इनकम टैक्स विभाग ने असेसमेंट ईयर २०२५-२६ के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) प्रक्रिया में सख्ती लाई है। खासकर वे करदाता जो पुरानी टैक्स व्यवस्था (ओल्ड रेज़ीम) चुनते हैं और टैक्स बचाने के लिए एचआरए, सेक्शन 80सी और सेक्शन 24बी जैसी छूटों का दावा करते हैं, उन्हें अब इन छूटों के पीछे का विस्तृत विवरण देना होगा।
अगर आप एचआरए की छूट का दावा कर रहे हैं, और सालाना किराया ₹1 लाख से ज्यादा है, तो अब मकान मालिक का नाम, पता और पैन नंबर अनिवार्य रूप से भरना होगा।
इस सेक्शन के अंतर्गत आप जिन निवेशों का दावा करते हैं, जैसे:
अब इन निवेशों की तारीख, राशि, और निवेश प्रमाण के विवरण देना ज़रूरी होगा।
होम लोन के ब्याज पर छूट के लिए अब लोन देने वाले बैंक/संस्थान का नाम, खाता संख्या और ब्याज प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा।
इस कदम का मकसद फर्जी और गलत दावों को रोकना है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि केवल वास्तविक और प्रमाणित छूटों को ही स्वीकार किया जाए, जिससे ईमानदार करदाताओं को फायदा मिले।
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अगर आप पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत रिटर्न भरते हैं, तो अब सभी निवेश और छूट के दस्तावेज पहले से तैयार रखें। इससे आपका आईटीआर बिना अड़चन के प्रोसेस होगा और छूट को अस्वीकार होने का खतरा नहीं रहेगा।
अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। उल्लिखित प्रतिभूतियां केवल उदाहरण हैं और सिफारिशें नहीं हैं। यह व्यक्तिगत सिफारिश/निवेश सलाह नहीं है। इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को निवेश निर्णय लेने के लिए प्रभावित करना नहीं है। प्राप्तकर्ताओं को निवेश निर्णय लेने के बारे में एक स्वतंत्र राय बनाने के लिए अपना शोध और आकलन करना चाहिए।
प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।
Published on: Jun 4, 2025, 3:51 PM IST
Team Angel One
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