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ट्रेडिंग में फ्यूचर्स और ऑप्शन का क्या उपयोग है?
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थ्योरी एक चीज है और व्यावहारिक उपयोग एक अलग। यह वीडियो F & O ट्रेडिंग के व्यावहारिक पक्ष के बारे में बताती है।
Transcript
ट्रेडिंग में फ्यूचर्स और ऑपशंस का क्या उपयोगा है? मुख्य तौर पर, F&O कॉन्ट्रैक्ट्स का उपयोग 2 कारणों से किया जा सकता है- स्पेक्यूलेटिव ट्रेडिंग और हेजिंग स्पेक्यूलेटिव ट्रेडिंग क्या है? सीधे शब्दों में, ये एक प्रकिया है जिसमें कोई कॉन्ट्रैक्ट सिक्योरिटी की कीमत में बदलाव से मुनाफा कमाने के उद्देश्य से लिया जाता है। उदाहरण के लिए, मानिए कि आपने कई टेक्निल संकेतकों का विश्लेषण किया और ये अनुमान लगाया कि आने वाले महीने में शेयर की कीमतें बढ़ने की संभावना है। तो इस मामले में, आप आज एक कॉल ऑप्शन खरीदते हैं ताकि आप शेयर को कम कीमत पर खरीद सकें और इसे भविष्य में ज़्यादा कीमत पर बेच सकें। ठीक है, तो फिर हेजिंग क्या है? दरअसल, ये एक निवेश रणनीति है, जो समय के साथ किसी एसेट का मूल्य कम होने पर आपके घाटे को सीमित करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, मानिए कि आपने एक कंपनी के शेयर आज खरीदे, क्योंकि आपको पूरा भरोसा है कि भविष्य में इसकी कीमतें बढ़ेंगी। लेकिन, अगर भविष्य में कीमतें गिरती है, तो अपने घाटे को सीमित करने के लिए, आप आज ही एक पुट ऑप्शन भी खरीद लेते हैं। तो, अगर भविष्य में, कीमतें आपकी उम्मीद के हिसाब से बढ़ती हैं, तो आप मुनाफे के लिए अपने शेयर बेच सकते हैं। लेकिन अगर भविष्य में कीमतें गिरती हैं, तो आप अपने पुट ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने शेयर को पुरानी और ऊंची कीमत पर बेच सकते हैं, जिस पर आपने वो ऑप्शन खरीदा था। तो, जैसा कि आप देख सकते हैं, स्पेक्यूलेटिव ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य मुनाफा कमाना है लेकिन हेजिंग का मुख्य उद्देश्य अपने घाटों को सीमित करना है। और फ्यूचर्स और ऑप्शंस, इन दोनों ही उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। फ्यूचर्स में किस तरह कारोबार करें, इस पर ज्यादा जानकारी के लिए स्मार्ट मनी के अगले अध्याय पर जाएँ।