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अपने पोर्टफोलियो के लिए सही ईटीएफ (ETF) कैसे चुनें?

6 min readby Angel One
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अपने वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहने की क्षमता और बाजार विकल्पों का मूल्यांकन करके अपने पोर्टफोलियो के लिए सही ईटीएफ (ETF) का चुनाव कैसे करें, इसके बारे में जानकारी प्राप्त करें। अपनी निवेश आवश्यकताओं के अनुसार ईटीएफ (ETF) चुनने की सर्वश्रेष्ठ रणनीतियों का पता लगाएं।

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) से निवेश में क्रांति गई है, जो पैसा कमाने का एक विविध और लागत-प्रभावी तरीका प्रदान करता है। अपने पोर्टफोलियो के लिए सर्वश्रेष्ठ ईटीएफ (ETF) का चुनाव करने के लिए आपके वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम लेने की क्षमता और बाजार के अवसरों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता होती है। यह लेख सही ईटीएफ (ETF) चुनने का तरीका बताने के साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि आपके निवेश आपके उद्देश्य के अनुरूप हों।

ईटीएफ (ETF) को समझना

ईटीएफ, या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, एक ऐसा म्यूचुअल फंड है जिसे स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड किया जाता है। इसमें प्रतिभूतियों का एक बास्केट होता है, जो आमतौर पर अंतर्निहित सूचकांक को ट्रैक करता है। ईटीएफ (ETF) आमतौर पर पैसिव रूप से मैनेज किए जाते हैं, जो सक्रिय रूप से प्रबंधित किए जानेवाले म्यूचुअल फंड की तुलना में एक कुशल और किफायती डाइवर्सिफिकेशन उपकरण प्रदान करते हैं। सर्वश्रेष्ठ ईटीएफ (ETF) कैसे चुनना है, इसे समझने के लिए इन मूलभूत पहलुओं को समझना होगा।

सही ईटीएफ (ETF) कैसे चुनें?

अपनी निवेश योजना को परिभाषित करें

ईटीएफ (ETF) को आपके व्यापक निवेश रणनीति को पूरा करना चाहिए। उदाहरण के लिए, इक्विटी ईटीएफ (ETF) विकास चाहने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकते हैं, जबकि डेट ईटीएफ (ETF) रूढ़िवादी पोर्टफोलियो के लिए आदर्श होते हैं। ईटीएफ (ETF) चुनने से पहले, निम्न कारकों को ध्यान में रखते हुए एक निवेश योजना तैयार करें:

  • वित्तीय लक्ष्यः स्पष्ट रूप से बताएं कि आप क्या प्राप्त करना चाहते हैं।
  • पोर्टफोलियो संरचनाः कमियों की पहचान करने के लिए मौजूदा निवेश का विश्लेषण करें।
  • समय सीमाः तय करें कि आप कितने समय तक निवेशित रहना चाहते हैं।
  • जोखिम सहने की क्षमता: यह सुनिश्चित करें कि ईटीएफ (ETF) आपकी जोखिम क्षमता से मेल खाता है या नहीं।

अपने निवेश उद्देश्य को निर्धारित करें

यदि आप यह समझ जाते हैं कि आप ईटीएफ (ETF) में निवेश क्यों करना चाहते हैं, तो चयन करना आसान हो जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका लक्ष्य डाइवर्सिफिकेशन करना है, तो अपने पोर्टफोलियो में अनुपस्थित ईटीएफ (ETF) ट्रैकिंग सेक्टर चुनें। यदि आप इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं, तो निफ्टी 50 या BSE सेंसेक्स जैसे  सूचकांकों पर नजर रखने वाले ईटीएफ (ETF) का चयन करें। यह स्पष्टता आपकी ज़रूरतों के लिए सर्वश्रेष्ठ ईटीएफ (ETF)  खोजने की कुंजी है। तो आगे बढ़ने से पहले खुद से पूछें:

  • क्या आप अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना चाहते हैं?
  • क्या आप किसी विशिष्ट सेक्टर या परिसंपत्ति वर्ग के बारे में जानना चाहते हैं?
  • आप सक्रिय रूप से ट्रेड करेंगे या लंबे समय तक ईटीएफ (ETF) को होल्ड करेंगे?

