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आयकर रिटर्न 2024-2025 में उच्च मूल्य के लेनदेन का खुलासा न करना: क्या है जुर्माना?

Written by: Team Angel OneUpdated on: 1 Jul 2025, 7:41 pm IST
अगर आपने आयकर वर्ष 2024–25 के लिए फाइल किए गए रिटर्न में कोई बड़ा लेन-देन (हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन) छिपाया है, तो यह सिर्फ एक गलती नहीं बल्कि गंभीर कर चोरी मानी जा सकती है।
आयकर रिटर्न 2024-2025 में उच्च मूल्य के लेनदेन का खुलासा न करना: क्या है जुर्माना?
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अगर आपने आयकर वर्ष 2024–25 के लिए फाइल किए गए रिटर्न में कोई बड़ा लेन-देन (High Value Transactions) छिपाया है, तो यह सिर्फ एक गलती नहीं बल्कि गंभीर कर चोरी मानी जा सकती है। आयकर विभाग अब ऐसे मामलों पर खास नज़र बनाए हुए है और इसके लिए भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

क्या हैं हाई-वैल्यू कैश ट्रांजैक्शन

विभाग ने पाँच प्रमुख प्रकार की लेनदेन की पहचान की है जिन्हें उच्च मूल्य नकद लेनदेन माना गया है:

  • बचत बैंक में ₹10 लाख या उससे अधिक की नकद जमा या निकासी
  • चालू खाते में ₹50 लाख या अधिक की नकद जमा या निकासी
  • नकद में ₹10 लाख या उससे अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य देनदारियां (जैसे डिबेंचर)
  • नकद में ₹10 लाख या उससे अधिक का निवेश—जैसे म्यूचुअल फंड, शेयर आदि
  • नकद में ₹1 लाख या अधिक का क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान
  • गैर-नकद क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान ₹10 लाख या उससे ऊपर
  • कोई भी ₹30 लाख या उससे ज्यादा की अचल संपत्ति की खरीद या बिक्री
  • विदेशी मुद्रा में ₹10 लाख या उससे अधिक का लेनदेन जैसे फॉरेक्स कार्ड, ट्रैवेलर सूचियाँ आदि

विभाग इन लेनदेन को निर्दिष्ट वित्तीय लेनदेन(SFT) के तहत रिपोर्ट करता है, जो अलग-अलग संस्थाओं जैसे बैंक, डाकघर, म्यूचुअल फंड ट्रस्टी आदि द्वारा मई महीने में जमा करवाई जाती है।

अगर ये जानकारियाँ रिटर्न में नहीं दीं तो

अगर आपने अपनी आयकर रिटर्न में इन लेन-देन को नहीं दिखाया, और यह जानकारी आयकर विभाग को अन्य स्रोतों से मिल गई, तो आपको नोटिस भेजा जा सकता है। 

धन के स्रोत की घोषणा न करने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उच्च मूल्य के लेन-देन का खुलासा न करने पर धारा 271FA (Section 271FA) के तहत ₹500 प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में, यह व्यवहार आपके वित्तीय गतिविधियों में ऑडिट और आगे की जांच को ट्रिगर कर सकता है। 

यदि विसंगतियां पाई जाती हैं, तो इससे प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है और संभावित रूप से गंभीर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें चरम मामलों में आपराधिक आरोप भी शामिल हैं। कर नियमों का पालन करने और इन गंभीर नतीजों से बचने के लिए हमेशा आय के सभी स्रोतों की घोषणा करें।

कैसे बचें परेशानी से

  • फॉर्म 26AS (Form 26AS) और वार्षिक जानकारी विवरण (AIS) ज़रूर जांचें,
  • सभी हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन की सही जानकारी भरें,
  • अगर गलती से कोई जानकारी छूट गई है तो संशोधित रिटर्न (Revised ITR) दाखिल करें।

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निष्कर्ष

आयकर रिटर्न में पारदर्शिता ही सबसे बड़ा बचाव है। जितना जल्दी और सच्चाई से आप अपनी आय और खर्च की जानकारी देंगे, उतना ही आप टैक्स नोटिस और जुर्माने से बच सकते हैं। आज ही अपनी फाइलिंग की समीक्षा करें और अगर कोई लेन-देन छूटा हो, तो उसे तुरंत अपडेट करें।

 

अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। उल्लिखित प्रतिभूतियां केवल उदाहरण हैं और सिफारिशें नहीं हैं। यह व्यक्तिगत सिफारिश/निवेश सलाह नहीं है। इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को निवेश निर्णय लेने के लिए प्रभावित करना नहीं है। प्राप्तकर्ताओं को निवेश निर्णय लेने के बारे में एक स्वतंत्र राय बनाने के लिए अपना शोध और आकलन करना चाहिए। 

प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।

Published on: Jul 1, 2025, 2:05 PM IST

Team Angel One

Team Angel One is a group of experienced financial writers that deliver insightful articles on the stock market, IPO, economy, personal finance, commodities and related categories.

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