महाराष्ट्र की 30 साल पुरानी हाउसिंग सोसाइटी, मीरा रोड की नव युवक हाउसिंग सोसाइटी ने ऊर्जा-कुशल नवीकरण के जरिए अपने मासिक बिजली बिल को ₹52,000 से घटाकर ₹18,000 कर दिया। इस उपलब्धि से लागत कम करने के साथ-साथ सोसाइटी को प्रतिष्ठित ईडीजीई एडवांस्ड ग्रीन प्रमाणन से वैश्विक स्तर पर सम्मान मिला।
280 परिवारों का घर, नव युवक हाउसिंग सोसाइटी ने आगा खान एजेंसी फॉर हैबिटैट (एकेएएच) के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर रेट्रोफिटिंग की। सोसाइटी ने कॉरिडोर और सीढ़ियों में 150 मोशन-सेंसर लाइट्स, पार्किंग क्षेत्र में 14 हाई-एफिशिएंसी फ्लडलाइट्स और छत पर 44 किलोवाट सोलर पैनल सिस्टम लगाया। इन व्यावहारिक कदमों से ऊर्जा उपयोग में 41% की कमी आई और सालाना 232.78 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन घटा।
नवीकरण से निवासियों को सीधे लाभ मिला। बिजली के बिलों में बड़ी गिरावट आई, कुछ परिवारों ने मासिक खर्च को ₹1,800 से घटाकर ₹1,000 बताया। ऊर्जा-कुशल पंखे, एलईडी उपकरण और एसी उपयोग पर व्यवहारिक प्रशिक्षण ने इन परिणामों को और बेहतर बनाया। जल्द ही कचरा प्रबंधन के लिए कम्पोस्टिंग इकाइयां भी स्थापित की जाएगी।
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पुनर्निर्माण की बजाय प्रत्येक परिवार ने लगभग ₹17,500 का योगदान देकर इस बदलाव को संभव बनाया। सोसाइटी की यह सफलता इस मिथक को तोड़ती है कि जलवायु कार्रवाई के लिए नए निर्माण जरूरी हैं। कम लागत वाले रेट्रोफिट्स यह साबित करते हैं कि पुरानी इमारतों में भी सतत विकास संभव है और इसे अन्य क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है।
यह बदलाव मीरा-भायंदर जलवायु कार्रवाई योजना 2024-2050 के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य 2047 तक उत्सर्जन में 36% की कटौती करना है। चूंकि शहर की बिजली खपत का 60% से अधिक हिस्सा आवासीय क्षेत्र से आता है, इसलिए ऐसे प्रयास पर्यावरणीय योजना और सतत शहरी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नव युवक हाउसिंग सोसाइटी की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि बिजली खर्च और उत्सर्जन में कमी लाना संभव है। इनके कुशल अपग्रेड्स, वित्तीय व्यवहार्यता और सामुदायिक भागीदारी ने यह दिखाया कि सतत परिवर्तन केवल नई इमारतों तक सीमित नहीं है बल्कि मौजूदा ढांचे में भी पूरी तरह संभव है।
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प्रकाशित: 11 Sept 2025, 9:25 pm IST
Team Angel One
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