क्या आप असेसमेंट वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 2024-25) के टीडीएस रिफंड (TDS Refund) का इंतजार कर रहे हैं? हर साल हजारों लोग आईटीआर (ITR) दाखिल कर रिफंड की उम्मीद करते हैं। आयकर विभाग ने रिफंड प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बना दी है।
सैलरी पाने वालों के लिए आईटीआर फाइलिंग आमतौर पर फॉर्म 16 (Form 16) मिलने के बाद शुरू होती है। रिटर्न फाइल और ई-वेरिफाई करने के बाद, अगर आपके बैंक विवरण सही और प्री-वैलिडेटेड हैं तथा पैन आधार से लिंक है, तो रिफंड 4-5 हफ्तों में मिल जाता है।
हाँ। यदि रिफंड तय समय से देर से मिलता है, तो आयकर विभाग 0.5% प्रति माह (6% वार्षिक) की दर से ब्याज देता है। यह ब्याज रिटर्न फाइलिंग की तारीख से रिफंड क्रेडिट होने तक गिना जाता है।
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भारत में टीडीएस रिफंड प्रक्रिया अब तेज़ और अधिक यूज़र-फ्रेंडली हो गई है, फिर भी तकनीकी कारणों से देरी हो सकती है। समय पर रिफंड पाने के लिए समय से आईटीआर फाइल करें, तुरंत ई-वेरिफिकेशन करें और अपने बैंक विवरण की अच्छी तरह जांच लें।
अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। उल्लिखित प्रतिभूतियां केवल उदाहरण हैं और सिफारिशें नहीं हैं। यह व्यक्तिगत सिफारिश/निवेश सलाह नहीं है। इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को निवेश निर्णय लेने के लिए प्रभावित करना नहीं है। प्राप्तकर्ताओं को निवेश निर्णय लेने के बारे में एक स्वतंत्र राय बनाने के लिए अपना शोध और आकलन करना चाहिए।
प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।
Published on: Jun 17, 2025, 3:04 PM IST
Team Angel One
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