युवा सशक्तिकरण और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण नीतिगत कदम के तहत, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट ने कई प्रमुख कल्याणकारी पहलों को मंजूरी दी। इनमें युवाओं के लिए सशुल्क प्रशिक्षण (Internship) कार्यक्रम, पारंपरिक कलाकारों के लिए मासिक पेंशन, निर्वाचित पंचायती राज प्रतिनिधियों को वित्तीय सहायता और न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद लाभ शामिल हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा’ योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत 18 से 28 वर्ष के युवाओं को प्रशिक्षणके लिए आर्थिक सहायता मिलेगी। इस योजना के लिए वो युवा पात्र होंगे जिन्होंने कम से कम 12वीं पास की हो, आईटीआई डिप्लोमा लिया हो या स्नातक/परास्नातक की पढ़ाई की हो।
कैबिनेट सचिवालय के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ के अनुसार, योजना के तहत उच्च माध्यमिक पास युवाओं को ₹4,000, आईटीआई डिप्लोमा धारकों को ₹5,000 और स्नातक/परास्नातक युवाओं को ₹6,000 मासिक सहायता दी जाएगी। प्रशिक्षण की अवधि 3 से 12 महीने होगी। जो युवा अपने गृह जनपद के बाहर प्रशिक्षण करेंगे उन्हें ₹2,000 अतिरिक्त और बिहार के बाहर करने पर अधिकतम 3 माह के लिए ₹5,000 अतिरिक्त मिलेंगे। राशि सीधे बैंक खाते में जाएगी और विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति इसकी निगरानी करेगी।
राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना’ को मंजूरी दी, जिसके तहत 10 वर्ष तक शास्त्रीय या लोक कला में योगदान देने वाले 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के कलाकारों को ₹3,000 मासिक पेंशन दी जाएगी, बशर्ते उनकी वार्षिक आय ₹1.20 लाख से कम हो।
साथ ही, ‘मुख्यमंत्री गुरु-शिष्य परंपरा योजना’ के तहत दुर्लभ कलाओं में 2 वर्षीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना में गुरु को ₹15,000, संगीतज्ञ को ₹7,500 और शिष्य को ₹3,000 मासिक प्रोत्साहन मिलेगा। चालू वित्त वर्ष के लिए ₹1.11 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।
‘मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष’ के अंतर्गत चुने हुए पंचायती राज प्रतिनिधियों को भी अब चिकित्सा अनुदान मिलेगा। कैंसर रोगियों को ₹80,000 से ₹1.20 लाख, हृदय रोगियों को ₹60,000 से ₹1.80 लाख तथा ब्रेन या किडनी ट्रांसप्लांट जैसी सर्जरी के लिए ₹3 लाख तक सहायता मिलेगी। अन्य गंभीर सर्जरी के लिए भी विशेष अनुदान दिया जाएगा।
साथ ही, ‘रिटायर्ड चीफ जस्टिसेज एंड जजेज डोमेस्टिक हेल्प नियम 2025’ को भी मंजूरी दी गई, जिसके तहत सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायधीश को ₹55,000 और मुख्य न्यायधीश या सर्वोच्च न्यायालय में प्रोन्नत को ₹60,000 मासिक घरेलू सहायक/ड्राइवर के लिए मिलेगा। दूरसंचार, इंटरनेट, सचिवीय और सुरक्षा सेवाओं हेतु अतिरिक्त ₹15,000 भी मिलेगा।
वहीं, 'बिहार फैक्ट्री नियम 1950' में संशोधन कर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के अतिरिक्त अन्य महिलाओं को खतरनाक फैक्ट्रियों में काम करने की अनुमति दी गई है।
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रोजगार, सांस्कृतिक धरोहर, स्वास्थ्य और संस्थागत कल्याण पर केंद्रित बिहार कैबिनेट के ये हालिया निर्णय सुशासन की बहुआयामी पहल को दर्शाते हैं। खासकर ‘मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा’ योजना युवाओं को उद्योग के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो साथ‑ही‑साथ संस्कृति और अन्य समुदाय के स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देती है।
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प्रकाशित: 3 Jul 2025, 7:24 pm IST
Team Angel One
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