एल आई सी आई पी ओ के बारे में वो सब कुछ जो आपको जानना चाहिए --
हैलो दोस्तों, स्वागत है आपका एंजेल वन के एक और ज्ञानवर्धक और रोचक आई पी ओ स्पेशल पॉडकास्ट में। दोस्तों इस पॉडकास्ट में हम एल आई सी आई पी ओ के बारे में बात करेगें। दोस्तों एलआईसी एक बहुत पुरानी कंपनी है और काफी जानी- मानी भी। कई निवेशकों के पास पहले से ही कई एल आई सी पॉलिसी होंगी या फिर पहले कभी रही होंगी। फिर यह बात भी है की एल आई सी इन्शुरेंस के बिज़नस में है, बहुत निवेशकों की सोच यह है की इन्शुरेंस के लिए डिमांड तो हमेशा ही रहेगी, तो यह अच्छा निवेश का ऑप्शन हो सकता है। जबकि, एक स्मार्ट निवेशक पहले इसकी गहराई में उतर कर एल आई सी के बारे में सारी जानकारी लेना चाहेगा।आखिर मार्केट में काफी सारी इन्शुरेंस कंपनियाँ हैं। एक जमाने में मार्केट में एल आई सी की मोनोपोली थी, लेकिन आज एल आई सी के लिए भी काफी कड़ा कोंपेटीशन है। आप एल आई सी के बारे में शायद रिसर्च करना चाहते हों - और इस लिए यह पॉडकास्ट सुन रहे हैं, यह एक बेहतरीन कदम है। चलिये एल आई सी आई पी ओ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी पता करते हैं। हम यह जानकारी एक क्रमबद्ध तरीके से डिस्कस करेंगे, ताकि आपको ज्यादा से ज्यादा फ़ायदा मिले। यह चर्चा तीन पार्ट्स में होगी : हम शुरू करते हैं आईपीओ कब होने वाला है और यह औरों से कैसे अलग है, आई पी ओ का साइज़ वगैरह। -- पार्ट 1- - आई पी ओ के बारे में सब कुछ - - यह आई पी ओ इतना खास क्यूँ है? - - पहली बात यह है की एल आई सी आई पी ओ जब भी आएगा, यह भारत का सबसे बड़ा आई पी ओ रह सकता है । इसकी डेट अभी तक रिलीस नहीं हुई है, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है की यह तीसरी तिमाही में होगा, जिसका मतलब है 2021, ओक्टोबर से दिसम्बर के बीच का कोई समय। दूसरी बात यह है की अब तक कंपनी ने अपना रेड हेररिंग प्रोस्पेक्टस फ़ाइल नहीं किया है। अच्छा तो एलआईसी के स्ट्रक्चर के बारे में थोड़ा सा जान लेते हैं, भारत सरकार का एल आई सी में काफी इनवेस्टमेंट है। सरकार पूंजी की उगाही करने के लिए एल आई सी में अपना स्टेक बेचना चाहती है, सरकार का यह गोल है रुपये 90,000 करोड़ इकठ्ठा हो जाये उसका 6-7 % स्टेक बेच कर। सरकार का डिसिन्वेस्त्मेंट टार्गेट बहुत ऊंचा है, वो 2.51 लाख करोड़ का डिसिन्वेस्त्मेंट करना चाहती है जिसमें से वो उम्मीद लगा रहे हैं की 45% एलआईसी से आएगा। तीसरी बात है पॉलिसी होल्डेर्स की : - पॉलिसी होल्डेर्स को यह बताकर रोमांचित कर दिया गया है की 10% शेयर पॉलिसी होल्डेर्स के लिए रिजर्व रखे जाएंगे। एक अंदाजे के अनुसार एल आई सी आई पी ओ से पहले 1 करोड़ डिमेट अकाउंट खुलेंगे।