डॉ रेड्डीज़ लेबोरेटरीज़ लिमिटेड - क्या यह...
2020 अजीब साल था विशेष तौर पर ऐसे उद्योगों के लिहाज़ से जो कंपनियों और बाज़ार में लॉकडाउन और सामाजिक दूरी की पहलों से पेश चुनौतियों के बावजूद फलने-फूलने…
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27 मई,2021
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शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने और ट्रेडिंग से मुनाफे की संभावना होती है। इसका मतलब है, इन्वेस्टर को शेयर बाज़ार में आराम से कारोबार करने के लिए बहुत समझ और अनुभव की ज़रुरत होती है। इसके अलावा शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट मँहगा सौदा हो सकता है जो हो सकता है सबके बस का न हो। दरअसल इन्वेस्टमेंट की कोई गारंटी नहीं होती है जो अपने-आपमें ही इन्वेस्टिंग की बड़ी बाधा है। इंटरनेट की बढ़ती पहुंच ने हालांकि पूरे खेल को ही बदल दिया है क्योंकि इसके ज़रिये अधिक से अधिक लोगों तक जानकारी तक पहुँच रही है। यूट्यूब और इन्वेस्टिंग वेबसाइट जैसे विभिन्न स्रोतों से उन लोगों तक बेहतरीन जानकारी पहुँच रही है जो शेयर बाजार में कारोबार करने के तरीका समझना चाहते हैं। इस समझ के साथ नए इन्वेस्टर ज़्यादा भरोसे के साथ शेयर बाजार की दुनिया में कदम रख सकते हैं। पेनी स्टॉक, वास्तव में, उनके लिए सीखने का सही मौका प्रदान करते हैं।
पेनी स्टॉक का मतलब है भारत की छोटी कंपनियों के स्टॉक जो आम तौर पर 10 रूपये प्रति शेयर या इससे कम ट्रेड करते हैं। भारतीय पेनी स्टॉक की कारोबार का एक बड़ा हिस्सा ओवर-द-काउंटर (या ओटीसी) लेन-दें ज़रिये होता है, हालांकि कुछ स्टॉक एक्सचेंज के रेगुलेशन का पालन करते हैं और एक्सचेंज में उनका कारोबार भी हो सकता है। जिन कंपनियों के पेनी स्टॉक होते हैं, वे अक्सर आकार में छोटे नहीं होते हैं। आम तौर पर, उनके स्टॉक का कारोबार बहुत अधिक नहीं होता है जिसके कारण उनमें लिक्विडिटी नहीं होती है क्योंकि बाज़ार में उनके पास बड़ी संख्या में खरीदार नहीं होते। खरीदारों की कमी के कारण, इन्वेस्टर को अपना स्टॉक बेचने में मुश्किल आ सकती है। इसके अलावा, पेनी स्टॉक में लिक्विडिटी की कमी के कारण कीमत तय करना कठिन हो सकता है जो बाजार की स्थिति का ठीक-ठीक संकेत दे। ये सारे फैक्टर जुड़कर पेनी स्टॉक के सट्टेबाज़ी के रूप में इज़ाफा ही करते हैं।
पिछले सारे डिस्क्लेमर के बावजूद पेनी स्टॉक बहुत काम की चीज़ है। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा सौदा हो सकता है जो बाजार में कारोबार शुरू ही कर रहे हैं। ट्रेडर आराम से इसके साथ प्रयोग कर सकते हैं और नए इन्वेस्टर पेनी स्टॉक का उपयोग ट्रेडिंग सीखने के लिए कर सकते हैं। इनकी कीमत कम होती है इसलिए ये किफायती विकल्प हैं और इन्वेस्टर को यह जानकार सुकून हो सकता है कि उनके शेयर पर नुकसान की गुंजाइश कम है। पेनी स्टॉक की सट्टेबाज़ी की प्रकृति के कारण इसके इन्वेस्टर को ट्रेड करने से पहले प्रोफेशनल स्टॉकब्रोकर से सलाह लेने की ज़रुरत नहीं होती है। इसके अलावा इन शेयरों में ट्रेड करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस की ज़रुरत नहीं होती है। ज़्यादातर पेनी स्टॉक का बाजार मूल्य बहुत तेज़ी से नहीं बढ़ता, और जिनकी कीमत बढ़ती है वह कुछ ही दिनों में बढ़ती है कई साल में नहीं। कम कीमत के कारण पेनी स्टॉक इन्वेस्टर को इन्वेस्टमेंट के लिए तय राशि में से ज़्यादा शेयर खरीदने में मदद मिलती है। यदि ये इन्वेस्टर उसी पैसे को कहीं और इन्वेस्ट करते हैं तो वे उतने शेयर नहीं खरीदने सकते हैं। पेनी स्टॉक के इन्वेस्टर जब चाहें और शेयर जोड़ने या कम करने के लिए वे भारी मात्रा में खरीद-बिक्री कर सके हैं। पेनी स्टॉक मल्टी-बैगर्स में तब्दील हो सकते हैं जो उनकी अपील को और बढ़ाता है। इसका मतलब है कि वे इन्वेस्ट की गई मूल राशि के मुकाबले कई गुना मुनाफ़ा दे सकता है।
