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गोल सेटिंग और फाइनेंशियल प्लानिंग: आपके रिस्क- रिटर्न प्रोफाइल के आधार पर
4.4
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कोच दयाल और उनके दो खिलाड़ियों को याद हैं? आइए एक बार फिर उनके स्कोर पर नज़र डालते हैं:
मैच नं. |
खिलाड़ी 1 के रन |
खिलाड़ी 2 के रन |
1 |
10 |
55 |
2 |
100 |
45 |
3 |
10 |
35 |
4 |
100 |
45 |
5 |
10 |
50 |
कुल रन |
230 |
230 |
औसत रन |
46 (230/5) |
46 (230/5) |
हम यह मान कर चलते है कि कोच दयाल रिस्क लेने को तैयार हैं और वह अपनी टीम के लिए एक बेहतरीन खिलाड़ी चाहते हैं, जिसमें शतक बनाने की क्षमता हो। इसलिए वह खिलाड़ी 1 को चुनेंगे, हैं ना?
लेकिन वहीं अगर वह एक स्थिर प्रदर्शन वाले खिलाड़ी को चुनना चाहते हों, जो ज्यादा रिस्क ना ले, चाहे औसत रन कम ही क्यों ना हो, तो इस मामले में, वह खिलाड़ी 2 को चुनेंगे।
इसे ही रिस्क- रिटर्न प्रोफाइल के आधार पर निवेश करना कहते हैं। और इस अध्याय में, हम देखेंगे कि आप अपनी व्यक्तिगत वित्तीय योजना यानी पर्सनल फाइनेंशियल प्लानिंग में रिस्क- रिटर्न एनालिसिस को विश्लेषण को कैसे शामिल कर सकते हैं। आखिरकार, फाइनेंशियल प्लानिंग के महत्व को हल्के में नहीं लिया जा सकता। आप जैसे निवेशकों के लिए एक सही निवेश निर्णय लेने के लिए रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल को देखना बहुत अहम है।
चलिए, बताते हैं कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।
परिस्थिति 1: आप लंबी अवधि में स्थिर और निरंतर रिटर्न चाहते हैं
आप अपने पैसे को ऐसे उपकरणों या जगहों में निवेश करना चाहते हैं जो आपको लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न दे सकें। शायद आप रिटायरमेंट के लिए बचत करना चाहते हैं, या हो सकता है, आप अपने निवेश को इतना बढ़ाना चाहते है की आज से 10-15 साल बाद आप अपने सपनों का घर खरीद सकें।
इस मामले में, आपकी रिटर्न प्रोफ़ाइल लंबी अवधि के निवेशक या लॉन्ग टर्म इनवेस्टर की है।
लेकिन आपके जोखिम झेलने के स्तर के बारे में क्या? दूसरे शब्दों में, अपनी पूँजी को बचाने और अच्छे रिटर्न पाने के बीच में आप किस पर ज्यादा फोकस करते हैं? आपके जवाब के आधार पर, आपकी प्रोफाइन नीचे दी गई 3 रिस्क- रिटर्न प्रोफाइल में से एक हो सकती है:
कंज़रवेटिव इन्वेस्टर/ निवेशक
अगर आप औसत से ज्यादा रिटर्न कमाने से ज़्यादा पूँजी सुरक्षित रखने को प्राथमिकता देते हैं, तो आप एक कंज़रवेटिव निवेशक हैं। चलिए मानिए कि आपके पास नीचे दिए गए दो विकल्प हैं:
- एक विकल्प पूँजी संरक्षण की गारंटी देता है लेकिन आपको मध्यम रिटर्न देता है।
- दूसरा विकल्प औसत से ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखता है लेकिन उसमें पूँजी डूबने की संभावना भी है।
आप पहले वाले ऑप्शन को ही चुनेंगे, क्योंकि वह आपकी पूँजी को सुरक्षित रखता है। इस मामले में आपके इनवेस्टमेंट-पोर्टफोलियो के लिए लॉन्ग-टर्म इनवेस्टमेंट जिसमें कम जोखिम होने की संभावना होती है, वो विकल्प बेस्ट होंगे।
मॉडरेट इन्वेस्टर/ निवेशक
मॉडरेट निवेशक के रूप में, आप शायद हर विकल्प के अच्छे हिस्सों को हासिल करना चाहेंगे। यानी आप अपनी पूँजी सुरक्षित रखने और शानदार रिटर्न कमाने, दोनों को ही समान अहमियत देते हैं। इस रिस्क-रिटर्न प्रोफ़ाइल को देखते हुए आप लंबी अवधि वाले उन निवेशों को चुन सकते हैं जिनमें मध्यम जोखिम हो। या, आप कुछ लंबी अवधि वाले हाई रिस्क निवेश और कुछ लंबी अवधि वाले लो रिस्क निवेश को मिलाकर अपना पोर्टफोलियो बैलेंस कर सकते हैं।
आक्रामक निवेशक/ अग्रेसिव इन्वेस्टर)
अगर आप पूँजी संरक्षण के मुकाबले ज़्यादा रिटर्न कमाने को प्राथमिकता देते हैं, तो आप एक आक्रामक, रिस्क लेने वाले निवेशक हैं। आपके मामले में, आप शायद अच्छा रिटर्न देने वाले निवेशों को चुनने से नहीं चूकते, भले ही उनमें रिस्क ज्यादा ही क्योेें ना हो।
