शुरुआती के लिए मॉड्यूल

क्रेडिट कार्ड के बारे में संपूर्ण जानकारी

ज्ञान की शक्ति का क्रिया में अनुवाद करो। मुफ़्त खोलें* डीमैट खाता

* टी एंड सी लागू

क्रेडिट कार्ड का भारत में प्रवेश

अब तक हमने क्रेडिट कार्ड के इतिहास और विकास के बारे में जाना| हमने देखा कि सबसे पहले आधुनिक क्रेडिट कार्ड की अवधारणा 1950 के दशक में यू.एस.ए. में आई| परंतु अब तक हमने यह नहीं जाना कि इस छोटे से अविश्वसनीय वित्तीय उपकरण ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक - भारत को कैसे प्रभावित किया। और ठीक यही हम स्मार्ट मनी के इस अध्याय में जानेंगे| तो आइए शुरू करते हैं| 

 

भारत में पहली बार क्रेडिट कार्ड कब लॉन्च किया गया था?

आप शायद इस अध्याय की शुरुआत से ही इस प्रश्न के बारे में सोच रहे थे, है ना? तो हम आपको इसका जवाब बताते हैं| हमें अपना पहला क्रेडिट कार्ड वर्ष 1981 में मिला, लेकिन फिर भी हम इस संबंध में यू.एस. से लगभग 30 वर्ष पीछे थे। हमें यह भी समझने की ज़रूरत है कि उस समय हम एक विकासशील देश थे और हमारे बैंकिंग और वित्तीय सेवा उद्योग इतने मज़बूत नहीं थे।

 

अब स्थिति ऐसी नहीं है| तो क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि वह कौन सा बैंक था जिसने देश में पहला क्रेडिट कार्ड पेश किया था? यह एक राष्ट्रीयकृत बैंक था। तो इसका सही उत्तर है, आंध्रा बैंक| तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इस बैंक के राष्ट्रीयकरण किए जाने के ठीक एक साल बाद, आंध्रा बैंक ने देश का पहला क्रेडिट कार्ड निकाला|   अद्भुत, है ना?

 

भारत में अब क्रेडिट कार्ड की क्या स्थिति है?

एक तरफ जहां यू.एस. में क्रेडिट कार्ड के लॉन्च होते ही इसका इस्तेमाल शुरू हो गया था, इसके विपरीत भारत में क्रेडिट कार्ड के विचार को लाने में काफी समय लगा। इस धीमी शुरुआत के कारण थे लंबी आवेदन और अप्रूवल प्रक्रिया। आवेदन करने वाले सभी लोगों को क्रेडिट कार्ड नहीं मिल सका। इसका परिणाम ये हुआ कि लोग इसे एक अत्यंत विशिष्ट चीज़ के रूप में देखने लगे जिसका प्रयोग सिर्फ अमीर और कुलीन वर्ग के लोग ही कर सकते थे| भारतीय मध्यम वर्ग को क्रेडिट कार्ड आसानी से नहीं मिल पा रहा था, इसलिए इसे अपनाने की दर काफी कम रही।

 

जैसे-जैसे समय बीतता गया, आवेदन और अप्रूवल प्रक्रिया में और अधिक ढील दी जाने लगी। साथ ही, वित्तीय  सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए पात्रता मानदंड को भी कम कर दिया गया। वास्तव में, वर्तमान समय में, किसी भी व्यक्ति के लिए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना और इसे प्राप्त करना बेहद आसान है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है और इसमें केवल कुछ मिनट लगते हैं| इसके परिणामस्वरूप भारत में क्रेडिट कार्ड की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई| 

 

सहस्राब्दी में क्रेडिट कार्ड ने अच्छी लोकप्रियता हासिल कर ली है। क्रेडिट पर उत्पाद खरीदने और बाद में या किस्तों में भुगतान करना काफ़ी चलन में है।

 

तो, भारत में क्रेडिट कार्ड का बाज़ार कैसा है?

यद्यपि भारत में सक्रिय क्रेडिट कार्डों की संख्या बहुत अधिक है परंतु फिर भी संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में यह बहुत कम है| भारत में  दिसंबर 2019 तक लगभग 55 मिलियन क्रेडिट कार्ड जारी करने के बावजूद, सिर्फ 3% के आसपास लोगों ने सक्रिय रूप से इसका इस्तेमाल किया है। इसका प्रभावी रूप से मतलब है कि देश में प्रत्येक 100 लोगों के लिए केवल 3 क्रेडिट कार्ड हैं। जब हम भारत में क्रेडिट कार्ड की तुलना यू.एस.ए. से करते हैं, तो हम पाते हैं कि वहां प्रत्येक 100 लोगों के लिए 32 क्रेडिट कार्ड हैं| इससे अंतर बहुत स्पष्ट हो जाता है।

 

