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स्पेक्टर से लेकर शेयरहोल्डर तक

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शेयर बाजार में विभिन्न क्षेत्र क्या हैं?

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तो अब जब आपने पिछले अध्याय में शेयर संकेतकों को पढ़ और समझ लिया है, आप शेयर मार्केट में निवेश करने का प्लान करते हैं और अपने उस दोस्त को बुलाते हैं जो शेयर मार्केट में बहुत समय से काम कर रहा है। आप उसे बताते हैं कि आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं और इस बातचीत की शुरुआत में ही वह आपसे पूछता है कि आप किस सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं? अब आपके पास इस बात का कोई जवाब नहीं होता क्योंकि आप बेखबर हैं। अब आप शेयर में निवेश करना चाहते हैं और यह भी जानते है कि मार्केट इंडिकेटर्स क्या हैं, लेकिन आप यह नहीं जानते है कि सेक्टर क्या हैं? 

आप अपने दोस्त से पूछते हैं और वह आपको खाने के व्यंजनो के उदाहरण की मदद से आपको इसके बारे में समझता है। वह कहता है कि मान लो कि एक दिन आप अपने पसंदीदा रेस्तरां से नॉर्थ इंडियन डिश ऑर्डर करते हैं। आप अपने ऑर्डर में नॉर्थ इंडिया की सभी बेस्ट डिशेस का चयन करते हैं। अब आपके दिए गए ऑर्डर को हम नॉर्थ इंडियन स्टॉक मानते हैं और नॉर्थ इंडियन क्यूज़ीन को एक सेक्टर मानते हैं। तो अलग-अलग क्षेत्र विभिन्न सेक्टर हैं और जो क्यूज़ीन उनके अंतर्गत आते हैं वह स्टॉक हैं। अब आपका सवाल होगा कि ऐसा क्यों ? क्योंकि एक ही क्षेत्र के व्यंजन एक दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं। ठीक इसी तरह, शेयर मार्केट में, एक सेक्टर उन शेयरों का एक ग्रुप होता है जिनमें काफी समानताएँ होती हैं। और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह सब समान इंडस्ट्री से हैं। अब यह समझने के लिए कि आपको कहाँ और कैसे निवेश करना चाहिए, आपको स्टॉक सेक्टरों को अच्छे से समझना होगा। . 

तो चलिए हम शेयर सेक्टरों को समझने में आपकी मदद करते हैं। ग्लोबल इंडस्ट्री क्लासिफिकेशन स्टैंडर्ड (GICS) के हिसाब से 11 अलग-अलग स्टॉक मार्केट सेक्टर हैं जिन्हें हम आमतौर पर अलग-अलग बाँटते है। कंपनियों के बीच की तुलना करना आसान हो सके, इसलिए हम उन्हें एक जैसे बिज़नेस मॉडल के आधार पर वर्गीकृत करते हैं। आप उस सेक्टर के शेयरों को चुन सकते हैं जिसे देखकर आपको लगता है कि इसमें निवेश करने से आपको फायदा होगा। आप स्टॉक सेक्टरों के आधार पर उनकी तुलना करके यह समझ सकते हैं कि कौन-से शेयर सबसे ज्यादा पैसा कमा रहे हैं। इससे आपके निवेश के फैसले बेहतर होंगे। तो चलिए हम 11 जरूरी सेक्टरों को समझने के लिए आगे बढ़ते हैं:

  1. एनर्जी स्टॉक सेक्टर/ ऊर्जा शेयर सेक्टर

एनर्जी सेक्टर में वह कंपनियाँ आती हैं जो तेल और प्राकृतिक गैस इंडस्ट्री में कारोबार करती हैं। तेल और गैस की खोज और उत्पादन करने वाले कंपनियाँ, और कंज्यूमिंग डीजल जैसे कोयला और इथेनॉल का उत्पादन करने वाली कंपनियां इस सेक्टर में शामिल हैं। तेल और गैस के उत्पादन से संबंधित उपकरण, माल-मेटीरियल, और सर्विस से जुड़ी कंपनियों को भी एनर्जी सेक्टर में शामिल किया जाता है। हालांकि, कई अक्षय ऊर्जा कंपनियों को एनर्जी स्टॉक सेक्टर में नहीं गिना जाता है; इसके बजाय, उन्हें उपयोगिताओं यानी यूटीलिटीज़ के अंतर्गत गिना जाता है।

  1. बेसिक मटीरियल स्टॉक सेक्टर/ मूल सामग्री स्टॉक सेक्टर 

ऐसे कंपनियाँ जो ऐसे अलग-अलग वस्तुओं को सप्लाई करती है, जिन्हें मेन्यूफैकचरिंग या किसी दूसरे कामों में उपयोग किया जाता है, उन्हें मटीरियल सेक्टर में गिना जाता है। खनन और कागज बनाने वाली कंपनियों के साथ-साथ केमिकल, निमार्ण मटीरियल, पैकेजिंग और कंटेनर बनाने वाली कंपनियां बेसिक मटीरियल स्टॉक सेक्टर के अंतर्गत आती हैं।  वह कंपनियाँ जो बिजनेस-टू-बिजनेस क्षेत्र में काम कर रही हैं, यानी वो अपने प्रोडक्ट्स को दूसरे कंपनियों को बेच रही है और इस सप्लाई चेन की शुरुआत में खड़ी हैं, उन्हें भी इसी सेक्टर के अंतर्गत गिना जाता है।