इसलिए, एक आक्रामक निवेशक होने के नाते जो लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न कमाने की तलाश में है तो आप लंबी अवधि में हाई रिस्क- हाई रिवॉर्ड वाले निवेश विकल्पों को चुनें।
परिस्थिति 2: आप छोटी अवधि में तुरंत ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं
अब, मान लें कि आप अपने पैसे को ऐसे उपकरणों में निवेश करना चाहते हैं जो आपको छोटी अवधि में अधिक रिटर्न दे सकें। शायद आप अब से 3 महीने बाद एक महँगा गैजेट खरीदना चाहते हैं, या हो सकता है, आप आने वाले सालों में अपनी पसंदीदा जगह घूमने के लिए बचत करना चाहते हैं।
इस मामले में, आपकी रिटर्न प्रोफ़ाइल कम अवधि के निवेशक या शॉर्ट टर्म इनवेस्टर की होगी।
आइए अब इस रिटर्न प्रोफाइल को आपकी संभावित रिस्क झेलने की क्षमता के साथ मैच करें।
कंज़रवेटिव निवेशक
जैसा कि हमने पहले देखा था, अगर आप एक कंज़रवेटिव निवेशक हैं तो आप औसत से ज़्यादा रिटर्न अर्जित करने के बजाय पूँजी संरक्षण को प्राथमिकता देंगे। यहाँ कम रिस्क वाले, कम अवधि वाले निवेश आपकी प्रोफाइल के लिए बेस्ट रहेंगे।
मॉडरेट निवेशक
अगर आप मॉडरेट, रिस्क लेने वाले निवेशक हैं, तो आपके लिए कुछ हाई रिस्क-शॉर्ट टर्म और कुछ लो रिस्क- शॉर्ट टर्म निवेश का एक मिला-जुला पोर्टफोलियो आपके लिए सही रहेगा।
आक्रामक निवेशक
अगर आप एक आक्रामक निवेशक हैं, जो औसत से ज़्यादा रिटर्न कमाने के बदले में रिस्क लेने से नहीं कतराते तो आपके लिए डायरेक्ट इक्विटी जैसे कम अवधि में हाई रिस्क- हाई रिवॉर्ड वाले निवेश बढ़िया विकल्प होंगे।
निष्कर्ष
जब आप इस तरीके से रिस्क और रिटर्न दोनों को ही ध्यान में लेकर चलते हैं, तो पर्सनल फाइनेंस प्लानिंग बहुत आसान हो जाती है। और अपनी रिस्क उठाने की क्षमता और अपेक्षित रिटर्न के अनुसार निवेश चुनकर आप निर्धारित समय में अपने जीवन के लक्ष्यों को पा सकते हैं। यह आदत पोर्टफोलियो मैनेजमेंट में भी बहुत काम आती है।
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? और आप इसे कैसे करते हैं? हम अगले अध्याय में इस सब को कवर करेंगे। बस, आगे पढ़ते रहिए और मज़ेदार विषयों को समझते रहिए।
अब तक आपने पढ़ा
- अगर आप औसत से ज़्यादा रिटर्न कमाने से ज़्यादा पूँजी संरक्षण को प्राथमिकता देते हैं, तो आप एक कंज़रवेटिव निवेशक हैं।
- अगर आप चाहते हैं कि आपकी पूँजी सुरक्षित रहे, लेकिन आप शानदार रिटर्न भी कमाना चाहते हैं, तो आप मॉडरेट निवेशक हैं।
- अगर आप पूँजी संरक्षण के बजाय अधिक रिटर्न कमाने को प्राथमिकता देते हैं, तो आप एक आक्रामक, जोखिम लेने वाले निवेशक हैं।
- अगर आप लंबे अवधि में रिटर्न वाले निवेश तलाश रहे कंज़रवेटिव निवेशक हैं तो लंबी अवधि में कम रिस्क वाले निवेश आपकी निवेशक प्रोफाइल के लिए सही हैं।
- अगर आप लंबी अवधि में मध्यम रिस्क के साथ अच्छे रिटर्न की तलाश में हैं तो आपके लिए कुछ लॉन्ग टर्म- हाई रिस्क और कुछ लॉन्ग टर्म लो रिस्क वाले निवेशों का एक संतुलित पोर्टफोलियो सही रहेगा।
- लंबी अवधि में अच्छा निवेश तलाश रहे आक्रामक निवेशकों के लिए लंबी अवधि वाले हाई रिस्क- हाई रिवॉर्ड वाले निवेश विकल्प बेहतर रहेंगे।
- कम रिस्क वाले छोटी अवधि के निवेश विकल्प कंज़र्वेटिव निवेशकों के लिए अच्छा ऑप्शन हैं, जबकि मॉडरेट निवेशकों के लिए छोटी अवधि में अच्छा रिटर्न कमाने के लिए कुछ छॉर्ट टर्म- हाई रिस्क और कुछ छॉर्ट टर्म- लॉन्ग रिस्क का मिला-जुला पोर्टफोलियो एक अच्छा निवेश विकल्प है।
- छोटी अवधि में ज़्यादा निवेश की तलाश रखने वाले आक्रामक निवेशकों के लिए छोटी अवधि वाले हाई रिस्क- हाई रिवॉर्ड वाले निवेश विकल्प बेहतर होते हैं।
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