हम दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं, जिसका एक विविध और अद्वितीय बाज़ार है| इसी के साथ संभावना है कि निकट भविष्य में हमारे क्रेडिट कार्डों के बाज़ार में बहुत तेज़ी से वृद्धि हो जाए| ई-कॉमर्स के ज़रिए लेनदेन की लगातार बढ़ती संख्या और सेमी-अर्बन बाज़ारों को बढ़ावा देने से क्रेडिट कार्ड के बाज़ार में बढ़ोतरी होना निश्चित है| अगले कुछ वर्षों में, भारतीय क्रेडिट कार्ड उद्योग के लगभग 25% CAGR से बढ़ने की संभावना है। आने वाले वर्षों में इसकी स्पष्टता का पता चल सकेगा|  

 

डिजिटल भुगतान की दिशा में सरकार के हालिया प्रयास और भारत को कागज़ रहित समाज की ओर ले जाने की उसकी योजना के कारण, भारतीय क्रेडिट कार्ड व्यवसाय ने पिछले दो वर्षों में साल-दर-साल उत्कृष्ट वृद्धि दिखाई है। जारी किए गए क्रेडिट कार्डों की संख्या पिछले वर्ष लगभग 27% बढ़कर 38 मिलियन से 49 मिलियन हो गई। भारत में क्रेडिट कार्ड प्रदाताओं के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि के साथ, अगले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र के बढ़ने की संभावना है।

       

समापन 

इस अध्याय में हमने भारतीय क्रेडिट कार्ड बाज़ार के बारे में जाना| अगले अध्याय में, हम इसकी एक और अनूठी विशेषता के बारे में जानेंगे जो वर्तमान क्रेडिट कार्ड के साथ आती है, वह है- रिवॉर्ड और रिटर्न। तो यह एक और दिलचस्प अध्याय होने जा रहा है, इसलिए बने रहें हमारे साथ! 



 ए क्विक रीकैप 

  •  एक तरफ जहां यू.एस. में क्रेडिट कार्ड के लॉन्च होते ही इसका इस्तेमाल शुरू हो गया था, इसके विपरीत भारत में क्रेडिट कार्ड के विचार को लाने में काफी समय लगा।
  • जैसे-जैसे समय बीतता गया, आवेदन और अप्रूवल प्रक्रिया में और अधिक ढील दी जाने लगी। साथ ही, बेहतर वित्तीय सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए पात्रता मानदंड अब कम कर दिया गया।
  • यद्यपि भारत में सक्रिय क्रेडिट कार्डों की संख्या बहुत अधिक है परंतु फिर भी संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में यह बहुत कम है| भारत में  दिसंबर 2019 तक लगभग 55 मिलियन क्रेडिट कार्ड जारी करने के बावजूद, सिर्फ 3% के आसपास लोगों ने सक्रिय रूप से इसका इस्तेमाल किया है।
  • लेकिन जारी किए गए क्रेडिट कार्डों की संख्या पिछले वर्ष लगभग 27% बढ़कर 38 मिलियन से 49 मिलियन हो गई।
  • भारत में क्रेडिट कार्ड प्रदाताओं के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि के साथ, अगले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र के बढ़ने की संभावना है।



 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

 

 

  • भारत में क्रेडिट कार्ड का बाज़ार कितना बड़ा है?

 

भारतीय रिजर्व बैंक के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक भारत में क्रेडिट कार्ड पर सालाना आधार पर ख़र्च 57 फीसदी बढ़ गया| अगस्त में 77,981 करोड़ रुपये के उच्च आधार के बावजूद, सितंबर 2021 में यह बढ़कर 80,000 करोड़ रुपये हो गया। इसका अर्थ है 3.2 प्रतिशत वृद्धि।

 

 

  • भारतीय क्रेडिट कार्ड उद्योग कितना सफल है?

 

पिछले वर्षों की तुलना में क्रेडिट कार्ड लोन का स्तर धीरे-धीरे बढ़ा है, हालांकि  ये इतना नहीं है, अधिकांश लोन का उपयोग घर या कार की खरीद के लिए किया जाता है।

                    

   3.क्या भारत में क्रेडिट कार्ड आम हैं?

भारत में, क्रेडिट कार्ड आसानी से कैफे, स्टोर, रेस्तरां और लॉजिंग में स्वीकार किए जाते हैं, इनमें मास्टरकार्ड और वीज़ा सबसे लोकप्रिय हैं।  हालांकि, मेट्रो शहरों के बाहर अब भी विशेष रूप नकद चलन में है।

                    

  1. भारत में क्रेडिट कार्ड का उपयोग कितना है?

लोगों में क्रेडिट कार्ड के उपयोग और चीजों को पहले प्राप्त करने और बाद में भुगतान करने की आदत धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है| इस कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय क्रेडिट कार्ड बाज़ार 2020 और 2025 के बीच 25% से अधिक की CAGR से विकसित होगा| 2019 में क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं की संख्या 52 मिलियन तक पहुंच गई। हालांकि, भारत में प्रति 100 व्यक्तियों में से केवल लगभग 3 व्यक्तियों के पास क्रेडिट कार्ड हैं। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में 100 में से 32 व्यक्ति क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं|

आप इस अध्याय का मूल्यांकन कैसे करेंगे?

टिप्पणियाँ (0)

एक टिप्पणी जोड़े

के साथ व्यापार करने के लिए तैयार?

logo
Open an account