
PTI रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने जय अनमोल अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के खिलाफ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ कथित ₹228 करोड़ की धोखाधड़ी के संबंध में जांच शुरू की है, जिसे पहले आंध्रा बैंक के नाम से जाना जाता था।
यह मामला मुंबई में बैंक की SCF शाखा से आरएचएफएल द्वारा ₹450 करोड़ की क्रेडिट लिमिट लेने के इर्द-गिर्द घूमता है। यह धनराशि व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए थी, और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए शर्तें तय की गई थीं, जिनमें समय पर भुगतान और आवश्यक दस्तावेज़ों का प्रस्तुतिकरण शामिल था।
हालांकि, कंपनी कथित तौर पर इन शर्तों का पालन करने में विफल रही, जिसके चलते 30 सितंबर, 2019 को खाते को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) के रूप में वर्गीकृत किया गया। ग्रांट थॉर्नटन द्वारा की गई फोरेंसिक जांच में धन के दुरुपयोग और डायवर्जन का खुलासा हुआ।
जय अनमोल अनिल अंबानी, रविंद्र शरद सुधाकर के साथ, जो दोनों आरएचएफएल के निदेशक हैं, पर धन के धोखाधड़ीपूर्ण गबन का आरोप है। बैंक का आरोप है कि धनराशि में हेरफेर कर उसे निर्धारित उद्देश्यों के अलावा अन्य प्रयोजनों में डायवर्ट किया गया।
रिलायंस होम फाइनेंस और जय अनमोल अंबानी से जुड़ी कथित ₹228 करोड़ की धोखाधड़ी की CBI जांच वित्तीय कदाचार की गंभीरता को रेखांकित करती है। फोरेंसिक जांच के निष्कर्ष महत्वपूर्ण धन गबन की ओर इशारा करते हैं, जो कॉरपोरेट गवर्नेंस और जवाबदेही को लेकर चिंता बढ़ाते हैं।
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प्रकाशित: 10 Dec 2025, 8:24 pm IST

Team Angel One
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