आयकर फाइलिंग पहले तकनीकी रूप से जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया हुआ करती थी। अब इन प्री-फिल्ड फॉर्म्स के चलते पोर्टल पर पहले से भरी जानकारी जैसे वेतन, ब्याज आय, और अन्य सरकारी स्रोतों की जानकारी स्वतः अद्यतन होने के बाद आती है। इस कदम से ई-फाइलिंग और भी सुलभ बन गई है।
आयकर पोर्टल सरकारी डेटाबेस — जैसे स्त्रोत-पर कर कटौती दाखिला (TDS), सूचना विवरणी (Form 26AS), वार्षिक सूचना विवरणी (AIS) आदि — से जानकारी एकत्र करता है और पूर्व-भरे फॉर्म में स्थानांतरित करता है। करदाता को केवल इन्हें सत्यापित कर आवश्यक संशोधन करने होते हैं, ताकि फ़ॉर्म सही रूप में जमा हो सके।
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प्री-फिल्ड फॉर्म्स के आने से करदाता का समय और ऊर्जा दोनों बचते हैं। इससे न केवल प्रक्रिया पारदर्शी होती है, बल्कि कर विभाग की विश्वसनीयता और फाइलिंग दर भी बढ़ती है। यदि आपने अभी तक इस सुविधा का उपयोग नहीं किया है, तो अगली बार रिटर्न भरते समय अवश्य इसका लाभ उठाएँ।
अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। उल्लिखित प्रतिभूतियां केवल उदाहरण हैं और सिफारिशें नहीं हैं। यह व्यक्तिगत सिफारिश/निवेश सलाह नहीं है। इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को निवेश निर्णय लेने के लिए प्रभावित करना नहीं है। प्राप्तकर्ताओं को निवेश निर्णय लेने के बारे में एक स्वतंत्र राय बनाने के लिए अपना शोध और आकलन करना चाहिए।
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Published on: Jun 24, 2025, 11:41 AM IST
Team Angel One
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