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रक्षा क्षेत्र पुनरावलोकन 2025: आधुनिकीकरण, निर्यात और स्वदेशीकरण का वर्ष

द्वारा लिखित: Team Angel Oneअपडेट किया गया: 30 Dec 2025, 8:13 pm IST
भारत के रक्षा क्षेत्र ने 2025 में रिकॉर्ड निर्यात, उच्च बजट, प्रमुख DAC अनुमोदन, सुधार और बढ़ती निजी भागीदारी देखा, जिससे आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ावा मिला|
Defence Sector
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भारत ने 2025 में तेजी से विस्तार करते रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के सहयोग से दुनिया की सबसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सैन्य शक्तियों में अपनी स्थिति को और मजबूत करना जारी रखा| यह वर्ष सैन्य आधुनिकीकरण, निर्यात वृद्धि और नीतिगत रूप से प्रेरित स्वदेशीकरण के बीच मजबूत सामंजस्य का प्रतीक रहा, जिसने भारत की दीर्घकालीन रक्षा तत्परता को सुदृढ़ किया|

FY24 में रक्षा निर्यात US$ 2.63 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचे, जो 32.5% साल-दर-साल की मजबूत वृद्धि दर्शाते हैं| इस उछाल ने वैश्विक रक्षा आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की बढ़ती विश्वसनीयता को रेखांकित किया और रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों की सफलता को प्रतिबिंबित किया|

रक्षा अधिग्रहण परिषद: 2025 में बड़े अनुमोदन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने वर्ष भर में खरीद निर्णयों को तेज करने में अहम भूमिका निभाई. 29 दिसंबर को DAC ने लगभग ₹79,000 करोड़ के रक्षा अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए बड़े अपग्रेड शामिल थे|

मुख्य अनुमोदनों में T-90 टैंकों का ओवरहॉल, MI-17 हेलीकॉप्टरों के मिड-लाइफ अपग्रेड, नौसेना और वायु सेना के लिए मीडियम-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) की खरीद, लॉइटरिंग म्यूनिशन, और अस्ट्रा मार्क II एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम शामिल थे. एरियल रिफ्यूलर्स और एवाक्स (AWACS) विमान के लिए रिक्वेस्ट्स फॉर प्रपोज़ल में संशोधन भी पारित हुए, जिससे भविष्य की क्षमता विस्तार और स्वदेशी विनिर्माण को समर्थन मिलेगा|

यह बैठक 2025 में DAC की चौथी बैठक थी. इससे पहले जुलाई में ₹1.05 लाख करोड़ के पूंजीगत अधिग्रहण, अक्टूबर में ₹79,000 करोड़, और मार्च में ₹54,000 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव मंजूर किए गए थे, जो रक्षा प्रोक्योरमेंट को तेज करने की सतत पहल को दर्शाता है|

बजटीय समर्थन और नीतिगत प्रोत्साहन

केंद्र का बजट FY26 इस गति को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्रालय को ₹6.81 लाख करोड़ का आवंटन करता है, जो FY25 से 9.5% अधिक है. पूंजीगत व्यय ₹1.80 लाख करोड़ रहा, जो उन्नत हथियारों, विमान, युद्धपोतों और सैन्य प्रणालियों पर केन्द्रित था. सीमा सड़क संगठन के लिए अतिरिक्त ₹7,146 करोड़ का आवंटन किया गया, जो रणनीतिक अवसंरचना प्राथमिकताओं को रेखांकित करता है|

FY25 में रक्षा उत्पादन ₹1,50,590 करोड़ तक पहुँचा, जिसमें रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों का योगदान ₹21,821 करोड़ रहा, जो घरेलू विनिर्माण में स्थिर वृद्धि को दर्शाता है|

विनिर्माण सुधार और वैश्विक सहभागिता

एरो इंडिया 2025 ने स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के प्रदर्शन, आईडेक्स (iDEX) के माध्यम से स्टार्टअप नवाचार, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में उभरकर भूमिका निभाई. रक्षा प्रदर्शनी संगठन ने डेफएक्सपो (DefExpo) और एरो इंडिया के माध्यम से वैश्विक पहुँच को और मजबूत किया.

एक बड़ा सुधार जीएसटी 2.0 (GST 2.0) के माध्यम से आया, जिसने वाणिज्यिक ड्रोन पर GST को 5% कर दिया और सैन्य ड्रोन तथा महत्वपूर्ण रक्षा उपकरण पर इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया, जिससे लागत दक्षता में सुधार हुआ और आपूर्ति शृंखला स्थानीयकरण को बढ़ावा मिला|

रणनीतिक साझेदारियाँ और निजी क्षेत्र की गति

भारत की रक्षा कूटनीति को ब्रह्मोस मिसाइल सौदे पर आधारित फिलिपींस के साथ रणनीतिक साझेदारी से गति मिली. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ के साथ एमआरएसएएम प्रणालियों के लाइफसाइकल सपोर्ट हेतु एक जॉइंट वेंचर बनाने के लिए साझेदारी की, जबकि रोल्स-रॉयस जैसे वैश्विक दिग्गजों ने भारत से रक्षा सोरसिंग का विस्तार करने की योजनाएँ घोषित कीं.

निजी क्षेत्र की भागीदारी तेज हुई, जिसमें जेएसडब्ल्यू डिफेन्स (JSW) ने ड्रोन विनिर्माण के लिए ₹800 करोड़ की प्रतिबद्धता जताई, टेकईगल ने यूएवी (UAV) निवेश में ₹100 करोड़ की योजना बनाई, और पैरस डिफेन्स ने महाराष्ट्र में ₹12,000 करोड़ के ऑप्टिक्स पार्क परियोजना की घोषणा की|

निष्कर्ष

2025 में रक्षा क्षेत्र ने पैमाने, गति और आत्मनिर्भरता की ओर निर्णायक बदलाव को दर्शाया. रिकॉर्ड निर्यात, बढ़ते बजट, DAC की लगातार मंजूरियाँ, और निजी व वैश्विक भागीदारी के साथ, भारत बेहतर परिचालन तत्परता सहित वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी रक्षा विनिर्माण हब में रूपांतरण जारी रखे हुए है|

डिस्क्लेमर : यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है. जिन प्रतिभूतियों का उल्लेख किया गया है वे केवल उदाहरण हैं, सिफारिशें नहीं. यह किसी निजी सिफारिश/निवेश सलाह का गठन नहीं करता| इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को निवेश निर्णय लेने के लिए प्रभावित करना नहीं है. प्राप्तकर्ताओं को निवेश निर्णयों पर स्वतंत्र राय बनाने के लिए अपना शोध और आकलन स्वयं करना चाहिए|

प्रतिभूति बाज़ार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें|

प्रकाशित:: 30 Dec 2025, 8:06 pm IST

Team Angel One

Team Angel One is a group of experienced financial writers that deliver insightful articles on the stock market, IPO, economy, personal finance, commodities and related categories.

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