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तेल का दौर
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यह वीडियो आपको तेल के इतिहास से रूबरू कराता है
Transcript
वर्तमान समय में कच्चा तेल व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है| परन्तु इसकी शुरुआत बहुत ही साधारण अथवा विनम्र थी| आधुनिक तेल उद्योग का जन्म 19वीं शताब्दी में हुआ| 1800 सदी के अंत और 1900 सदी की शुरुआत में अमेरिका में कई आधुनिक कुओं की खुदाई हो चुकी थी| तेल की सात international oil companies (आईओसीज़) (IOCs) का गठन हुआ, जिन्हें सात बहनों के नाम से भी जाना जाता है| इन कंपनियों में बीपी, शेवरॉन, एक्सॉन, गल्फ ऑयल, मोबिल, रॉयल डच शेल और टैक्सको जैसी कंपनियां शामिल हैं| (BP, Chevron, Exxon, Gulf Oil, Mobil, Royal Dutch Shell और Texaco) पहला विश्व युद्ध शुरू होने के बाद तेल के एक बैरल की कीमत 1914 में $0.81 से बढ़कर 1918 में $1.98 हो गई| इसके बाद कुछ समय तक कीमतें स्थिर रहीं, और फिर कई देश अपनी ज़मीन पर तेल भंडारों की खोज में जुट गए| और फिर 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध हुआ, जिसके परिणामस्वरुप तेल की मांग फिर से बढ़ गई| युद्ध के पश्चात्, तेल बाज़ार का नियंत्रण अमेरिका और रूस के बीच बंट गया| 1960 के दशक में आर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कन्ट्रीज़ (Organization of Petroleum Exporting Countries) यानी OPEC का गठन हुआ| इसमें कुवैत, ईरान, इराक, सऊदी अरब और वेनेज़ुएला समेत पांच सदस्य देश थे| जल्द ही तेल बाज़ार का नियंत्रण अमेरिका और रूस से हटकर OPEC के पास आ गया| इसमें वर्तमान में 15 सदस्य देश शामिल हैं| आने वाले समय में तेल की कीमत कई बातों पर निर्भर करेगी जैसे एशियाई देशों में मांग, OPEC का कोएलिशन यानी गठबंधन और अमेरिका में शेल ऑयल का प्रोडक्शन (निर्माण)| कच्चा तेल वित्य बाज़ार में ट्रेड (व्यापार) होने वाली एक महत्वपूर्ण कमोडिटी है| इस कमोडिटी में ट्रेडिंग की और जानकारी के लिए अगला अध्याय पढ़ें|