
एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल की ओर भारत का संक्रमण नीतिगत ध्यान आकर्षित करता रहा है, और वरिष्ठ मंत्रियों ने संसद में इसके पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों को दोहराया है.
लोकसभा में हालिया बयानों ने रेखांकित किया कि एथेनॉल मिश्रण स्वच्छ गतिशीलता का समर्थन करता है, किसानों की आमदनी बढ़ाता है और कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करता है|
सरकारी विभागों और उद्योग के हितधारकों द्वारा व्यापक परीक्षणों ने वाहनों के साथ उसकी संगतता को लेकर चिंताओं का भी समाधान किया है|
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया कि एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल ने उत्सर्जन घटाने में योगदान दिया है और ईंधन-संबंधी विदेशी मुद्रा खर्च में कमी की है.
उन्होंने कहा कि ई२० ईंधन, जो पेट्रोल को २०% एथेनॉल के साथ मिलाता है, का व्यापक परीक्षण किया गया है और इसे उपयोग करने वाले वाहनों में कोई प्रतिकूल प्रभाव पाया नहीं गया है.
कार्यक्रम ने गन्ना और मक्का जैसे फीडस्टॉक उत्पादन करने वाले किसानों को आय सहायता भी प्रदान की है.
संसद में साझा किए गए सरकारी आँकड़ों के अनुसार, एथेनॉल-संबंधित कच्चे माल की खरीद के माध्यम से लगभग ₹४०,००० करोड़ किसानों के खाते में स्थानांतरित किए गए हैं.
पेट्रोलियम मंत्रालय ने दोहराया कि एथेनॉल मिश्रण उस खर्च को मोड़ देता है जो अन्यथा कच्चे तेल के आयात की ओर जाता है.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस बदलाव ने किसानों को भारत की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला में योगदानकर्ता बनने में सक्षम बनाया है.
उन्होंने बताया कि ESY २०१४–१५ से ESY २०२४–२५ (जुलाई २०२५ तक), एथेनॉल आपूर्ति कार्यक्रम के अंतर्गत, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने ₹१.४ लाख करोड़ से अधिक की विदेशी मुद्रा बचत की.
सरकार ने एथेनॉल की परंपरागत पेट्रोल के साथ मिश्रित होने पर उत्सर्जन घटाने की क्षमता को रेखांकित किया. ई२० ईंधन का उपयोग स्वच्छ गतिशीलता को समर्थन देने के व्यापक प्रयास का एक हिस्सा बताया गया है.
मंत्रियों ने यह भी जोर दिया कि इस ईंधन का वाहन-संगतता के लिए व्यापक मूल्यांकन किया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया जा सके और सार्वजनिक चर्चाओं में उठी चिंताओं का समाधान हो.
संसद में दिए गए बयानों से पता चलता है कि सरकार भारत की ऊर्जा रणनीति के हिस्से के रूप में एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल पर लगातार जोर दे रही है. हालांकि कार्यक्रम के आर्थिक और पर्यावरणीय योगदानों को दोहराया गया, इसका दीर्घकालिक प्रभाव फीडस्टॉक की उपलब्धता, उत्पादन क्षमता और वाहन अनुकूलन जैसे कारकों पर निर्भर करेगा.
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प्रकाशित:: 15 Dec 2025, 11:06 pm IST

Team Angel One
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