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आपके बड़े लेन-देन पर आयकर विभाग की पैनी नज़र

द्वारा लिखित: Team Angel Oneअपडेट किया गया: 25 Jun 2025, 7:25 pm IST
यदि आपने किसी वित्त वर्ष में बड़े लेन-देन किए हैं-जैसे भारी नकद जमा, लग्ज़री खर्च, संपत्ति की खरीद या निवेश-तो आयकर विभाग आपकी गतिविधियों पर नज़र रख सकता है।
आपके बड़े लेन-देन पर आयकर विभाग की पैनी नज़र
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यदि आपने किसी वित्त वर्ष में बड़े लेन-देन किए हैं-जैसे भारी नकद जमा, लग्ज़री खर्च, संपत्ति की खरीद या निवेश-तो आयकर विभाग आपकी गतिविधियों पर नज़र रख सकता है। 

वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयासों के तहत आयकर विभाग अब ऐसे लेन-देन पर विशेष ध्यान दे रहा है, जो घोषित आय से मेल नहीं खाते। कई बार करदाता अनजाने में ऐसी गतिविधियाँ करते हैं जिन पर रिपोर्टिंग अनिवार्य होती है, और यदि वे नजरअंदाज हो जाएं, तो नोटिस मिलना तय है।

कौन-से लेन-देन रिपोर्ट होते हैं

 

  • बैंक ड्राफ्ट, पे ऑर्डर आदि के लिए नकद: यदि आप इन उपकरणों के लिए कुल ₹10 लाख या उससे अधिक का नकद भुगतान करते हैं।
     
  • बचत खाते में नकदी: बचत बैंक खाते में ₹10 लाख या उससे अधिक की नकद जमा।

 

  • चालू खाते में नकदी (जमा या निकासी): चालू खाते में ₹50 लाख या उससे अधिक की नकद जमा या निकासी।

 

  • संपत्ति सौदे: ₹30 लाख या उससे अधिक मूल्य की अचल संपत्ति खरीदना या बेचना।
     
  • निवेश में नकद: शेयरों, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड में ₹10 लाख या उससे अधिक का नकद निवेश। (नोट: एक ही म्यूचुअल फंड की योजनाओं के बीच धन का हस्तांतरण इसमें शामिल नहीं है)।
     
  • क्रेडिट कार्ड भुगतान (नकद): क्रेडिट कार्ड बिलों के लिए ₹1 लाख या उससे अधिक का नकद भुगतान।
     
  • क्रेडिट कार्ड भुगतान (गैर-नकद): क्रेडिट कार्ड बिलों के लिए ₹10 लाख या उससे अधिक का गैर-नकद भुगतान।
     
  • विदेशी मुद्रा: विदेशी मुद्रा लेनदेन (जैसे फॉरेक्स कार्ड, विदेश में उपयोग किए गए डेबिट/क्रेडिट कार्ड, या ट्रैवलर्स चेक) जिसकी राशि ₹10 लाख या उससे अधिक हो।
     
  • सावधि या आवर्ती जमा में नकदी: सावधि जमा (FD) या आवर्ती जमा (RD) में ₹10 लाख या उससे अधिक की नकद जमा।

कैसे करें बचाव

  •   सभी लेन-देन का दस्तावेज रखें ।
  •  घोषित आय से मेल खाते खर्च ही करें ।
  •  डिजिटल माध्यम से भुगतान को   प्राथमिकता दें ।
  •  पैन-आधार लिंकिंग सुनिश्चित करें ।

आगे पढ़े: आयकर(ITR) फाइलिंग वर्ष 2024–25: आपके आयकर को ई-सत्यापित करने के 6 तरीके!

निष्कर्ष

आयकर विभाग द्वारा किए गए ये नए अपडेट और उन्नत ट्रैकिंग तंत्र स्पष्ट रूप से वित्तीय पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत कदम दर्शाते हैं। यह याद दिलाता है कि आपकी सभी प्रमुख वित्तीय गतिविधियाँ अब अधिकारियों को अधिक दिखाई देती हैं। इन सीमाओं को समझना और यह सुनिश्चित करना कि आप अपनी आय को सही तरीके से रिपोर्ट करते हैं, भविष्य में कर विभाग के साथ किसी भी नोटिस या समस्या से बचने के लिए महत्वपूर्ण है। छिपी हुई आय के युग में नेविगेट करना तेजी से मुश्किल होता जा रहा है।

अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। उल्लिखित प्रतिभूतियां केवल उदाहरण हैं और सिफारिशें नहीं हैं। यह व्यक्तिगत सिफारिश/निवेश सलाह नहीं है। इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को निवेश निर्णय लेने के लिए प्रभावित करना नहीं है। प्राप्तकर्ताओं को निवेश निर्णय लेने के बारे में एक स्वतंत्र राय बनाने के लिए अपना शोध और आकलन करना चाहिए। 

प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।

प्रकाशित: 25 Jun 2025, 7:22 pm IST

Team Angel One

Team Angel One is a group of experienced financial writers that deliver insightful articles on the stock market, IPO, economy, personal finance, commodities and related categories.

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