कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ऐसे सुधारों पर चर्चा करने जा रहा है, जिनमें एटीएम और यूपीआई से जुड़ी पीएफ निकासी जैसी बैंक सुविधाएं और पेंशन वृद्धि शामिल हो सकती है। इससे करीब 8 करोड़ सदस्यों को राहत और सुविधा मिलेगी।
श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 10–11 अक्टूबर 2025 को होगी। इसमें ईपीएफओ 3.0 पहल के तहत कई प्रस्तावों पर विचार हो सकता है।
मुख्य प्रस्तावों में से एक है कि सदस्यों को एटीएम या यूपीआई पेमेंट्स के जरिए तुरंत पीएफ निकासी की सुविधा मिले, जैसे बैंक लेन-देन में होती है। फिलहाल निकासी एनईएफटी (NEFT) या आरटीजीएस (RTGS) के जरिए 2–3 दिन लेती है। यह बदलाव गति और पहुंच दोनों में सुधार करेगा।
बोर्ड लंबे समय से चली आ रही ट्रेड यूनियनों की मांग की समीक्षा करेगा कि न्यूनतम पेंशन को मौजूदा ₹1,000 प्रति माह से बढ़ाकर ₹1,500–₹2,500 की सीमा में किया जाए।
यह कदम दिवाली से पहले खपत को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन यूनियनों की चिंता है कि उदार निकासी विकल्प भविष्य निधि बचत के उद्देश्य को कमजोर कर सकते हैं, जो सेवानिवृत्ति के लिए होते हैं।
वर्तमान में सदस्य आवास, शिक्षा, विवाह या चिकित्सा आपातकाल जैसी जरूरतों के लिए अधिकतम ₹5 लाख अग्रिम निकाल सकते हैं। ये दावे ऑटो-क्लेम सुविधा के जरिए 3 दिनों में निपट जाते हैं।
यदि मंजूरी मिलती है, तो ईपीएफओ सुधार निकासी को तेज़ करने और पेंशन बढ़ाने के साथ सदस्य सुविधा को काफी बढ़ा सकते हैं। करोड़ों वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए यह न केवल वित्तीय लचीलापन सुधारेगा बल्कि सेवानिवृत्ति सुरक्षा को भी मजबूत करेगा।
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प्रकाशित: 12 Sept 2025, 5:32 pm IST
Team Angel One
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