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विकल्प और वायदा का परिचय
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ऑप्शन और फ्यूचर में क्या अंतर है?
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फ्यूचर और ऑप्शन के बीच कुछ बेहद छोटे अंतर हैं। उन्हें जानने से एफएंडओ ट्रेडिंग आसान हो सकती है।
Transcript
ऑपशंस और फ्यूचर्स में क्या अंतर है? दोनों में मुख्य अंतर खरीदार और विक्रेता की बाध्यता का है। एक फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में, कॉन्ट्रैक्ट के खरीदार और विक्रेता, दोनों ही लेन-देन को पूरा करने के लिए बाध्य होते हैं। वहीं, एक ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट में, कॉन्ट्रैक्ट के खरीदार के पास उसे पूरा करने का अधिकार होता है, बाध्यता नहीं। इनमें शामिल जोखिम का क्या? फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में शामिल रिस्क, ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट के रिस्क से ज्यादा होता है। लेकिन ऐसा क्यों? ऐसा उनमें शामिल मुनाफे या घाटे की मात्रा की वजह से। फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में, मुनाफे और घाटे, दोनों की ही अपार क्षमता होती है। ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट में मुनाफे की कोई सीमा नहीं होती, लेकिन घाटा सिर्फ भुगतान किए गए प्रीमियम तक ही सीमित होता है। ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े मुनाफे और घाटे के बारे में ज़्यादा जानने के लिए आपको उससे जुड़े पेऑफ की गणना करनी होगी। और जानने के लिए स्मार्ट मनी के साथ जुड़े रहे।