फिनटेक और बदलाव: बीमा के भविष्य की झलक

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ऑटोमेशन क्लेम करने की लागत को 30% तक कम कर सकता है।   

एक्सेंचर के मुताबिक, इंश्योरटेक कंपनियों की ग्लोबल फंडिंग लगातार बढ़ रही है। यह 2018 में 4.4 बिलियन डॉलर की 410 डील से बढ़कर 2019 में 476 डील के साथ 6.8 बिलियन डॉलर पर पहुँच गयी है।

नई पीढ़ी के वर्चुअल ब्रोकर्स के साथ इनका अनुभव पूरी तरह डिजिटल हो गया है। इनका उद्देश्य कॉल सेंटर में एजेंट से बात करना नहीं, बल्कि ऑनलाइन ही पॉलिसी को बेचना है।

यह अनुभव समय के साथ ही विकसित हुए हैं। इन्होंने आसान और तेज़ पहुंच के साथ प्रोडक्ट को अलग-अलग व्यक्तियों की जरूरत के हिसाब से ढाल दिया है। इन्होंने बीमा खरीदने को न केवल आसान बल्कि काफी सस्ता भी बना दिया है।

 परिस्थिति 1: 

अनिल अभी हाल ही में पिता बना है। अब वह अपने बीमा प्लान को अपग्रेड करने का सोचता है। वह एक बीमा कंपनी की वेबसाइट पर जाता है और सभी विकल्प को अच्छे से देखता है। वह बिना किसी मेडिकल परीक्षण के, सिर्फ 15 मिनट में 30-वर्षीय लेवल-प्रीमियम जीवन बीमा पॉलिसी को ऑनलाइन खरीद लेता है।

परिस्थिति 2:

अनिल ने अब कार के लिए कार बीमा खरीदने का प्लान किया है। इंटरनेट पर रिसर्च करते वक्त उसे एक प्लान दिखता है जो उसे हर महीने प्रति मील के आधार पर चार्ज करेगा। इसे एक ऐप के जरिए ट्रैक किया जाएगा।

परिस्थिति 3:

अनिल का भाई, श्याम एक नए शहर में जा रहा है। श्याम ने किराए पर एक घर लेने की योजना बनाई है। अनिल ने उसे किरएदार के लिए बीमा योजना खरीदने का सुझाव दिया है। श्याम एक वेबसाइट को देखता है और कुछ ही सेकंड में रेंटर्स इंश्योरेंस खरीद लेता है।

परिस्थिति 4:

श्याम अपने नए शहर में हाथ से बने लैंप बनाने का बिजनेस खोलने का सोच रहा है। वह उन संभावित बीमा पॉलिसियों को अच्छे से देखता है जो उसके बिजनेस के लिए परफेक्ट हैं। और कुछ ही देर में उसे यह पता चलता है की इवेंट पर काम करने वालों को तुरंत ही बिज़नेस बीमा कवरेज मिल सकता है। 

 

बीमा उद्योग के भविष्य में बदलाव

पारंपरिक एजेंटों और ब्रोकरों का रोजगार खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। जो बिजनेस मॉडल इन लोगों पर आधारित था आज वह खतरे में है।  हामीदारी और मूल्य निर्धारण प्रणाली तेजी से ऑटोमेटिक बनती जा रही हैं और उपभोक्ताओं का एक बड़ा हिस्सा अपनी शर्तों के हिसाब से बीमा कवर को कस्टमाइज़ कर रहा है। ज्ञान व जागरुकता भी एक अहम कारक है, क्योंकि आजकल सभी के पास इंटरनेट है, खासकर मोबाइल फोन पर। और इसके साथ वितरण पोर्टल जुड़ने से ग्राहक अब सरल और जटिल, दोनों तरह के प्रोडक्ट और सर्विस बिना किसी बिचौलिए के आसानी से खरीदने में सक्षम हैं जैसे एयरलाइन टिकट, गाड़ी आदि।

फिनटेक, एडवांस टेक्नोलॉजी, और ग्राहक के बदलते व्यवहार के साथ बीमा उद्योग में हलचल हो रही है।