  1. इंडस्ट्रियल सेक्टर/ औद्योगिक सेक्टर

अब लिस्ट में अगला सेक्टर है इंडस्ट्रियल सेक्टर। वह बिज़नेस जिसमे डिफेंस मशीनरी, एयरोस्केप, एयरलाइंस के विनिर्माण और कंस्ट्रकशन जैसे भारी उपकरणों काम होता है उसे इंडस्ट्रियल सेक्टर में गिना जाता है। जिस तरह से तेल उत्पादन करने वाली कंपनियाँ बहुत ज्यादा पैसा कमाती हैं और अपने शेयरहोल्डर्स को काफी संतुलित डिविडेंड देती हैं, इंडस्ट्रियल सेक्टर भी बिलकुल ऐसा ही है। दुनिया भर के कई देशों में डिफेंस बजट बढ़ने के साथ, इस सेक्टर की डिफेंस कंपनियों में बहुत ज्यादा कैश-फ़्लो बढ़ने की संभावना रहती है।  

  1. कंंज्यूमर डिस्क्रेशनरी 

इस लिस्ट में अगला सेक्टर है कंंज्यूमर डिस्क्रेशनरी। जिस सेक्टक में आपने और हमने अपना बहुत सारा पैसा खर्च किया है वो कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर के अंतर्गत ही आती हैं। यह वह सेक्टर है जहाँ विवेकाधीन आय खर्च होती है। खुदरा व्यापारी, बैरल, रेस्तरां, ऑटो, होटल, मीडिया, और सभी घरेलू प्रोडक्ट इस क्षेत्र में आते है। हम सभी इन कंपनियों को अच्छे से जानते हैं और इनसे लगभग रोज़ ही हमारा पाला पड़ता है, जैसे अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्टारबक्स, टाको बेल, पीवीआर प्लाजा आदि। जिन कंपनियों से हम खरीदारी और ट्रैवल करते हैं वह भी इसी सेक्टर में आती हैं। जब लोग इन चीज़ों पर ऐसे पैसा खर्च करते हैं जैसे कि कल हो ही नहीं, तो यह कंपनियाँ बहुत पैसा कमाती हैं और उन्हें काफी ज्यादा तिमाही आय होने की संभावना होती है।

 
  1. कंज्यूमर स्टेपल्स स्टॉक सेक्टर

ये वो डिस्क्रेशनरी उत्पाद जो उपभोक्ता स्टेपल भी होते हैं। खाने, पीने और तंबाकू की कंपनियाँ इस सेक्टर के अंतर्गत आती हैं। साथ ही घरेलू सामानों, व्यक्तिगत उत्पादों और सुपरमार्केट को बनाने वाली कंपनियां भी इसी क्षेत्र का एक हिस्सा है। अगर देखा जाए तो यह सेक्टर बहुत सुरक्षित है क्योंकि मंदी के समय पर यह कंपनियाँ बहुत जल्दी उबर जाती हैं। कंस्यूमर स्टेपल को कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी से यह चीज़ अलग बनाती है कि स्टेपल वह कंपनियाँ है जो रोजाना काम में आने वाली चीजों का उत्पादन करती हैं। आपको एक रेस्तरां में खाना खाने, कार खरीदने, नए कपड़े ऑर्डर करने की रोज़ जरूरत नहीं हो सकती, लेकिन आपको ज़िंदा रहने के लिए सुपरमार्केट से घरेलू सामान खरीदने की जरूरत जरूर पड़ेगी।   

  1. हेल्थकेयर सेक्टर

इस स्टॉक सेक्टर में दो प्राथमिक पार्ट हैं। पहले पार्ट में उन कंपनियों को शामिल किया जाता है जो जैव प्रौद्योगिकी और विश्लेषणात्मक उपकरणों के आधार पर फार्मास्यूटिकल्स और उपचार विकसित करती हैं और जो चीज़ें क्लिनिकल ट्रायल के लिए जरूरी होती है उन चीज़ों की सप्लाई करते है। दूसरे भाग में हेल्थकेयर उपकरण और सेवाएं, मेडिकल डायग्नोस्टिक टूल, सर्जिकल सप्लाई और विशिष्ट स्वास्थ्य बीमा शामिल हैं। चूंकि लोगों को हमेशा ही मेडिकल केयर की जरूरत होती है, चाहे वह केयर उन्हें फार्मास्युटिकल दवाइयों से मिले या हॉस्पिटल जाने से,  इस क्षेत्र की कंपनियां अक्सर अच्छा मुनाफा कमाती हैं और यह एक सुरक्षित दांव होता है।

