
संसद का शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण कर-संबंधी प्रस्तावों के साथ शुरू हो रहा है। 1 दिसंबर को, सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी [GST]) के तहत पान मसाला, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कर लगाने के तरीके में बदलाव लाने के लिए नए विधेयक पेश करने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री लोक सभा में दो प्रमुख विधेयक पेश करेंगी — केंद्रीय उत्पाद संशोधन विधेयक, 2025, और स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025। एक अन्य विधेयक मणिपुर जीएसटी [GST] अधिनियम, 2017 में संशोधन के लिए लाया जाएगा।
ये विधेयक जीएसटी [GST] के पुनर्गठन की एक बड़ी योजना का हिस्सा हैं, जिसे इस साल की शुरुआत में जीएसटी 2.0 [GST 2.0] के रूप में मंजूरी दी गई थी। मुख्य लक्ष्यों में से एक “सिन गुड्स” यानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू और पान मसाला पर कर लगाने के लिए एक नया सिस्टम बनाना है।
वर्तमान में, सिगरेट, पान मसाला, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों पर 28% जीएसटी [GST] के साथ-साथ एक मुआवजा उपकर और अतिरिक्त शुल्क लगता है। कुल मिलाकर, इससे कुल कर भार 50% से अधिक हो जाता है। हालांकि, जीएसटी [GST] नियमों के तहत, कर दर स्वयं 40% से अधिक नहीं जा सकती।
इन उत्पादों पर कुल कर भार पहले जैसा बनाए रखने के लिए, सरकार एक नया उपकर लाने की योजना बना रही है। यह उपकर मौजूदा मुआवजा उपकर की जगह लेगा, जिसे जीएसटी [GST] मुआवजा से जुड़े ऋण और ब्याज चुकता होने के बाद चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा रहा है।
जीएसटी परिषद पहले ही पुराने 28% जीएसटी [GST] स्लैब को निर्दिष्ट सिन और अल्ट्रा-लक्जरी उत्पादों के लिए अधिक 40% दर से बदलने पर सहमत हो चुकी है। एक और बड़ा बदलाव जीएसटी [GST] की गणना के तरीके में है। लेन-देन मूल्य पर कर लगाने के बजाय, अब पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, कच्चा तंबाकू और इसी तरह के उत्पादों पर खुदरा बिक्री मूल्य पर जीएसटी [GST] लगाया जाएगा।
इस बदलाव का उद्देश्य कराधान में पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित करना है, साथ ही निर्माताओं द्वारा मूल्य की कम रिपोर्टिंग को रोकना भी है।
जीएसटी 2.0 [GST 2.0] की अधिकांश दरों में बदलाव 22 सितंबर को लागू हो गए थे। हालांकि, तंबाकू उत्पादों के लिए नए कराधान नियम बाद में अधिसूचित किए जाएंगे, जब सभी मुआवजा उपकर दायित्व पूरी तरह से निपटा दिए जाएंगे।
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इन विधेयकों की शुरुआत भारत के अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी जीएसटी [GST] ढांचे की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। कर दरों में संशोधन और नया उपकर लाकर, सरकार का उद्देश्य सिन गुड्स पर कुल कर भार बनाए रखते हुए सिस्टम को सरल बनाना है। आगामी संसदीय चर्चाएं तय करेंगी कि ये बदलाव कितनी जल्दी लागू होंगे और तंबाकू व संबंधित उत्पादों के बाजार को कैसे आकार देंगे।
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प्रकाशित: 1 Dec 2025, 5:15 pm IST

Team Angel One
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