ट्रेडर्स के लिए मॉड्यूल
पेअर ट्रेडिंग
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ट्रेडों की पहचान करना
4.7
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अभी तक हम जिस कॉन्सेप्ट के बारे में बात कर रहे थे वह उस कॉन्सेप्ट से बिल्कुल अलग है जो हमने पेअर ट्रेडिंग की फर्स्ट टेक्निक में देखा था, लेकिन अब यहां से यह लगभग वैसा होगा जैसा हमने पहले किया हुआ है।
फर्स्ट टेक्निक के लास्ट में हमने क्या किया था, याद है?
चलिए एक बार दोहराते हैं ।
- हमने उस वेरिएबल को आईडेंटिफाई किया जिसके साथ हम ट्रेडिग ट्रिगर्स को आईडेंटिफाई कर रहे थे, इस केस में यह प्राइस रेशिओ था |
- हमने डेंसिटी कर्व के लिए प्राइस रेशिओ को कैलकुलेट किया
- हमने नॉर्मल डिस्ट्रीब्यूशन के बेस पर ट्रिगर प्वाइंट को आईडेंटिफाई किया।
- और साथ ही साथ हमने ट्रेड के टाइप को भी आईडेंटिफाई किया।
रिग्रेशन का यूज करके ट्रेड्स को आईडेंटिफाई करने का तरीका भी लगभग वैसा ही है, बस फर्क इतना है की डेंसिटी कर्व के कैलकुलेशन के लिए हम रेसीडुएल को बेसिस के तौर पर यूज करेंगे, जोकि दोनों वैरियेबल्स को जोड़ने के लिए मैट्रिक की तरह काम कर रहा है, जैसा कि पहले प्राइस रेशिओ कर रहा था।
तो बिना किसी देरी के चलिए शुरू करते हैं।
डेंसिटी कर्व की गणना करना
क्योंकि टीसीएस को डिपेंडेंट वेरिएबल की तरह यूज करने के सिनेरियो में एरर कम थी तो चलिए उसी से शुरू करते हैं। चुने हुए प्राइस पॉइंट्स के लिए रिग्रेशन फंक्शन ने हमें रेजीडुअल्स दिए। रेजीडुअल्स के डेंसिटी कर्व को कैलकुलेट करने के लिए हम नॉर्मल डिस्ट्रीब्यूशन फंक्शन का यूज कर सकते है जैसा कि आप याद कर पाएंगे।
यहां पर एक स्क्रीनशॉट है
और यहां पर एक टेबल है जो हमने पिछले चैप्टर में देखा था जिसे आप डेंसिटी कर्व को समझने के लिए रेफर कर सकते हैं।
स्टॉप डेंसिटी कर्व स्टैंडर्ड डेविएशन की संख्या मीन रिवर्जन की संभावना।
ट्रिगर पॉइंट्स को आईडेंटिफाई करना
ट्रिगर पॉइंट्स को आईडेंटिफाई करने का तरीका भी बिल्कुल वैसा ही रहेगा I आपको डेंसिटी कर्व को आईडेंटिफाई करना होगा जो मीन से - 3 एस डी से - 2 एस डी पर हैं, या मीन से 2 एस डी से 3 एस डी पर हैं।
यहां पर इस मेथड के हिसाब से पेअर ट्रेड को शुरू करने के लिए एक गाइड दी गई है
डेंसिटी कर्व रेंज
एचडी रेंज ट्रेड टारगेट डेंसिटी गर्ग लॉस
यहां पर एक पेअर पर लंबे ट्रेड का मतलब है कि पर Y लंबा चलना और X पर कम सेल करना और एक पेअर पर छोटे ट्रेड का मतलब है X पर लंबा चलना और Y पर कम सेल करना
लंबी ट्रेड को सेट अप करना
एक लॉन्ग ट्रेड को सेट करने के लिए डेंसिटी कर्व की ट्रिगर रेंज है 0.0015 से 0.0250I
चलिए एक लंबी ट्रेड का ट्रिगर और टारगेट सिनैरिओ किस तरह दिखेगा इस को समझने के लिए कुछ हाइपोथेटिकल डाटा देखते हैं।
- हरे रंग की रो में डेंसिटी कर्व है 0.05 जोकि 0.0015 से 0.025 की रेंज में नहीं है हमारी डाटा सेट में यह सबसे कम है और यह ट्रिगर रेंज के काफी क्लोज भी है।
- अब आप इस पॉइंट पर अपनी पेअर ट्रेड शुरू कीजिये.