ईटीएफ (ETF) चुनते समय मूल्यांकन किए जाने वाले प्रमुख कारक 

  • एक्सपोज़र: ईटीएफ (ETF) द्वारा जो ऑफर दिया जाता है उसे समझना मूल बात है। ईटीएफ (ETF) व्यापक बाजार सूचकांकों, सेक्टर-विशिष्ट स्टॉक, कमोडिटीज या अंतर्राष्ट्रीय बाजारों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। ईटीएफ (ETF) क्या है और यह आपके मौजूदा पोर्टफोलियो को कैसे पूरा करता है इसका आकलन करें। उदाहरण के लिए, यदि आपको लार्ज-कैप स्टॉक के बारे में जानकारी नहीं है, तो निफ्टी 50 इंडेक्स को ट्रैक करने वाला ईटीएफ (ETF) एक अच्छा फिट हो सकता है। इसी प्रकार, यदि आप भौगोलिक रूप से विविधता लाना चाहते हैं, तो उभरते बाजारों या वैश्विक सूचकांकों को लक्षित करने वाले ईटीएफ (ETF) आदर्श हो सकते हैं।
  • सक्रिय अथवा निष्क्रिय प्रबंधनः ईटीएफ (ETF) को सक्रिय अथवा निष्क्रिय रूप से प्रबंधित किया जा सकता है। पैसिव ईटीएफ (ETF) का उद्देश्य एक विशिष्ट इंडेक्स के प्रदर्शन को दोहराना होता है, जिसमें सामान्य तौर पर कम शुल्क लगता है, जिसके कारण वे लागत-कुशल होते हैं। पेशेवरों द्वारा प्रबंधित सक्रिय ईटीएफ (ETF), निर्धारित बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करते हैं, जो उच्च रिटर्न प्रदान कर सकते हैं किन्तु उनमें उच्च लागत होती है। अपनी निवेश शैली, लागत संबंधी विचार और सक्रिय प्रबंधन की लगातार परिणाम प्रदान करने की क्षमता में अपने विश्वास के आधार पर निर्णय लें।
  • अंतर्निहित परिसंपत्तियांः ईटीएफ (ETF) की अंतर्निहित संपत्ति की रचना इसके प्रदर्शन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। कुछ ईटीएफ (ETF) के पास प्रत्यक्ष रूप से भौतिक परिसंपत्तियां होती हैं, जैसे स्टॉक या बॉन्ड, जबकि अन्य ईटीएफ (ETF) समान एक्सपोज़र प्राप्त करने के लिए डेरिवेटिव का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, गोल्ड ईटीएफ (ETF) या तो फिजिकल गोल्ड होल्ड कर सकता है या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट पर निर्भर कर सकता है। इन संरचनाओं के प्रभावों तथा इससे जुड़े जोखिम और लगने वाले कर के बारे में जानकारी प्राप्त करें ताकि एक सूचित निर्णय ले सकें।
  • परफॉर्मेंस मेट्रिक्सः यद्यपि पूर्व का प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता है, किन्तु इससे ईटीएफ (ETF) की स्थिरता और विश्वसनीयता के बारे में जानकारी प्राप्त होती  है। ईटीएफ (ETF) के प्रदर्शन की तुलना इसके बेंचमार्क इंडेक्स से करें। पैसिव ईटीएफ (ETF) के लिए, चेक करें कि वे अपने सूचकांकों पर कितनी बारीकी से नजर रखते हैं। सक्रिय ईटीएफ (ETF) के लिए, 3, 5, और 10 वर्ष जैसे कई समयावधि में बेहतर प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता का मूल्यांकन करें।
  • व्यय अनुपात: व्यय अनुपात आपके निवेश के प्रतिशत के रूप में वार्षिक शुल्क को दर्शाता है। सामान्य तौर पर कम व्यय अनुपात बेहतर होते हैं, वह भी विशेष रूप से दीर्घकालिक निवेश के लिए, क्योंकि वे खर्च घटाते हैं। उदाहरण के लिए, 0.1% व्यय अनुपात वाले ईटीएफ (ETF) पर हर ₹10,000 रुपये के लिए वार्षिक रूप से ₹10 का व्यय होगा। सबसे लागत-कुशल विकल्प खोजने के लिए समान ईटीएफ (ETF) में व्यय अनुपात की तुलना करें।
  • लिक्विडिटी: लिक्विडिटी का अर्थ है कि उसकी कीमत को प्रभावित किए बिना कोई व्यक्ति ईटीएफ (ETF) यूनिट को कितनी आसानी से खरीद अथवा बेच सकता है। अत्यधिक तरल ईटीएफ (ETF) में छोटे बिड-आस्क स्प्रेड होते हैं, जिससे लेन-देन की लागत कम हो जाती है। ईटीएफ (ETF) की औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम और मार्केट गतिविधि की जांच करें। लिक्विड ईटीएफ (ETF) में व्यापक स्प्रेड हो सकता है, जिससे ट्रेडिंग के दौरान अधिक लागत सकती है।
  • जारीकर्ता की प्रतिष्ठाः ईटीएफ (ETF) जारीकर्ता की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता महत्वपूर्ण होती है। प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड वाले स्थापित जारीकर्ता द्वारा पारदर्शी और प्रभावी रूप से फंड का प्रबंधन करने की अधिक संभावना होती है। जारीकर्ता के इतिहास की समीक्षा करें, जिसमें उनके ईटीएफ (ETF) की रेंज, ग्राहक सहायता और नियामक मानकों का पालन शामिल होता है।
  • विश्लेषक रेटिंग और समीक्षाः स्वतंत्र विश्लेषक रेटिंग ईटीएफ (ETF) की प्रबंधन गुणवत्ता, लागत दक्षता और समग्र प्रदर्शन के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान कर सकती है। यद्यपि ये रेटिंग एकमात्र निर्णायक कारक नहीं होने चाहिए, किन्तु वे एक ही श्रेणी में ईटीएफ (ETF) की तुलना करने में मदद करते हैं। विश्वसनीय वित्तीय विश्लेषकों या मंचों द्वारा की गई समीक्षाओं और उनके सलाह को देखें।

