
भारतीय संसद ने पान मसाला उत्पादन इकाइयों पर विशेष सेस लगाने वाला नया विधेयक मंजूर किया है. स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक, 2025 शुक्रवार को लोकसभा से पारित हुआ और सोमवार को राज्यसभा द्वारा वापस भेज दिया गया. इस कानून का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और लोक स्वास्थ्य पहलों के समर्थन हेतु अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाना है|
नया सेस मौजूदा गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के ऊपर और अतिरिक्त लगाया जाएगा. यह पान मसाला फैक्ट्रियों में प्रयुक्त मशीनों की उत्पादन क्षमता के आधार पर गणना किया जाएगा. उत्पादन स्तर को लक्ष्य बनाकर सरकार केवल बिक्री से नहीं, बल्कि उत्पादन से भी धन जुटाने का लक्ष्य रखती है, ताकि स्वास्थ्य और सुरक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रेवेन्यू का स्थिर स्रोत सुनिश्चित हो|
संग्रहित सेस का उपयोग विशेष रूप से लोक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रमों के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा. यह कदम पान मसाले के सेवन से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को स्वीकार करता है और उसके सामाजिक प्रभाव को कम करने हेतु एक फंडिंग तंत्र बनाने का प्रयास करता है. साथ ही, यह राष्ट्रीय सुरक्षा व्यय को सुदृढ़ करने में योगदान देता है, जिससे देश को दोहरा लाभ मिलता है|
अब पान मसाला निर्माता अपनी उत्पादन योजना और लागत निर्धारण में इस अतिरिक्त लेवी का हिसाब रखेंगे. यह सेस सीधे मशीनों की क्षमता पर निर्भर होगा, जो निर्माताओं को उत्पादन दक्षता अनुकूलित करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है. जहाँ यह कदम संचालन लागत बढ़ाता है, वहीं यह स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े कर लगाने के सरकार के दृष्टिकोण पर स्पष्टता भी प्रदान करता है|
स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सेस की मंजूरी लोक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के वित्तपोषण की दिशा में एक अहम कदम है| पान मसाला उत्पादन इकाइयों पर सेस लगाकर सरकार इन पहलों के समर्थन के लिए रेवेन्यू का एक स्थिर प्रवाह सुनिश्चित करती है. भले ही इससे उत्पादकों पर लागत का बोझ बढ़ता है, यह कदम व्यापक सामाजिक और राष्ट्रीय लक्ष्यों में सकारात्मक योगदान देने की उम्मीद है|
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प्रकाशित: 9 Dec 2025, 11:36 pm IST

Team Angel One
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