तो, आईपीओ का साइज़, एल आई सी के नाम की पोपुलरिटी , पॉलिसी होल्डेर्स द्वारा फैलाई गयी एक्साइटमेंट और सरकार के इनवोलव होने के कारण एल आई सी आई पी ओ की काफी हवा सी बन गयी है। पार्ट 2- एल आई सी की परफॉर्मेंस, फ़ाइनेंष्यल स्टेटस और वैल्यूशन। हैड्लाइन्स देख के कोई भी आई पी ओ एक्साइटिंग लग सकता है, लेकिन निवेश करने से पहले कंपनी के फ़ाइनेंष्यल और बिज़नस को स्टडि करना पहला स्टेप है। मैं मुख्य बातें बता रहा हूँ लेकिन मेरे कहने पे मत जाओ अपनी रिसर्च करो। एलआईसी भारत की सबसे बड़ी फ़ाइनेंष्यल संस्था है, इन के एसेट की वैल्यू है 32 लाख करोड़। पेंडेमिक के सबसे बुरे दौर यानि अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 के बीच में एलआईसी का मार्केट में पूंजी निवेश रहा 2,60,000 करोड़, 15,000 करोड़ की रिटर्न्स के साथ। पिछले साल इसी समय में यह मूल्य था 2,44,000 करोड़, एलआईसी ने मार्केट डिप के समय फ़ायदा लिया। एलआईसी के वैल्यूशन को लेकर कई आंकड़े जारी किए गए हैं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वैल्यूशन है 12-15 लाख करोड़। प्राइवेट कंपनी द्वारा किए गए वैल्यूशन के अनुसार है 9-10 लाख करोड़। एलआईसी की मार्केट की पॉलिसी 28 से 35 लाख करोड़ की हैं। 45 से 50 लाख करोड़ का प्रीमियम कलेक्शन था। एलआईसी अपने प्रतिद्वंदीयों के मुक़ाबले -- - एलआईसी के फ़ाइनेंष्यल के मुख्य पॉइंट देख कर सब कुछ बहुत अच्छा लगता है, थोड़ा और डीप में जाते हैं और अच्छे से देखते हैं। यह पहले आंकड़े पेंडेमिक के सबसे ऊंचे पॉइंट के दौरान एलआईसी के मार्केट शेयर को दर्शाते हैं। एलआईसी का मार्केट शेयर पॉलिसी के संबंध में वित्त वर्ष 2019-20 के 69% के मुक़ाबले में 67% रहा। प्रीमियम कलेक्शन के संबंध में मार्केट शेयर 70% रहा, एलआईसी की एन्नुयल रिपोर्ट के मुताबिक। पूंजी गत बाज़ार में निवेश 2,60,000 करोड़ 15,000 करोड़ के फाड़े के साथ। मार्च 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार एलआईसी अपने सभी प्रतिद्वंदीयों में सबसे ज्यादा मार्केट शेयर रखती है। सबसे ज्यादा 13.5 लाख एजेंट के साथ जोकि बाकी सभी 20 कंपनियों के 11 लाख एजेंट के मुक़ाबले कहीं-कहीं ज्यादा हैं। मतलन 20 इन्शुरेंस कंपनियाँ मिल के भी एलआईसी के नेटवर्क की बराबरी नहीं कर पायी। यह तो सिर्फ पेंडेमिक के आंकड़े हैं, इससे पहले तो एलआईसी के 22 लाख एजेंट थे। अब बाकी इन्शुरेंस कंपनियाँ जो पब्लिक हुई हैं उनकी परफॉर्मेंस देखते हैं - अभी हाल में 2 इन्शुरेंस कंपनियाँ न्यू इंडिया इन्शुरेंस और जनरल इन्शुरेंस कंपनी ऑफ इंडिया पब्लिक हुई हैं। जनरल इन्शुरेंस कंपनी ऑफ इंडिया के शेयर का ऑफर प्राइस था 912 रुपये और इस कोमापनी के शेयर का लिखते समय प्राइस है 200 रुपये। न्यू इंडिया इन्शुरेंस का ऑफर प्राइस था 770 रुपये- 800 रुपये जो अब चल रहा है 168 रुपये। आईपीओ में निवेश करने से पहले अपने जोखिम संभावनाओं को अच्छे से जांच लें और पूरी रिसर्च कर लें। आखिर में यह बात ज़रूर याद रखिएगा की स्टॉक मार्केट में हमेशा रिस्क रहेगा। यह पॉडकास्ट सिर्फ जानकारी देने के लिए बनाया गया है, निवेशक पहले अपनी रिसर्च कर लें।यहाँ कोई शॉर्ट कट नहीं है। ऐसे और आईपीओ स्पेशल रोचक पॉडकास्ट सुनने के लिए हमें फॉलो करें यू ट्यूब और अन्य सोश्ल मीडिया चैनल पर। तब तक के लिए गुड बाय और शुभ निवेश। बाज़ार निवेश जोखिमों के आधीन हैं, कृपया निवेश से पहले सभी संबन्धित दस्तावेज़ सावधानी से पढ़ें।