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एफ एंड ओ प्रतिबंध क्या है

5 min readby Angel One
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फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (एफ ऐंड ओ) में ट्रेड करने पर विचार करते समय आपको पता होना चाहिए कि कभी-कभी स्टॉक एक्सचेन्ड एफ ऐंड ओ बैन लगाते हैं। इस अवधि के दौरान, ट्रेडर को उस स्टॉक में और फ्रेश और नयी पोज़िशन्स की अनुमति नहीं होती जिस पर एफ ऐंड ओ बैन लगा है। लेकिन वो उस स्टॉक में बिक्री करके अपनी पोज़िशन कम कर सकते हैं।

एफ और ओ बैन क्या है? एफ ऐंड ओ में स्टॉक बैन उस स्टॉक में अत्यधिक सट्टा गतिविधि को रोकने के लिए होता है। स्टॉक एक्सचेन्ज एफ एंड ओ बैन लगाता है जब किसी शेयर का कुल ओपन इंटरेस्ट मार्केट वाइड पोज़िशन लिमिट (एमडब्लुपीएल) का 95 प्रतिशत पार कर जाता है। ओपन इंटरेस्ट सिक्यूरिटीज़ या फ्यूचर्स और ऑप्शन्स अनुबंधमें बकाया बाई या सेल पोज़िशन्स को संबोधित करता है।

एमडब्लुपीएल निम्न दो आकड़ों में से कम वाला है:

- स्टॉक एक्सचेंज के कैश सेगमेंट में पिछले महीने के दौरान रोजाना ट्रेड होने वाले शेयरों की औसत संख्या का 30 गुना।

- नॉन-प्रमोटरों या फ्री फ्लोटिंग होल्डिंग के पास शेयरों की संख्या का 20 प्रतिशत।

यदि कोई ट्रेडर एफ ऐंड ओ बैन का उल्लंघन करता है, और स्टॉक में बढ़ोतरी की या नयी पोज़िशन लेता है, तो उस ट्रेडर को बढ़ी हुई पोज़िशन के मूल्य का 1 प्रतिशत जुर्माना देना होगा। इसकी अधिकतम सीमा रु.5,000 की है और अधिकतम रु.1 लाख हो सकता है।

लेकिन, एफ ऐंड ओ में स्टॉक बैन इंट्राडे ट्रेड पर लागू नहीं होता क्योंकि इससे ओपन इंटरेस्ट अपरिवर्तित रहता है। 

एफ ऐंड ओ बैन तब तक लागू रहता है जब तक कुल ओपन इंटरेस्ट सभी एक्सचेन्जों में एमडब्लुपीएल का 80 प्रतिशत या उससे कम नहीं हो जाता। इसके बाद स्क्रिप पर सामान्य ट्रेडिंग शुरू हो जाती है।

स्टॉक पर एफ ऐंड ओ बैन से ट्रेडरों को भारी नुकसान हो सकता है अगर बैन अक्समात लगाया जाता है क्योंकि उन्हें फिर ऐसे दामों में लेन-देन करना पड़ता है जो उनके लिए अनुकूल नहीं होते। लेकिन अगर वो सतर्क रहते हैं तो ऐसी स्थितियों से बच सकते हैं। एनएसई अपने ट्रेडिंग सिस्टम पर एक सुविधा प्रदान करता है जिसके तहते अगर फ्यूचर्स के ओपन इंटरेस्ट और सिक्यूरिटीज़ पर अनुबंध सिक्यूरिटीज़ के लिए निर्दिष्ट मार्केट वाइड पोज़िशन के 60 प्रतिशत को पार करने पर अलर्ट डिसप्ले करता है। यह अलर्ट 10 मिनट की अवधि पर डिस्प्ले किए जाते हैं।

लेकिन, इन्डेक्स के लिए कोई एमडब्लुपीएल नहीं होता, इसलिए इन्डेक्स और फ्यूचर्स ऑप्शन्स के ट्रेडरों को एफ ऐंड ओ बैन से डरने की जरूरत नहीं है। 

इसलिए अगर आप ट्रेडिंग कर रहे हैं तो नुकसान से बचने के लिए आपको एफ ऐंड ओ बैन लगे स्टॉकों के बारे में पता होना चाहिए। आपको विशेष ध्यान तब देना चाहिए जब आपको जिन स्टॉकों में रुचि है, उनका फ्री फ्लोट कम हो। ऐसे मामले में, बेईमान ट्रेडर्स लिक्विडिटी में हेरफेर करने के लिए स्थिति का इस्तेमाल कर सकते थे। छोटे ट्रेडर विशेष रूप से फंस सकते हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि जब एफ ऐंड ओ बैन लगाया जाता है, और कोई नयी पोज़िशन्स नहीं ली जाती, तो जब तक बैन हटा नहीं दिया जाता तब तक शेयर की कीमत में गिरावट बनी रहेगी।

यह स्टॉक एक्सचेन्ज और नियामक प्राधिकरण की जिम्मेदारी है सट्टा गतिविधि को नियंत्रण में रखना क्योंकि यह मार्केट की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है और फिर विश्वास कम हो जाता है। लेकिन ट्रेड करते समय आपको एमडब्लुपीएल लिमिट पर नज़र रखनी चाहिए जिससे एफ ऐंड ओ बैन के कारण आपको भारी नुकसान न झेलना पड़ें।

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