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Apollo Micro Systems शेयरों की कीमत 15 साल के रक्षा लाइसेंस के लिए निर्माण में ध्यान केंद्रित करती है

द्वारा लिखित: Team Angel Oneअपडेट किया गया: 2 Dec 2025, 7:03 pm IST
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स को मानव रहित सिस्टम और रडार उपकरणों के निर्माण के लिए 15 साल का रक्षा लाइसेंस प्राप्त हुआ
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अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) [Department for Promotion of Industry and Internal Trade (डीपीआईआईटी)] भारत सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण रक्षा निर्माण लाइसेंस प्रदान किया गया है।  

यह स्वीकृति, जो 15 वर्षों के लिए मान्य है, कंपनी को मानव रहित हवाई प्रणालियों और रडार उपकरणों का उत्पादन करने में सक्षम बनाती है, जो रक्षा निर्माण में इसकी रणनीतिक विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

रक्षा लाइसेंस का विवरण 

1 दिसंबर 2025 को, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स को मानव रहित हेलीकॉप्टर और रडार उपकरण सहित रक्षा वस्तुओं के निर्माण की स्वीकृति मिली। यह लाइसेंस, औद्योगिक विकास और विनियमन अधिनियम, 1951 (Industrial Development and Regulation Act, 1951) के तहत जारी किया गया, जिससे हैदराबाद स्थित उनके संयंत्र में संचालन की अनुमति मिलती है।  

कंपनी कई मानव रहित हवाई प्रणालियों (यूएएस) [Unmanned Aerial Systems (यूएएस)] प्लेटफॉर्म विकसित करने जा रही है, जिसमें लॉजिस्टिक्स, डिलीवरी और आक्रामक मानव रहित प्रणालियों के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग किया जाएगा। 

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के लिए लाइसेंस का रणनीतिक महत्व 

यह लाइसेंस अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रक्षा मंत्रालय (एमओडी) [Ministry of Defence (एमओडी)] के साथ वर्तमान और भविष्य की निर्माण संभावनाओं के द्वार खोलता है।  

कंपनी इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम्स (आईएनएस) [Inertial Navigation Systems (आईएनएस)] और रडार तकनीक के विकास में सक्रिय रूप से लगी हुई है, जिसमें एमईएमएस (MEMS)-आधारित, फाइबर ऑप्टिक जाइरो (एफओजी) [Fiber Optic Gyro (एफओजी)] और रिंग लेजर जाइरो (आरएलजी) [Ring Laser Gyro (आरएलजी)] जैसी उन्नत नेविगेशन सॉल्यूशंस को एकीकृत करने की योजना है। 

रडार उपकरण निर्माण 

लाइसेंस में पूर्ण रडार उपकरण, जिसमें रडार असेंबली, सिग्नल प्रोसेसिंग यूनिट्स और एंटेना शामिल हैं, के उत्पादन की भी अनुमति है।  

यह विकास अपोलो माइक्रो सिस्टम्स की आधुनिक रडार प्रणालियों में क्षमताओं को बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रक्षा परियोजनाओं को समर्थन मिलेगा। 

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स शेयर मूल्य प्रदर्शन  

2 दिसंबर 2025 को सुबह 11:06 बजे, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स शेयर मूल्य एनएसई (NSE) [National Stock Exchange (एनएसई)] पर ₹271.20 पर ट्रेड कर रहा था, जो पिछले बंद मूल्य से 1.08% अधिक था। 

और पढ़ें: अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने 1.21 करोड़ वारंट्स को इक्विटी में बदलकर पूंजी बढ़ाई! 

निष्कर्ष 

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स द्वारा इस रक्षा निर्माण लाइसेंस का अधिग्रहण इसकी विकास रणनीति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मानव रहित प्रणालियों और रडार उपकरणों को अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में शामिल कर कंपनी रक्षा क्षेत्र में उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है। 

अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। उल्लिखित प्रतिभूतियां या कंपनियां केवल उदाहरण हैं, सिफारिश नहीं। यह व्यक्तिगत सिफारिश या निवेश सलाह नहीं है। इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति या संस्था को निवेश निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना नहीं है। प्राप्तकर्ताओं को निवेश निर्णयों के लिए स्वतंत्र राय बनाने हेतु स्वयं शोध और मूल्यांकन करना चाहिए। 

प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेज ध्यानपूर्वक पढ़ें। 

प्रकाशित: 2 Dec 2025, 7:00 pm IST

Team Angel One

Team Angel One is a group of experienced financial writers that deliver insightful articles on the stock market, IPO, economy, personal finance, commodities and related categories.

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