
चल रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उर्वरक कंपनियाँ जांच के दायरे में आई हैं, सरकार की इस घोषणा के बाद कि अप्रैल से नवंबर के बीच कई विनियामक उल्लंघनों के लिए 5,300 से अधिक लाइसेंस रद्द किए गए हैं।
राज्य सभा में दी गई इस जानकारी ने डायवर्जन, जमाखोरी और निम्न-मानक सामग्री के वितरण जैसी समस्याओं से निपटने के लिए की गई प्रवर्तन कार्रवाइयों की व्यापकता को रेखांकित किया है।
रसायन और उर्वरक के केंद्रीय मंत्री, जगत प्रकाश नड्डा ने पुष्टि की कि केंद्र ने कालाबाजारी, जमाखोरी और गुणवत्ता में कमी से जुड़े हजारों लाइसेंस रद्द किए हैं।
हालाँकि अनियमितताओं से निपटने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्यों की है, केंद्र आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत डायवर्जन, अधिक मूल्य व उत्पाद मानकों को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करता है।
मंत्री ने बताया कि 1 अप्रैल से 28 नवंबर तक, अधिकारियों ने कालाबाजारी के लिए 5,058 कारण बताओ नोटिस जारी किए, 442 FIR (एफआईआर) दर्ज कीं और 3,732 लाइसेंस रद्द किए। जमाखोरी से संबंधित मामलों में 687 नोटिस जारी किए गए, 202 लाइसेंस रद्द किए गए और 446 FIR दर्ज हुईं।
गुणवत्ता से संबंधित उल्लंघनों ने भी महत्वपूर्ण विनियामक कदमों को प्रेरित किया। मानक से कम उर्वरक वितरित करने वाली फर्मों को कुल 3,811 कारण बताओ नोटिस दिए गए, जिनके परिणामस्वरूप 1,437 लाइसेंस रद्द हुए और 65 FIR दर्ज हुईं।
डायवर्जन से जुड़े मामलों में 3,058 नोटिस जारी हुए, 464 लाइसेंस रद्द हुए और 96 FIR दर्ज हुईं।
सभी श्रेणियों में, पिछले सात महीनों में 12,814 नोटिस जारी किए गए, जिनमें 5,835 लाइसेंस रद्द हुए और 649 FIR दर्ज हुईं।
मंत्री ने कहा कि समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को उर्वरक का वितरण एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली के माध्यम से मॉनिटर किया जाता है।
उन्होंने कहा कि डायवर्जन और जमाखोरी पहचानी गई चुनौतियाँ बनी हुई हैं, राज्य-स्तरीय प्रवर्तन आवश्यक बना रहता है।
नड्डा ने जोड़ा कि व्यक्तिगत किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर खरीद भी आपूर्ति में विकृति का कारण बन सकती है और उस पर पर्यवेक्षण आवश्यक है।
चर्चा के दौरान यह नोट किया गया कि कुछ किसानों को उर्वरकों के साथ अतिरिक्त उत्पाद खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जिससे उन पर वित्तीय दबाव पड़ रहा है।
मंत्री ने इस चिंता को स्वीकार किया और संकेत दिया कि मंत्रालय ऐसी प्रथाओं को रोकने के लिए डीलरों और कंपनियों से संवाद करेगा।
सरकार की हालिया प्रवर्तन गतिविधि उर्वरक क्षेत्र में अनुपालन पर कड़ी निगरानी को रेखांकित करती है। उल्लंघनों की अनेक श्रेणियों में हजारों लाइसेंस रद्द होने के साथ, नियमों, गुणवत्ता आश्वासन और केंद्र व राज्यों के बीच समन्वित प्रयासों पर केन्द्रित रहना किसानों के लिए आपूर्ति की अखंडता की सुरक्षा हेतु आवश्यक है।
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प्रकाशित: 10 Dec 2025, 4:00 pm IST

Team Angel One
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