टेक्नोलॉजी संबंधित स्टार्टअप्स और इंश्योरटेक लगातार ग्राहक अनुभवों को पुनर्परिभाषित कर रहे हैं। उन्होंने इसमें बहुत इनोवेशन कर लिया है। ये कुछ सेवाएं हैं जो वह रेगुलर बेसिस पर ग्राहक को ऑफर करते हैं जैसे रिस्क-फ्री अंडरराइटिंग, ऑन-द-स्पॉट खरीदारी, एक्टिवेशन और क्लेम की प्रोसेसिंग।

डेलॉइट ग्लोबल ने उन कारकों पर एक रिपोर्ट बनाई है जो बीमा उद्योग को बदल रहे हैं और उनमें से यह चार संभावित स्थितियाँ निकट भविष्य में देखने को मिल सकती हैं -

चैनल बदलना: प्रोडक्ट बनाने वाले और वितरणकर्ताओं के बीच पार्टनरशिप, और अन्य प्रोडक्ट्स और सेवाओं के साथ बीमा जोड़ने से ग्राहकों को उन प्रोडक्ट्स को चुनने में आसानी होगी जो उनकी जीवनशैली में फिट बैठते हैं।

मशीन द्वारा अंडरराइटिंग: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एल्गोरिदम जैसी टेक्नोलॉजी में नवाचारों से जोखिम चयन और मूल्य निर्धारण को अलग-अलग किया जा सकेगा, और ग्राहक मूल्य बिंदुओं की एक बड़ी रेंज के आधार पर उत्पादों का चयन कर सकेंगे।

आसानी से अनुकूलित होने वाले उत्पादों में बढ़ोतरी: समय के हिसाब से ढलने वाली, घटनाओं और मॉड्यूल पर आधारित और एडजस्ट की जा सकने वाली कवरेज, ग्राहकों के जीवन चरण, जीवनशैली और स्वास्थ्य में बदलाव के साथ आसानी से ढल सकेगी। 

संपूर्ण जीवन बीमा: उभरते बाजारों में ग्रोथ और शॉपिंग के पैटर्न को देखते हुए, जो बीमाकर्ता बिना अंडरराइटिंग में समझौता किए, फ्लेक्सिबल प्रोडक्ट और डिजिटल वितरण में महारथ हासिल करेंगे उनके बाजार में मजबूत बने रहने की संभावनाएं ज्यादा होगी।

अग्रणी कंपनियां न केवल अपने मुख्य संचालन में सुधार करने के लिए, बल्कि पूरी तरह से नए बिजनेस मॉडल को लॉन्च करने के लिए डेटा और एनालिटिक्स को काम में ले रही हैं। मौजूदा कारोबार को डिजिटाइज़ करके 5 साल में डबल से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है।

जिन बीमा कंपनियों के पास डिजिटल रणनीति, क्षमताओं, संस्कृति व संस्था से संबंधित एडवांस मैनेजमेंट प्रैक्टिस होती हैं वो अपने साथी कंपनियों से काफी बेहतर प्रदर्शन करती हैं। लेकिन फिर भी कुछ ही मौजूदा कंपनियों ने अब तक एक व्यापक डिजिटल स्ट्रेटर्जी बनाई है, जो आने वाली डिजिटल दुनिया में एक नींव की तरह है।  इसके बजाय, वे कुशल और वृद्धिशील पहल को एक साथ पैकेज कर रहे हैं जो व्यक्तिगत रूप से प्रदर्शन में मामूली बढ़ोतरी कर सकते हैं जैसे डिजिटल मार्केटिंग, एक नया बिक्री चैनल, या कुछ हद तक ऑटोमेशन, जबकि वे महत्वपूर्ण मूल्यवान अवसर को छोड़कर अपना भविष्य संदेह में डाल रहे हैं। 

निष्कर्ष

अब जब आप बीमा की दुनिया को काफी अच्छे से समझने लगे हैं, तो चलिए आपके कौशल को टेस्ट करें!

अब तक आपने पढ़ा

फिनटेक में बढ़ोतरी, ग्राहकों के बदलते व्यवहार, और टेक्नोलॉजी जिस तरह से आगे बढ़ रही है उससे बीमा उद्योग में बदलाव आ रहा है। इंश्योरटेक, टेक्नोलोजी संबन्धित स्टार्टप्स, ऑन-द-स्पॉट खरीददारी, सक्रियण, रिस्क-फ्री अंडरराइटिंग जैसे नयी चीज़ों से ग्राहक अनुभव का आयाम हर दिन बदलता जा रहा है।

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