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टाटा कैपिटल आईपीओ: टाटा समूह की प्रमुख एनबीएफसी लिस्टिंग के लिए तैयार, जोखिम और विकास संभावनाओं का विश्लेषण

द्वारा लिखित: Team Angel Oneअपडेट किया गया: 6 Sept 2025, 5:52 pm IST
टाटा कैपिटल का लगभग ₹17,000 करोड़ का आईपीओ नए अवसरों को सामने लाता है लेकिन इसमें डिफॉल्ट और नियामकीय जोखिम जैसे अहम पहलुओं पर भी ध्यान आकर्षित होना स्वाभाविक है।
टाटा कैपिटल आईपीओ: टाटा समूह की प्रमुख एनबीएफसी लिस्टिंग के लिए तैयार, जोखिम और विकास संभावनाओं का विश्लेषण
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टाटा समूह की प्रमुख एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) टाटा कैपिटल सितंबर 2025 तक एक बहुप्रतीक्षित आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों के तहत लाना अनिवार्य है। यह आईपीओ नवीन निर्गम और बिक्री हेतु पेशकश का मिश्रण होगा, जो पिछले एक दशक के शीर्ष 5 सबसे बड़े भारतीय आईपीओ में शामिल होगा।

टाटा कैपिटल आईपीओ डिटेल्स और रणनीतिक उद्देश्य

रिपोर्ट्स के अनुसार, आईपीओ में कुल 47.58 करोड़ शेयर होंगे, जिनमें से 21 करोड़ फ्रेश इश्यू और 26.58 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल होंगे। प्रमोटर टाटा संस 23 करोड़ शेयर बेचेगा, जबकि इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन 3.58 करोड़ शेयर बेचेगा। फ्रेश इश्यू से जुटाई गई राशि टाटा कैपिटल की टियर-1 पूंजी को मजबूत करने और भविष्य की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने में काम आएगी। पात्र कर्मचारियों के लिए एक छोटा हिस्सा भी आरक्षित है, जो पोस्ट-इश्यू पूंजी का अधिकतम 5% होगा।

टाटा मोटर्स फाइनेंस विलय से मिली ताकत

8 मई 2025 से प्रभावी टाटा मोटर्स फाइनेंस के साथ विलय से टाटा कैपिटल की परिसंपत्ति आधार (एसेट बेस) और भौगोलिक पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस एकीकरण से परिचालन दक्षता में सुधार हुआ और खुदरा व थोक दोनों खंडों में उत्पाद और सेवाओं की पेशकश बेहतर हुई।

आगे पढ़ेटाटा कैपिटल सितंबर में 2 अरब डॉलर का आईपीओ लाने की योजना, 11 अरब डॉलर मूल्यांकन का लक्ष्य!

मजबूत बाज़ार स्थिति, लेकिन क्रेडिट रिस्क बरकरार

मार्च 2025 तक टाटा कैपिटल की कुल ऋण पुस्तिका (लोन बुक) ₹2,26,550 करोड़ रही, जिससे यह भारत की तीसरी सबसे बड़ी विविधीकृत एनबीएफसी बन गई। क्रिसिल, आईसीआरए और इंडिया रेटिंग्स से मजबूत एएए रेटिंग्स के बावजूद, सकल चरण 3 ऋण अनुपात वित्तवर्ष 2023 के 1.7% से बढ़कर वित्तवर्ष 2025 में 1.9% हो गया। साथ ही, प्रोविजन कवरेज अनुपात वित्तवर्ष 2023 के 77.1% से घटकर वित्तवर्ष 2025 में 58.5% पर आ गया, जिससे डिफॉल्ट बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

उच्च खुदरा ऋण जोखिम और बढ़ती उधारी लागत

वित्तवर्ष 2025 में खुदरा वित्त कुल ऋण का 62.3% रहा, जिसमें 33.8% हिस्सा रियल एस्टेट ऋणों का था। अगर इन क्षेत्रों में प्रतिकूल बदलाव होते हैं, तो टाटा कैपिटल की परिसंपत्ति गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। औसत उधारी लागत भी वित्तवर्ष 2023 के 6.6% से बढ़कर वित्तवर्ष 2025 में 7.8% हो गई, जिससे अगर फंडिंग लागत ऊँची बनी रहती है तो लाभप्रदता पर दबाव बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

टाटा कैपिटल का आईपीओ मज़बूत बुनियाद, व्यापक भौगोलिक उपस्थिति और विविधीकृत पेशकशों के साथ विस्तार के एक अहम चरण का संकेत देता है। हालांकि, निवेशकों को बढ़ते क्रेडिट जोखिम, नियामकीय चुनौतियों और क्षेत्रीय अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए ही भागीदारी पर विचार करना चाहिए।

अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। उल्लिखित प्रतिभूतियां केवल उदाहरण हैं और सिफारिशें नहीं हैं। यह व्यक्तिगत सिफारिश/निवेश सलाह नहीं है। इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को निवेश निर्णय लेने के लिए प्रभावित करना नहीं है। प्राप्तकर्ताओं को निवेश निर्णय लेने के बारे में एक स्वतंत्र राय बनाने के लिए अपना शोध और आकलन करना चाहिए। 

प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।

प्रकाशित: 6 Sept 2025, 5:52 pm IST

Team Angel One

Team Angel One is a group of experienced financial writers that deliver insightful articles on the stock market, IPO, economy, personal finance, commodities and related categories.

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