टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने का समय आते ही आपके पास इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अपने बैंक अकाउंट खंगालने के अलावा कोई चारा नहीं होता है। यहां ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है कि केवल अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना ही पर्याप्त नहीं है, इनकम टैक्स विभाग द्वारा इसे प्रोसेस करने से पहले अपने रिटर्न को ई–वेरिफाई करना भी आवश्यक है।
आईटी विभाग करदाताओं को अपने रिटर्न को वास्तविक या वर्चुअल रूप से वेरिफाई करने का विकल्प देता है। वर्चुअल विधि के तहत, रिटर्न फाइल करने वाले व्यक्ति को बेंगलुरु में केंद्रीकृत प्रोसेसिंग केंद्र में हस्ताक्षरित ITR-V भेजना आवश्यक है।
आप इन चार तरीकों में से किसी एक से अपने रिटर्न को वेरिफाई कर सकते हैं :
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आधार OTP द्वारा
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नेट बैंकिंग द्वारा
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अपने बैंक अकाउंट का उपयोग करके
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अपने डीमैट अकाउंट का उपयोग करके
इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) जनरेट होने पर ही आपका रिटर्न वेरिफाई किया जा सकता है। EVC एक 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कॉम्बिनेशन है जो अपनी पहचान वेरिफाई करने के लिए टैक्सपेयर के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है।
अपने डीमैट अकाउंट का उपयोग करके अपने रिटर्न को ई–वेरिफाई कैसे करें?
आपको अपने डीमैट अकाउंट का उपयोग करके अपने रिटर्न को ई–वेरिफाई करने के लिए 9-चरण की एक आसान परक्रिया का पालन करना होगा। चरण यहां दिए गए हैं:
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gov.in टाइप करके इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाएं। इसके बाद अपने अकाउंट में लॉग–इन करें। अगर आपका कोई अकाउंट नहीं है, तो एक अकाउंट बनाएं और खुद को रजिस्टर करें।
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लॉग–इन करने के बाद, रिटर्न/फॉर्म देखने का विकल्प चुनें
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एक नई स्क्रीन दिखाई देगी। अपने रिटर्न को देखने के लिए जिसे आप ई–वेरिफाई करना चाहते हैं “ई–वेरिफिकेशन के लिए लंबित अपने रिटर्न देखने के लिए यहां क्लिक करें” का विकल्प चुनें,।
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चार विकल्पों के साथ एक नई स्क्रीन दिखाई देगी जो करदाता को ई–फाइलिंग OTP द्वारा या नेट बैंकिंग के माध्यम से EVC जनरेट करके या बैंक अकाउंट नंबर के माध्यम से EVC जनरेट करके या डीमैट अकाउंट नंबर के माध्यम से EVC जनरेट करके अपने रिटर्न को वेरीफाई करने का विकल्प देगा। विकल्प 4 यानि अपने रिटर्न को ई–वेरिफाई करने के लिए डीमैट अकाउंट नंबर के माध्यम से EVC जनरेट करें का विकल्प चुनें।
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EVC जनरेट करने के लिए, आपको अपने डीमैट अकाउंट को पहले से सत्यापित कराना होगा। अगर आपका डीमैट अकाउंट पहले से ही सत्यापित नहीं है, तो दूसरी स्क्रीन दिखाई देगी जो आपको “अपने अकाउंट को प्रीवैलिडेट करें” का विकल्प प्रदान करेगी। इस विकल्प को चुनें।
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प्रदान किए गए दो विकल्पों में से अपना डिपॉजिटरी प्रकार: NSDL या CDSL चुनें। वहां मांगी गई जानकारी जैसे DP Id, क्लाइंट ID, मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस आदि दर्ज करें और प्रीवैलिडेट विकल्प पर क्लिक करें।
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अगर एक नई स्क्रीन टेक्स्ट विंडो के साथ दिखाई देती है जो यह बताए कि आपने अपना डीमैट अकाउंट नंबर प्रीवैलिडेट किया है, तो “क्या आप EVC जनरेट करना चाहते हैं”, इस प्रश्न के जवाब में “हां” बटन पर क्लिक करके आगे बढ़ें।
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EVC आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज दिया जाएगा। EVC नंबर दर्ज करें और सबमिट का विकल्प दबाएं।
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अगर एक नई स्क्रीन इस मैसेज के साथ दिखाई देती है कि, “रिटर्न सफलतापूर्वक ई–वेरिफाईड” हो गया है, तो आपका रिटर्न ई–वेरिफाईड हो जाएगा। स्वीकृति डाउनलोड करना न भूलें। स्वीकृति आपके रजिस्टर्ड ईमेल एड्रेस पर भी भेजी जाएगी।
यह सबसे आसान तरीका है जिसमें आप बिना किसी प्रशासनिक परेशानी के अपने रिटर्न को ई–वेरिफाई कर सकते हैं।