
भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) के लिए ऋण मूल्यांकन प्रक्रिया को बदलने हेतु नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल पेश किया है। नया सीएएम मॉडल वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में उपलब्ध डिजिटल रूप से प्राप्त और सत्यापनीय डेटा का उपयोग करके स्वचालित, निष्पक्ष और डेटा-आधारित ऋण मूल्यांकन प्रक्रियाएँ तैयार करता है।
सीएएम, बैंक के मौजूदा ग्राहक (ETB)) और बैंक के नए ग्राहक (NTB)) एमएसएमई उधारकर्ताओं दोनों का समर्थन करता है, जिससे मॉडल-आधारित क्रेडिट लिमिट आकलन संभव होता है और क्रेडिट निर्णय लेने में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ती है।
डिजिटल भुगतानों को अपनाने में तेजी लाने के लिए, सरकार, RBI, और NPCI ने कई पहलें की हैं। इनमें शामिल हैं:
ये पहलें सामूहिक रूप से वित्तीय समावेशन को गहरा करने और देश के डिजिटल भुगतान ढांचे को मजबूत करने का लक्ष्य रखती हैं।
प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना, जो 1 जून, 2020 को शुरू की गई थी, अब 31 मार्च, 2030 तक बढ़ा दी गई है। इसे आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (मोहुआ (MoHUA)) और वित्तीय सेवाएँ विभाग DFS द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जाता है।
योजना के अंतर्गत:
यह विस्तार और सुधार देश भर के स्ट्रीट वेंडरों के लिए वित्तीय सशक्तिकरण, डिजिटल अपनाने और सतत आजीविका समर्थन को बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं।
अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। उल्लिखित प्रतिभूतियाँ केवल उदाहरण हैं, सिफारिशें नहीं। यह व्यक्तिगत सिफारिश/निवेश सलाह का गठन नहीं करता। इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को निवेश निर्णय लेने के लिए प्रभावित करना नहीं है। प्राप्तकर्ताओं को निवेश निर्णयों के बारे में स्वतंत्र राय बनाने के लिए अपना स्वयं का शोध और मूल्यांकन करना चाहिए।
प्रकाशित: 3 Dec 2025, 6:33 pm IST

Team Angel One
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