- चूँकि ये लॉन्ग ट्रेड है इसलिए आप TCS को रूपये 2248.40 में खरीदेंगे और infosys को रूपये 947.05 में बेच देंगे।
- पिछली देखी हुई टेबल से याद् करिये की लॉन्ग ट्रेड का टारगेट डेंसिटी कर्व 0.025 या उससे ज्यादा है।
- पीले रंग की रो हमारी रेकवायर्मेंट को पूरा करती है।
- 0.035 डेंसिटी कर्व के साथ यही हमारा टारगेट पॉइंट है।
- इस पॉइंट पर आप TCS को रूपये 2327.05 में बेच देंगे और इनफ़ोसिस को रूपये 925.05 में खरीद लेंगे।
तो इस ट्रेड में आपका नेट प्रॉफिट या लॉस क्या है? चलिए चेक करते हैं
तो इस ट्रेड ने आपको रुपए 100.65 का नेट प्रॉफिट दिया
शार्टट्रेड को सेट अप करना
शॉर्ट ट्रेड को सेट अप करने के लिए डेंसिटी कर्व की ट्रिगर रेंज 0.9750 से 0.9985 है।
शॉर्ट ट्रेड के ट्रिगर और टारगेट सिनेरियो को समझने के लिए चलिए एक बार फिर से कुछ हाइपोथेटिकल डाटा लेते हैं
- हरे रंग की रो में डेंसिटी कर्व है 0.98, यह ट्रिगर रेंज में आता है .
- अब इस पॉइंट पर आप अपनी पेअर ट्रेड शुरू कीजिए .
- क्योंकि यह शार्ट ट्रेड है इसलिए आप टीसीएस को रुपये 3203.4 5 में बेच देंगे और इंफोसिस को रुपये 1271.25 में खरीद लेंगे .
- पिछली देखी हुई टेबल से याद करिए कि शॉर्ट ट्रेड का टारगेट डेंसिटी कर्व 0.75 या इससे कम है .
- पीले रंग की रो हमारी रिक्वायरमेंट को पूरा करती है
- 0.86 डेंसिटी कर्व के साथ यही टारगेट पॉइंट है
- इस पॉइंट पर आप टीसीएस को रुपये 3176.90 में खरीद लेंगे और इन्फोसिस को रुपये 1305.55 में बेच देंगे
इस ट्रेड में आपको नेट प्रॉफिट एंड लॉस क्या हुआ?
चलिए देखते हैं
तो इससे आपको रुपये 60.85 का नेट प्रॉफिट हुआ
रैपिंग अप
जैसा कि आपने अब ऑब्जर्व किया कि ट्रिगर को आईडेंटिफाई करने का फाइनल तरीका कॉमन है . लेकिन आइडेंटिफिकेशन का आधार बदलता रहता है इस मेथड में यह रेजीडुअल्स हैI और दोबारा यह समझिए जैसा कि पिछले मेथड में था इस बात का ध्यान रखिए क्योंकि पेअर ट्रेडिंग में शॉर्ट सेलिंग होती है इसलिए पेअर ट्रेडिंग को आप उन्हीं मार्केट सेगमेंट्स में एग्जीक्यूट कर सकते हैं जो शॉर्टिंग को सपोर्ट करती हो, इसलिए स्पॉट मार्केट में अगर आप इंट्राडेज़ ट्रेड एग्जीक्यूट कर रहे हैं तो आप शॉर्ट सेल कर सकते हैं |
अगर आप स्पॉट मार्केट में पेअर ट्रेड करना चाहते हैं तो आपको ट्रेड डे में ही दो ट्रेड एग्जीक्यूट करनी पड़ेगी और साथ ही साथ उसी सेशन में आपको अपनी पोजीशन क्लोज करनी पड़ेगी या आप फ्यूचर मार्केट में पेअर ट्रेड कर सकते हैं |
क्विक रीकैप
- एक लॉन्ग ट्रेड ट्रिगर होती है जब रेसीडुएल्स - 2 एसडी रेंज को टच करते है
- एक शार्ट ट्रेड ट्रिगर होती है जब रेसीडुएल्स + 2 एसडी रेंज को टच करते है
- इस प्रकार पेअर पर एक लॉन्ग ट्रेड Y पर लंबी जाती है और X पर शॉर्ट सेल करेगी
- और पेअर पर शार्ट ट्रेड का मतलब है की X पर लंबा जाना और Y पर शार्ट सेल करना
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