधारित प्रचलन हैं जिसे तकनीकी भाषा में कलन आधारित प्रचलन भी कहते हैं। जिसमें व्यापारी अपने काम को आसान करने के लिए इस विधि का उपयोग कर सकते हैं। इसमें मानवीय रूप से स्टॉक की जानकारी जुटाने की बजाए जो उनको परेशान कर दे, निवेशक थोड़ी सी तकनीकी समझ के चलते ऐसी प्रणाली विकसित कर सकते हैं जो उन्हें आगाह कर देगी की कौन सा स्टॉक खरीदें या बेचें। जिन्हें तकनीकी जानकारी नहीं है उनके लिए भी उपाय है उन्हे बस कुछ जानकारी डालनी है और बाकी सब आजकल की सबसे बेहतरीन उपलब्ध तकनीक से अपने आप हो जाएगा। बल्कि इसके जरिये इन कंपनियों ने कुछ और पारदर्शिता लायी है जिससे आप किसी भी आयु या व्यवसाय में हों आप निवेश कर सकते हैं। हाँ ऐसे पॉडकास्ट सुन कर आपको थोड़ा अध्ययन करना होगा और कुछ सावधानियाँ भी रखनी होंगी। लेकिन अभी निवेश थोड़ा आसान हो गया है। निवेश और बाज़ार जोखिमों के आधीन हैं, कृपया संबन्धित दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें।