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सर्वश्रेष्ठ मोमेंटम इंडिकेटर्स

अपडेट किया गया: 11 Sept 2023, 2:38 pm IST
लेख वित्तीय बाज़ारों के लिए तकनीकी विश्लेषण में “बेस्ट मोमेंटम इंडिकेटर्स” पर चर्चा करता है। ये मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करते हैं, जिससे व्यापारियों को सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है।
सर्वश्रेष्ठ मोमेंटम इंडिकेटर्स
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जब किसी शेयर की कीमत ऊपर या नीचे जाती है, तो हम ये सोचते है कि यह ट्रेंड कहाँ और कब रुकेगा। और क्या ये ट्रेंड में परिवर्तन नकारात्मक होगा या स्वयं के लिए लाभदायक? और यदि यह स्तिथि बदलती हुई तो यह कितनी तेजी से होगा और यह कब तक चलता रहेगा?

तकनीकी विश्लेषण टूल का उपयोग करके, हम एक मोमेंटम इंडिकेटर निकालते हैं जिसका व्यापक रूप से वित्तीय बाजारों में उपयोग किया जाता है। यह हमें मूल्य परिवर्तनों की गति और ताकत को समझने में मदद करता है। एक मोमेंटम इंडिकेटर व्यापारियों को स्टॉक या अन्य सिक्योरिटीज में अधिक खरीद या बदलाव की स्थिति का पता लगाने में सहायता करता है।

उदाहरण के लिए, स्टॉक ‘ए’ की बढ़ती कीमत के साथ, ऐतिहासिक रुझान और अन्य मॉडल इसकी भविष्य की विकास क्षमता का अनुमान लगा सकते हैं।

मोमेंटम इंडिकेटर क्या होते है?

एक मोमेंटम इंडिकेटर, तकनीकी विश्लेषण में एक मौलिक उपकरण के रूप में काम करता है, जो स्टॉक के प्राइस ट्रेंड की ताकत और दिशा का आकलन करता है। इसकी प्रमुख भूमिका ये पता लगाना है की बाज़ार में आने वाले उतार-चढ़ाव के बावजूद स्टॉक की स्थिरता का आकलन करना और यह अनुमान लगाना कि मौजूदा ट्रेंड/रुझान कब तक कायम रहने वाले है।

मोमेंटम इंडिकेटर, जिन्हें अक्सर एमओएम संकेतक भी कहा जाता है, स्टॉक की कीमत में उतार-चढ़ाव की गति को मापने के लिए व्यापारियों द्वारा बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। अध्ययन से पता चलता है कि ये संकेतक बेयरिश मार्किट के मुकाबले बुलिश मार्किट की स्थिति में ज़्यादा प्रभावी है।

मोमेंटम इंडिकेटर्स को कैसे समझे / मोमेंटम इंडिकेटर्स की गणना: आसान व्याख्या

मोमेंटम इंडिकेटर्स यह जानकारी देते हैं कि मूल्य परिवर्तन कितने तेज़ और मजबूत हैं। अगर कोई संकेतक जल्दी ही ऊपर से नीचे या नीचे से ऊपर जाता है तो ये रुझान में परिवर्तन को दर्शाता है।

मोमेंटम = वर्तमान क्लॉसिंग प्राइस – क्लॉसिंग प्राइस पिछले पीरियड की या एक निश्चित दिनों पहले की 

Momentum = Current Closing Price – Closing Price ‘n’ days ago

आमतौर पर, यह मैन्युअल रूप से नहीं किया जाता है; निवेश उपकरण और वेबसाइटें इसे संभालती हैं। हालाँकि, प्रक्रिया को समझने से व्यापारियों को बाजार के रुझानों के बारे में निर्णय लेने में मदद मिलती है।

कुछ सर्वोत्तम मोमेंटम इंडिकेटरों को कैसे आसानी से समझे

  • रिलेटिव स्ट्रैंथ इनडैक्स (आरएसआई) (Relative Strength Index)

आमतौर पर प्रयोग किये जाने वाला, आरएसआई मौजूदा कीमतों की तुलना पिछली कीमतों से करता है, जिससे पता चलता है कि कीमतें कितनी तेजी से बदलती हैं। इस संकेतक का मूल्य 0 से 100 तक होता है, जिसमे 70 से ऊपर अंक होने पर शेयर के क्रय / ख़रीदी की सम्भावना रहती है, वही दूसरी ओर 30 से कम अंक होने पर स्टॉक के विक्रय / बेचान की ज़्यादा सम्भावना रहती है। आरएसआई खरीद और बिक्री के निर्णयों का मार्गदर्शन करते हुए अपट्रेंड और डाउनट्रेंड का भी खुलासा करता है।

  • ऐवरेज डाइरैक्शनल इनडैक्स / औसत दिशात्मक सूचकांक (एडीएक्स)(Average Directional Index)

ADX सकारात्मक (+DI) और नकारात्मक (-NDI) दिशात्मक संकेतकों की तुलना करके रुझान की ताकत निर्धारित करता है। ये व्यापारियों की मानसिकता सुनिश्चित करने में सहायता करता है कि किसी भी शेयर को उन्हें कब तक अपने पास रखना चाहिए।

  • प्राइस रेट ऑफ चेंज / परिवर्तन की दर (आरओसी) (Price Rate of Change)

आरओसी मापता है कि मौजूदा कीमतें पिछली कीमतों से कैसे संबंधित हैं। सकारात्मक आरओसी मूल्य वृद्धि का संकेत देता है, जबकि नकारात्मक आरओसी मूल्य में गिरावट का संकेत देता है।

  • स्टोकेस्टिक ऑसिलेटर (Stochastic Oscillator)

यह संकेतक किसी भी शेयर की वर्तमान क्लोज़िंग प्राइस की तुलना पिछली क्लोज़िंग प्राइस से करता है। यह संभावित ओवरबॉट (ज़्यादा खरीदा हुआ) या ओवरसोल्ड (ज़्यादा बेचा गया) स्थितियों और संभावित ट्रेंड रिवर्सल की भविष्यवाणी करने में सहायता करता है।

  • नो श्यौर थिंग / निश्चित बात जानें (KST)

मार्टिन प्रिंग द्वारा निर्मित, ये संकेतक प्राइस की रेट ऑफ़ चेंज की रीडिंग्स को समझने में ट्रेडर्स की मदद करता है। जब कीमतें तटस्थ बिंदु से ऊपर जाती हैं तो यह तेजी की गति की पुष्टि करता है, जिससे लघु और दीर्घकालिक दोनों रुझानों की जानकारी मिलती है।

  • स्क्वीज़ मोमेंटम ऑसिलेटर (एसएमओ) (Squeeze Momentum Indicator)

जॉन कार्टर द्वारा बनाया गया स्क्वीज़ मोमेंटम ऑसिलेटर हमें यह समझने में मदद करता है कि कीमतें कितनी तेजी से बदलती हैं। यह दो उपकरणों / टूल्स का उपयोग करता है: बोलिंगर बैंड और केल्टनर चैनल। जब कीमतें शांत रहती हैं, तो यह शून्य के आसपास पहुँच जाता है। लेकिन जब कीमतें बहुत ज्यादा बदलने लगती हैं तो ये बढ़ जाता हैं। यह एक संकेत की तरह है जो हमें बता रहा है कि जल्द ही कुछ घटित हो सकता है। इससे ध्यान देने में आसानी होती है कि कीमतें कब एक सीमा से बाहर हो सकती हैं।

  • मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस (एमएसीडी) (Moving Average Convergence Divergence)

एमएसीडी, रुझानों के लिए एक जासूस की तरह है। यह दो मूविंग एवरेज के बीच सम्बन्ध को समझाता है। 12-दिन और 26-दिन के EMAs का क्रॉसओवर 9-दिन के EMA की सिग्नल लाइन के साथ दिखाकर, ये संकेतक ट्रेडर्स को विक्रय/क्रय के निर्णय लेने में मदद करता है।

मोमेंटम – एक मूल्यवान उपकरण

मोमेंटम संकेतक दैनिक व्यापारियों के लिए मूल्यवान उपकरण हैं, जो संभावित बाजार परिवर्तनों का संकेत देते हैं। ये संकेतक व्यापार सटीकता को बढ़ाते हैं, साथ ही साथ अन्य उपकरणों के साथ सही उपयोग किए जाने पर वे लाभदायक होते हैं। अगर मोमेंटम इंडीकेटर्स जैसे स्टॉक मार्किट के बारे में और जानने के लिए आज ही लॉग इन करें एंजेल वन वेबसाइट पर और लीजिये पहला कदम सही और सुरक्षित निवेश की ओर।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह या किसी विशेष स्टॉक में निवेश की सिफारिश के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। शेयर बाजार में जोखिम होते हैं, और कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले गहन शोध करना और पेशेवर मार्गदर्शन लेना आवश्यक है।

प्रकाशित: 11 Sept 2023, 2:38 pm IST

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