रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपने सौंदर्य ब्रांड ‘टीरा’ के दुरुपयोग को रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा प्राप्त की। कंपनी ने एक डिजिटल धोखाधड़ी का खुलासा किया, जिसने देशभर में 8,900 से अधिक ग्राहकों को प्रभावित किया और ₹41 लाख से अधिक का नुकसान पहुँचाया।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने रिलायंस रिटेल के पक्ष में एकतरफा अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की। यह आदेश अज्ञात धोखेबाजों को टीरा ट्रेडमार्क या उससे मिलते-जुलते भ्रामक संकेत चिन्ह के उपयोग से रोकता है। कंपनी ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों से 8,919 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया।
फर्जी व्हाट्सएप और फोन कॉल प्रचारों से जुड़ी इस धोखाधड़ी में फर्जी यूपीआई लिंक और क्यूआर कोड के माध्यम से डुप्लिकेट भुगतान का अनुरोध करके ग्राहकों का शोषण किया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी के नेतृत्व में रिलायंस की कानूनी टीम ने खुलासा किया कि घोटालेबाजों ने कई फर्जी नंबरों और फर्जी टीरा आईडी का इस्तेमाल करके सोची-समझी रणनीति के तहत काम किया। न्यायमूर्ति बनर्जी ने इस धोखाधड़ी के सुनियोजित क्रियान्वयन और इससे व्यापक नुकसान की संभावना को स्वीकार किया।
सिर्फ दो महीनों में कुल वित्तीय नुकसान ₹41 लाख से अधिक रहा, जिसमें दिल्ली के 666 मामले भी शामिल हैं। यह घटना प्रमुख खुदरा प्रतिष्ठान (रिटेल ब्रांड्स) को निशाना बनाने वाले डिजिटल धोखाधड़ी में न्यायिक हस्तक्षेप की तात्कालिक आवश्यकता को दर्शाती है।
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न्यायालय ने दूरसंचार प्रदाताओं को फर्जी मोबाइल नंबरों को अविलंब ब्लॉक और ब्लैकलिस्ट करने का आदेश दिया है। व्हाट्सऐप को निर्देश दिया गया है कि वह ऐसे खातों को निष्क्रिय करे और संबंधित उपयोगकर्ताओं का विवरण उपलब्ध कराए। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को आदेश दिया गया है कि वह धोखाधड़ी से जुड़े यूपीआई आईडी और क्यूआर कोड को निलंबित कर, उनसे संबंधित खातों की जानकारी दे।
इसके अतिरिक्त, दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) को भी निर्देशित किया गया है कि वे इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें और भविष्य में रिलायंस को ऐसे मामलों में सहयोग प्रदान करें।
यह फैसला डिजिटल क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों और बौद्धिक संपदा की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण न्यायिक हस्तक्षेप है। पहचान के दुरुपयोग के खिलाफ रिलायंस की त्वरित कानूनी कार्रवाई, तेजी से विकसित हो रहे साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने में न्यायिक सहायता के महत्व को पुष्ट करती है।
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प्रकाशित: 15 Jul 2025, 7:01 pm IST
Team Angel One
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