भारतीय शेयर बाजार में अच्छे पेनी स्टॉक हैं जिनका इन्वेस्टर और ट्रेडर दोनों फायदा उठा सकते हैं। नीचे कुछ बेहतरीन पेनी स्टॉक ज़िक्र किया गया है जो अभी उपलब्ध हैं।
मोरपेन लेबोरेटरीज - एक फार्मास्युटिकल कंपनी मोरपेन लेबोरेटरीज ने अपने उद्यमों का काफी विस्तार किया है और अब वह सिर्फ एक ही प्रॉडक्ट नहीं बनाती है। हिमाचल प्रदेश में इसकी तीन बेहतरीन मैन्युफैक्चरिंग इकाइयाँ हैं। इनमें से, प्राइमरी साइट लोरैटाडाइन का उत्पादन करती है जो एंटी-एलर्जी दवा है और इसे यूनाइटेड स्टेट्स फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (या यूएसएफडीए) से मान्यता प्राप्त है। कंपनी 0.05 के डेट टू इक्विटी रेशियो पर कारोबार कर रही है, और अमेरिकी बाजार में जेनेरिक लोरैटाडाइन के बाजार में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
डिश टीवी इंडिया लिमिटेड - ब्रॉडकास्टिंग और केबल टीवी क्षेत्र में परिचालन करने वाले इस कंपनी का शेयर काफी समय से बाजार में सामान स्तर पर बना हुआ है। आने वाले साल में उनकी आय बढ़ने वाली है जो सकारात्मक भविष्य का संकेत हो सकता है, बशर्ते, उनका व्यय समान स्तर पर बढ़े।
एचबीएल पावर सिस्टम्स - यह कंपनी पिछले 40 साल से कारोबार कर रही है और इंजीनियर्ड प्रॉडक्ट और सर्विस के क्षेत्र में काम करती है। एचबीएल ने देश में मौजूद टेक्नोलॉजी के अंतराल की पहचान और इसकी भरपाई करने की कोशिश। सो इस कंपनी ने एयरक्राफ्ट बैटरी बनाया जिसे इतना पसंद किया गया कि अब वह देश में विशेष बैटरियों और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स की मान्यता प्राप्त और सम्मानित सप्लायर है। इस कंपनी के स्टॉक में औसतन 4 लाख शेयरों का रोज़ाना कारोबार होता है।
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड - भारत के प्रमुख टेलीकम्यूनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर में से एक मानी जाती है। भारतीय मोबाइल टेलिकॉम इंडस्ट्री में इनकी बाज़ार हिस्सेदारी करीब 15.9 प्रतिशत है। वोडाफोन तीसरी सबसे बड़ी वायरलेस ऑपरेटर है जिसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो इसे कड़ी टक्कर देती हैं। इसलिए इन पेनी स्टॉक में निवेश बहुत अटकलबाज़ी का बोलबाला है और इनके लिए ज़रूरी है कि आपमें जोखिम झेलने की क्षमता ज़्यादा हो।
एनएचपीसी भारत - यह मिनी-रत्न श्रेणी का उपक्रम है जिसे भारत सरकार ने स्थापित किया है। भारत में हाइड्रोपावर के विकास के क्षेत्र में इसका प्रमुख स्थान है। एनएचपीसी का प्राथमिक लक्ष्य है देश भर में दक्षता के साथ हाइड्रोइलेक्ट्रिक इकाइयों के नेटवर्क का विकास और उपयोग करना। यह कंपनी व्यवहारिक इन्वेस्टमेंट इसलिए है कि इसका डेट टू इक्विटी रेशियो कम है और स्वीकार्य डिविडेंड यील्ड 6.17 प्रतिशत है।
पेनी स्टॉक से जुड़ा भारी-भरकम जोखिम इसमें होने वाले भारी उतार-चढ़ाव से पैदा होता है। इसका मतलब यह है कि लोग बड़ा मुनाफा हासिल कर सकते हैं लेकिन उन्हें दांव भी बहुत बड़ा लगाना होगा। सो यदि उन्होंने मार्जिन पर यानी उधार से पैसे से पेनी स्टॉक खरीदे तो संभव है कि उनका इन्वेस्टमेंट भी लुट जाए। पेनी स्टॉक के इन्वेस्टर और ट्रेडर को इस तरह के शेयरों से व्यवहारिक उम्मीद होनी चाहिए और उन्हें यह समझना चाहिए कि उनके पास कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के बेहद जोखिम वाली इन्वेस्टमेंट है।
एंजेल ब्रोकिंग एक असाधारण प्लेटफॉर्म है जिसके ज़रिये इन्वेस्टर और ट्रेडर दोनों समान रूप से भारतीय शेयर बाजार की खबरों से जुड़े हो सकते हैं। यह अपने यूजर को गहराई से किया गया रिसर्च प्रदान करता है कि बाजार कैसे काम कर रहा है और किन शेयरों की तलाश करनी चाहिए।
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