क्या आप इन दिनों के मार्केट में उतारचढ़ाव की वजह से निवेश करने से डर रहे हैं? ऐसे में मल्टी-एसेट फंड आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। मल्टी-एसेट फंड एक ऐसा निवेश वाहन है जिसमें विभिन्न प्रकार के एसेट क्लासेज़ में निवेश किया जाता है, जैसे स्टॉक, बॉन्ड, रियल एस्टेट, कॉमोडिटीज़ आदि। इस प्रकार के निवेश में जोखिम कम होता है और रिटर्न अधिक होता है।
भारत में मल्टी-एसेट फंड की स्थिति काफी अच्छी रही है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और सेबी (SEBI) जैसे नियामक संस्थानों ने मल्टी-एसेट फंड के लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार किए हैं, जिससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा होती है। इसके अलावा, भारत में कई निवेश कंपनियां मल्टी-एसेट फंड की पेशकश कर रही हैं, जिससे निवेशकों के पास विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला है। अगर आप अभी भी विचार कर रहे हैं हैं कि शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें तो शेयर मार्केट में मल्टी-एसेट फंड एक अच्छाविकल्प साबित हो सकता हैं।
मल्टी-एसेट फंड निवेश के लिए बेहतर है क्योंकि यह जोखिम को कम करता है और रिटर्न को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, मल्टी-एसेट फंड के प्रबंधन में पेशेवरों की टीम शामिल होती है, जो निवेश के लिए सबसे अच्छा निर्णय लेती है।
इन मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड का उद्देश्य कई परिसंपत्ति वर्गों में बहु-परिसंपत्ति आवंटन के माध्यम से निवेश पोर्टफोलियो को बढ़ाना और विविधतापूर्ण बनाना है। इस तरह की कार्रवाई के माध्यम से, फंड का लक्ष्य केवल एक वर्ग की संपत्ति में निवेश से जुड़े जोखिमों को कम करना है।
मल्टी-एसेट फंड कराधान के लिए उत्तरदायी है। यदि कोई निवेशक 3 साल से कम समय के लिए फंड रखता है, तो वे अपने पूर्वनिर्धारित स्लैब के अनुसार, अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर के लिए उत्तरदायी होंगे। यदि वे अपने निवेश को 3 वर्ष से अधिक समय तक बनाए रखते हैं, तो उनके दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन के साथ 20% की दर लगाई जाएगी।
मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं जिनकी जोखिम लेने की क्षमता कम है लेकिन वे अपने निवेश पर स्थिर रिटर्न का आनंद लेना चाहते हैं। मल्टी-एसेट आवंटन ऐसे निवेशकों को केवल एक प्रकार के परिसंपत्ति वर्ग में निवेश के साथ आने वाले जोखिम को बराबर करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, यह ऐसे समय में भी निवेशकों के लिए आय का एक स्थिर प्रवाह सुनिश्चित करता है जब कुछ परिसंपत्ति वर्ग सामान्य से कम प्रदर्शन कर रहे हों।
अंत में, मल्टी-एसेट फंड निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, खासकर मार्केट में उतारचढ़ाव की वजह से निवेश करने से डर रहे हैं। भारत में मल्टी-एसेट फंड की स्थिति काफी अच्छी है और कई निवेश कंपनियां मल्टी-एसेट फंड की पेशकश कर रही हैं। इसलिए, निवेशकों को मल्टी-एसेट फंड में निवेश करने पर विचार करना चाहिए।
मल्टी-एसेट फंड एक निवेश विकल्प है जिसमें विभिन्न प्रकार के एसेट क्लासेज़ में निवेश किया जाता है, जैसे स्टॉक, बॉन्ड, रियल एस्टेट, कॉमोडिटीज़ आदि।
हाँ, मल्टी-एसेट फंड में निवेश करना सुरक्षित हो सकता है क्योंकि इसमें जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न संपत्ति श्रेणियों में निवेश किया जाता है।
मल्टी-एसेट फंड के रिटर्न अच्छे हो सकते हैं क्योंकि इसमें विभिन्न संपत्ति श्रेणियों के मिश्रण से लाभ हो सकता है और जोखिम कम होता है।
हाँ, मल्टी-एसेट फंड निवेशकों को विभिन्न संपत्ति श्रेणियों में निवेश करने का विकल्प प्रदान करता है, जिससे उनके पास विस्तृत निवेश के विकल्प होते हैं।
हाँ, मल्टी-एसेट फंड के प्रबंधन में पेशेवरों की टीम शामिल होती है जो निवेशकों के लिए सही निर्णय लेने में मदद करती है। इससे निवेशकों को विश्वासनीय और पेशेवर निवेश प्रबंधन की सुनिश्चितता मिलती है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह या किसी विशेष स्टॉक में निवेश की सिफारिश के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। शेयर बाजार में जोखिम होते हैं, और कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले गहन शोध करना और पेशेवर मार्गदर्शन लेना आवश्यक है।
प्रकाशित: 29 May 2024, 8:22 pm IST
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