सोमवार (28 जुलाई) को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बैंकों ने 30 जून, 2025 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) कोष में ₹67,000 करोड़ से अधिक की अघोषित जमा राशि हस्तांतरित कर दी है।
आरबीआई नियमों के अनुसार, कोई भी खाता जो 10 वर्षों तक निष्क्रिय रहता है या सावधि जमा जो 10 वर्षों तक दावा नहीं किया गया हो, उसे 'अनक्लेम्ड डिपॉजिट' घोषित कर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) फंड में हस्तांतरित किया जाता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) ने अब तक कुल ₹58,330.26 करोड़ की निष्क्रिय जमा राशि जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) फंड में हस्तांतरित की है। इनमें से सबसे बड़ा योगदान भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का रहा, जिसने अकेले ₹19,329.92 करोड़ निधि अंतरण किए। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने ₹6,910.67 करोड़ और केनरा बैंक (Canara Bank) ने ₹6,278.14 करोड़ की राशि फंड में जमा की। यह दर्शाता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक निष्क्रिय खातों की पहचान और उनके नियमानुसार हस्तांतरण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
निजी क्षेत्र के बैंकों ने भी कुल ₹8,673.72 करोड़ की राशि डीईए फंड में स्थानांतरित की है। इस श्रेणी में आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) सबसे आगे रहा, जिसने ₹2,063.45 करोड़ की राशि अंतरण की। इसके बाद एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने ₹1,609.56 करोड़ और एक्सिस बैंक (Axis Bank) ने ₹1,360.16 करोड़ जमा किए। यह आंकड़े यह संकेत देते हैं कि निजी बैंक भी निष्क्रिय खातों के निपटारे और नियामकीय अनुपालन के प्रति गंभीर हैं।
आरबीआई ने बैंकों को निर्देशित किया है कि वे निष्क्रिय और अनक्लेम्ड खातों की सूची समय-समय पर सार्वजनिक करें, ताकि जमाकर्ता या उनके वैध उत्तराधिकारी उन खातों का पता लगा सकें और दावा कर सकें। इसी उद्देश्य से 'उद्गम (UDGAM)' पोर्टल शुरू किया गया है, जो विभिन्न बैंकों की जानकारी एक मंच पर उपलब्ध कराता है। 1 जुलाई 2025 तक 8.59 लाख से अधिक उपयोगकर्ता इससे जुड़ चुके हैं।
डीईए फंड आरबीआई द्वारा संचालित है और इसका उपयोग जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए किया जाता है। हालांकि राशि बढ़ती जा रही है, आरबीआई द्वारा उठाए गए कदम जैसे 'उद्गम पोर्टल' और शिकायत निवारण तंत्र से उम्मीद है कि असली खाताधारकों को उनकी राशि वापस मिल सकेगी। एनबीएफसीएस (NBFCs) को यह राशि हस्तांतरित करने की आवश्यकता नहीं है और राज्यवार आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
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Published on: Jul 29, 2025, 10:55 AM IST
Team Angel One
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