शैक्षणिक और औद्योगिक क्षेत्र के बीच सेतु बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। सीमित भागीदारी को देखते हुए सरकार मानदेय बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि अधिक उम्मीदवार आकर्षित हो सकें। प्रचार के बावजूद कम प्रतिक्रिया के कारण अधिकारियों को वित्तीय प्रोत्साहन पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है।
युवा स्नातकों को उद्योग का वास्तविक अनुभव दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) के पहले दो चरणों में उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली है। दूसरे चरण में लगभग 5,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जबकि पहले चरण में यह संख्या 6,000 रही। यह भागीदारी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025 के लिए तय किए गए 1.25 लाख इंटर्नशिप लक्ष्य से काफी कम है।
फिर भी, सरकार योजना को युवा नौकरी चाहने वालों की आवश्यकताओं के अनुसार सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है और इसकी लोकप्रियता बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।
वर्तमान में पीएमआईएस के तहत हर इंटर्न को प्रति माह ₹5,000 का मानदेय दिया जाता है। इसमें से ₹500 कंपनियों की कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड से और ₹4,500 सीधे सरकार द्वारा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, हर इंटर्न को एकमुश्त ₹6,000 का जॉइनिंग ग्रांट भी मिलता है।
सीएनबीसी-टीवी18 (CNBC-TV18) की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार योजना में मानदेय वृद्धि पर विचार कर रही है, जिससे योजना को अधिक आकर्षक बनाया जा सके। प्रस्तावित बदलाव का उद्देश्य सरकारी वित्त पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना इंटर्नशिप को युवाओं के लिए अधिक आकर्षक बनाना है। सूत्रों का कहना है कि बढ़ा हुआ मानदेय पूरी तरह से कंपनियों के सीएसआर (CSR) बजट से ही वहन किया जा सकता है, जिससे सरकार और निजी क्षेत्र दोनों को लाभ होगा।
सरकार एक ग्रेडेड मानदेय प्रणाली पर भी विचार कर रही है, जिसमें अधिक योग्य उम्मीदवारों को ज्यादा मानदेय दिया जाएगा। इस योग्यता आधारित मॉडल से कुशल प्रतिभाओं को योजना की ओर आकर्षित किया जा सकेगा। हालांकि ये बदलाव अभी अंतिम रूप में नहीं हैं, लेकिन सरकार की मंशा स्पष्ट है कि मेरिट को प्रोत्साहित करते हुए योजना की सफलता सुनिश्चित की जाए।
पहले किए गए सुधारों में इंटर्नशिप के स्थान और सुविधाओं की जानकारी आधिकारिक पोर्टल पर सार्वजनिक की गई, ताकि रहने‑खाने जैसी चिंताओं को दूर किया जा सके। सरकार को उम्मीद है कि इन सुधारों और मानदेय वृद्धि से आने वाले चरणों में प्रतिभागियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी।
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प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना को बेहतर बनाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयास यह दिखाते हैं कि वह युवाओं को रोजगार अवसर उपलब्ध कराने और उद्योग का व्यावहारिक अनुभव दिलाने के प्रति कितनी गंभीर है। भले ही अब तक भागीदारी अपेक्षा से कम रही हो, लेकिन प्रस्तावित मानदेय वृद्धि और अन्य बदलावों से इस कार्यक्रम को अधिक आकर्षक बनाने की उम्मीद है।
ये पहल देश के युवा कार्यबल को सक्रिय रूप से जोड़ने के सरकार के दृष्टिकोण को भी दर्शाती हैं।
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Published on: Jul 4, 2025, 1:27 PM IST
Team Angel One
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