ETF के लाभ और सीमाएं

लाभ स्पष्टीकरण
विविधता ईटीएफ (ETF) एक ही निवेश में स्टॉक, बॉन्ड या कमोडिटी जैसी विस्तृत परिसंपत्तियों का एक्सपोजर प्रदान करते हैं। यह विविधता व्यक्तिगत परिसंपत्ति प्रदर्शन से जुड़े जोखिम को कम करती है और संतुलित पोर्टफोलियो बनाने में मदद करती है।
लागत-प्रभाविता ईटीएफ (ETF) में सामान्यतः सक्रिय रूप से प्रबंधित म्यूचुअल फंडों की तुलना में कम खर्च अनुपात होता है। किफायती होने के कारण वे व्यापक बाजारों या विशिष्ट क्षेत्रों में निवेश करने के लिए लागत-कुशल तरीकों की तलाश करने वाले निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाते हैं।
लिक्विडिटी ईटीएफ (ETF) स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड किए जाते हैं, जिससे निवेशकों को ट्रेडिंग की पूरी अवधि में यूनिट खरीदने और बेचने की अनुमति मिलती है। यह लिक्विडिटी यह सुनिश्चित करता है कि निवेशक बाजार में होनेवाले बदलावों पर त्वरित प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
सीमाएं स्पष्टीकरण
जटिलता शुरुआत में ईटीएफ (ETF) की संरचना, होल्डिंग और रणनीतियों को समझना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ट्रैकिंग की गलतियाँ, व्यय अनुपात और ऐक्टिव तथा पैसिव ईटीएफ (ETF) के बीच अंतर जैसे कारकों के लिए लर्निंग कर्व की आवश्यकता होती है, जिससे वे नए निवेशकों के लिए कम सुलभ हो जाते हैं।
मार्केट में उतार-चढ़ाव चूंकि ईटीएफ (ETF) स्टॉक की तरह ट्रेड किए जाते हैं, इसलिए उनकी कीमतें एक ही ट्रेडिंग दिवस में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव का अनुभव कर सकती हैं। यह अस्थिरता जोखिम पैदा कर सकती है, जो खास तौर पर अनिश्चित या अत्यधिक प्रतिक्रियाशील बाजारों में होता है तथा यह संभावित रूप से अल्पकालिक निवेशकों के लिए अप्रत्याशित हानि का कारण बन सकती है।
सीमित कस्टमाइज़ेशन व्यक्तिगत स्टॉक के विपरीत, ईटीएफ (ETF) पूर्वनिर्धारित इंडेक्स या रणनीति को फॉलो करते हैं, जो निवेशक की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार पोर्टफोलियो को अनुकूल बनाने की क्षमता को सीमित करता है। कस्टमाइज़ेशन की यह कमी अत्यधिक विशिष्ट परिसंपत्ति आवंटन अथवा निवेश उद्देश्यों की तलाश कर रहा व्यक्ति इसे एक त्रुटि के रूप में देख सकता है।