  1. फाइनेंशल सेक्टर/ वित्तीय क्षेत्र 

इस सेक्टर में मुख्य रूप से पैसा देने वाली कंपनियां शामिल होती हैं। इस सेक्टर में बैंक एक बहुत ही प्रमुख इंडस्ट्री ग्रुप है, और इसके साथ ही इस सेक्टर में इंश्योरेंस और रियल एस्टेट कंपनियाँ भी शामिल हैं। इस सेक्टर में ब्याज दर काफी महत्व रखती है। ब्याज दर बढ़ने पर बड़े बैंक बहुत पैसा कमाते हैं और चुकीं बैंक लोन देते हैं, इसलिए ब्याज का ऊँचा रेट बैंक को ही जाता है।

  1. इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी स्टॉक सेक्टर/ सूचना प्रौद्योगिकी स्टॉक क्षेत्र

यह एक टेक्निकल सेक्टर है। इस सेक्टर की सभी कंपनियाँ इंटरनेट, सॉफ्टवेयर और सेमीकंडक्टर कंपनियाँ है। इसमें वह कंपनियाँ आती हैं जो तकनीकी नवाचार में काम करती हैं और सॉफ्टवेयर बनाने या टेक्निकल सोल्युशन से जुड़ी सेवाएँ देती हैं और नवाचारों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं।  साथ ही, टेक्नोलॉजी में काम आने वाले उपकरण, पार्ट्स और हार्डवेयर जैसी चीज़ें बनाने वाली कंपनियों को भी इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी स्टॉक सेक्टर में शामिल किया जाता हैं।

  1. कम्यूनिकेशन स्टॉक सेक्टर/ संचार स्टॉक क्षेत्र 

जीआईसीएस का सबसे नया सेक्टर कम्यूनिकेशन सेक्टर है।  इस सेक्टर में ऐसे कुछ जरूरी सेक्टर भी शामिल हैं जो पहले दूसरे क्षेत्रों का हिस्सा थे। कम्यूनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर, वायरलेस और टेलिकॉम नेटवर्क प्रोवाइडर दोनों ही इस सेक्टर में आते है। मीडिया और मनोरंजन कंपनियों जैसे टीवी और रेडियो और इंटरेक्टिव मीडिया और संचार के नए रूप भी इस क्षेत्र में शामिल हैं।

  1. यूटिलिटी सेक्टर/ उपयोगिता सेक्टर

जो कंपनियां बिजली, पानी और नेचुरल गैस जैसी मूलभूत सुविधाएँ देती हैं इस सेक्टर के अंतर्गत आती हैं। इस क्षेत्र में उनके लिए कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है, इसलिए स्थानीय सरकार इन कंपनियों और उनकी कीमतों को नियंत्रित करती है। यूटिलिटी स्टॉक सेक्टर को रक्षात्मक क्षेत्र माना जाता है। लोगों को हमेशा ही इन सुविधाओं की जरूरत होती ही है, और इसी वजह से यह सेक्टर असंतुलित मार्केट में एक सुरक्षित दाव बनाता है।

  1. रियल एस्टेट स्टॉक सेक्टर

जो कंपनियां मॉल, ऑफिस और जीवित समुदायों का संचालन करती हैं,  वह रियल एस्टेट स्टॉक सेक्टर में आती है। इस सेक्टर की कंपनियां किराये और संपत्ति के बढ़ते मूल्य से हुई आय से अपना रेवेन्यू कमाती हैं। रियल एस्टेट कंपनियां, शेयरहोल्डर्स को अपने कर योग्य मुनाफे का कम से कम 90% डिविडेंड के रूप में देती हैं। यह सेक्टर लॉन्ग-टर्म के लिए बहुत अच्छे हैं क्योंकि हर तीन महीने में डिविडेंड आता है।

अब तक आपने पढ़ा

  • ग्लोबल इंडस्ट्री क्लासिफिकेशन स्टैंडर्ड (GICS) के अनुसार 11 अलग-अलग स्टॉक मार्केट सेक्टर हैं जिन्हें आमतौर पर वर्गीकृत किया जाता है।
  • विभिन्न कंपनियों के शेयर की एक दूसरे के साथ तुलना करने के लिए हम विभिन्न क्षेत्रों के तहत उनके व्यापार मॉडल में समानता के आधार पर कंपनियों को वर्गीकृत करते हैं।
  • प्रमुख 11 क्षेत्र ऊर्जा स्टॉक सेक्टर, बेसिक मटीरियल स्टॉक सेक्टर, इंडस्ट्रियल सेक्टर, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी स्टॉक सेक्टर, कंज्यूमर स्टेपल स्टॉक सेक्टर,  हेल्थकेयर स्टॉक सेक्टर, फाइनेंस स्टॉक सेक्टर, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी स्टॉक सेक्टर, कम्यूनिकेशन स्टॉक सेक्टर, यूटिलिटी स्टॉक सेक्टर, रियल एस्टेट सेक्टर हैं।
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