भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वित्त वर्ष 2024–25 के लिए ₹8,076.84 करोड़ रुपये का लाभांश केंद्र सरकार को दिया है। यह पिछले वर्ष (FY24) से अधिक है, जब भारतीय स्टेट बैंक ने ₹6,959.29 करोड़ रुपये लाभांश दिया था।
पिछली तुलना और वृद्धि
- वित्त वर्ष 25 में भारतीय स्टेट बैंक ने ₹15.90 प्रति शेयर का मध्यवर्ती/अंतिम लाभांश घोषित किया, जबकि पिछले वर्ष यह ₹13.70 प्रति शेयर था।
- कुल लाभांश राशि वित्त वर्ष 25 में 8,076.84 करोड़ थी, जबकि पिछले वर्ष (FY24) में यह ₹6,959.29 करोड़ थी — लगभग 16% की वृद्धि ।
प्रदर्शन का आधार
- भारतीय स्टेट बैंक ने पूरे वित्त वर्ष 25 में ₹70,901 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष (FY24) के ₹61,077 करोड़ के मुकाबले लगभग 16% अधिक है।
- Q4 (जनवरी–मार्च 2025) में बैंक का नेट प्रॉफिट ₹18,642.59 करोड़ था, जो पिछली तिमाही से थोड़ी कमी दर्शाता है।
लाभांश का महत्व
- सरकार की भारतीय स्टेट बैंक पर 57.43% हिस्सेदारी है, जिससे यह लाभांश गैरकर राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी.एस. सैट्टी ने यह चेक सौंपा ।
कैसा रहा SBI का वित्तीय वर्ष
- कुल ब्याज आमदनी बढ़कर ₹42,774.63 करोड़ रही, जो लगभग 2.7% की वृद्धि दर्शाती है।
- खराब ऋण (NPA) घटकर 1.82% और नेट एनपीए 0.47% हुआ, जिसमें सुधार देखने को मिला।
- रिज़र्व के तौर पर प्रावधान बढ़कर ₹6,442 करोड़ हुआ, जिससे बैंक ने जोखिमों को कवर करने की क्षमता बढ़ाई।
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निष्कर्ष
- वित्त वर्ष 25 में भारतीय स्टेट बैंक का लाभांश केंद्र सरकार के लिए रिकॉर्ड रहा, जिससे अतिरिक्त राजस्व मिला।
- बैंक की नाफा और वित्तीय स्थिति मजबूत रही, जिससे भविष्य में और योगदान की संभावना बनी हुई है।
- सरकार की हिस्सा‑बाज़ारी नीति के अनुसार यह लाभांश भारतीय स्टेट बैंक के सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका को दर्शाता है।
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