 

निष्कर्ष

सही ईटीएफ (ETF) आपकी वित्तीय यात्रा को अत्यधिक प्रभावित कर सकता है। अपने लक्ष्यों को समझना, प्रमुख मापदंडों का मूल्यांकन करना और अपने लिए विकल्पों की खोज करना महत्वपूर्ण होता है। यद्यपि आपका लक्ष्य विविधता, सेक्टर एक्सपोज़र अथवा लागत कुशलता हो सकता है, किन्तु सर्वश्रेष्ठ ईटीएफ (ETF) कैसे चुनें यह जानने के लिए आपके पोर्टफोलियो को आपकी महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप होना चाहिए। सोच-समझकर निर्णय लेने पर, ईटीएफ (ETF) आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने का शक्तिशाली साधन हो सकता है।

अस्वीकरणः यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। ईटीएफ (ETF) में निवेश में अंतर्निहित जोखिम शामिल होते हैं, और पूर्व का प्रदर्शन भविष्य के परिणामों का संकेत नहीं देता है।

FAQs

ईटीएफ (ETF) चुनते समय , वित्तीय लक्ष्यों , जोखिम सहने की क्षमता , एक्सपोजर ( बाजार , सेक्टर या एसेट क्लास ), व्यय अनुपात , लिक्विडिटी और यह सक्रिय रूप से प्रबंधित है या निष्क्रिय रूप से जैसे कारकों पर विचार करना चाहिए। ये कारक आपकी निवेश रणनीति के साथ ईटीएफ (ETF) को संरेखित करने में आपकी मदद करते हैं।
हां , ईटीएफ (ETF) डाइवर्सिफिकेशन के लिए एक बेहतरीन टूल हो सकता है। वे एक ही निवेश में स्टॉक , बॉन्ड या कमोडिटी जैसे एसेट की विस्तृत रेंज का एक्सपोज़र प्रदान करते हैं , जिससे किसी खास परिसंपत्ति पर निर्भर होने का जोखिम कम हो जाता है।
ऐक्टिव ईटीएफ (ETF) का प्रबंधन उन पेशेवर व्यक्तियों द्वारा किया जाता है , जिनका लक्ष्य सामान्य तौर पर उच्च शुल्क के साथ बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करना होता है , जबकि पैसिव ईटीएफ (ETF) का उद्देश्य कम लागत पर इंडेक्स के परफॉर्मेंस को दोहराना होता है , जिससे वे दीर्घावधि निवेश के लिए अधिक किफायती विकल्प बन जाते हैं।
व्यय अनुपात एक वार्षिक शुल्क है जो ईटीएफ (ETF) जारीकर्ता द्वारा आपके निवेश के प्रतिशत के रूप में लिया जाता है। कम व्यय अनुपात को आमतौर पर पसंद किया जाता है , क्योंकि वे ईटीएफ (ETF) को होल्ड करने की लागत को कम करते हैं , जिससे दीर्घावधि निवेशकों को लाभ मिलता है।
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