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आपको वॉल्यूम के आधार पर टॉप क्रिप्टोकरेंसी और इस एसेट क्लास की लोकप्रियता के बारे में जो भी जानना हो।
25 नवम्बर,2021
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क्रिप्टोकरेंसी की आज पहले के मुकाबले बहुत अलग छवि है। क्रिप्टोकरेंसी की पहले मूल रूप से केवल अपराधियों और स्पेक्यूलेटर की करेंसी मानकर इसकी उपेक्षा की गई, लेकिन आज इसने दुनिया को बदलने की क्षमता ज़ाहिर की है और खुद को वैध करेंसी के रूप में स्थापित किया है।
हालांकि कुछ क्रिप्टोकरेंसी कीमत में बढ़ोतरी और यूज़र्स को आकर्षित करने के लिहाज़ से बेहद सफल रही हैं, फिर भी व्यापक आधार पर क्रिप्टोकरेंसी को अपनाए जाने के बारे में संदेह बना हुआ है। उदाहरण के लिए एनवायरनमेंटलिस्ट और स्केप्टिक्स क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में होने वाली एनर्जी की खपत के बारे में सबसे अधिक चिंतित हैं। यह अधिक कार्बन एमिशन की वजह बन सकता है और जलवायु परिवर्तन में योगदान कर सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी में ब्लॉकचेन की प्रतिस्पर्धी प्रकृति के कारण एनर्कीजी की भारी खपत होती है। एक केंद्रीय डेटाबेस में अकाउंट बैलेंस जमा करने के उलट, क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन माइनर के नेटवर्क ज़रिये होता है जिन्हें ब्लॉक रिवॉर्ड के मुताबिक वितरित किया जाता है और काम में लिया जाता है। विशेष कंप्यूटर के ज़रिये वे नए ब्लॉक रिकॉर्ड करने के लिए एक-दूसरे से होड़ में रहते हैं जो केवल क्रिप्टोग्राफ़िक पहेलियों को हल करने पर ही संभव है।
जो लोग क्रिप्टोकरेंसी की वकालत करते हैं, उनका मानना है कि सेंट्रलाइज्ड करेंसी के मुकाबले व्यवहार में आने पर यह प्रणाली अपने साथ कई फायदे लाती है। ऐसा इसलिए है कि वे किसी एक विश्वसनीय इंटरमीडियरी पर निर्भर नहीं हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि माइनिंग के लिए तय पहेली ऐसे कम्प्यूटेशन पर निर्भर है जिसमें एनर्जी का काफी उपयोग होता है। कुछ क्रिप्टोकरेंसी दरअसल कई बार कुछ देशों की कुल खपत के मुकाबले अधिक बिजली की खपत करती हैं जिससे इनका उपयोग खतरनाक बन जाता है।
एनवायरनमेंटलिस्ट के लिए चिंता का एक प्रमुख विषय यह है कि जैसे-जैसे क्रिप्टोकरेंसी की कीमत बढ़ती है, माइनिंग का काम कम एफिशिएंसी के साथ होता है। इसका मतलब यह है कि क्रिप्टोकरेंसी के नेटवर्क के लिए पहले के मुकाबले उतने ही लेनदेन के लिए अधिक कंप्यूटिंग शक्ति और एनर्जी की ज़रुरत होगी ।
ऊपर व्यक्त विचारों का मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी फॉसिल फ्यूल से जुड़ी हुई हैं और कई इन्वेस्टर्स ने अभी तक इस पर विचार नहीं किया है। चीन में करीब 65 प्रतिशत क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होती है जो चिंताजनक है क्योंकि यहाँ बिजली का बड़े हिस्से का उत्पादन कोयले से होता है।
कोयके के अलावा दूसरे फॉसिल फ्यूल दुनिया भर में बिजली के प्रमुख स्रोत हैं और ये अन्य उद्योगों के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में भी मदद करते हैं। इसका मतलब है कि इस प्रक्रिया में कोयले के जलने से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन ने जलवायु परिवर्तन में प्रमुख योगदान दिया है।
क्रिप्टोकरेंसी की वकालत करने वालों ने इसकी माइनिंग में होने वाली एनर्जी की खपत पर ध्यान नहीं दिया है और इसके बजाय दावा करते हैं कि माइनिंग उन इलाकों में होती है जहाँ अतिरिक्त रिन्यूएबल एनर्जी उपलब्ध है। यह CoinShares की रिपोर्ट से स्पष्ट है जो 2019 में प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन करता है, जिसमेंअनुमान लगाया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी के नेटवर्क के लिए 74.1 प्रतिशत बिजली रिन्यूएबल एनर्जी से प्राप्त की गई थी। रिपोर्ट में दावा किया गया कि दुनिया भर में चल रहे अन्य सभी बड़े उद्योगों के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी ज़्यादा रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग करती है। इस तरह के दावे इस पर आधारित है कि क्रिप्टोकरेंसी माइनर एक ही जगह पर काम नहीं करते जिससे उनके पास उस जगह पर जाने की सुविधा होती है जहाँ अतिरिक्त एनर्जी उपलब्ध है।
हालाँकि, क्रिप्टोकरेंसी के रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े होने के दावे विवादित हैं।
एनर्जी की खपत के अलावा, माइनिंग में भारी मात्रा में नए इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर की ज़रुरत होती है क्योंकि पहले उपयोग किये गए हार्डवेयर काम लायक नहीं रहते। यह एप्लिकेशन-स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट के मामले में ख़ास तौर पर सच है जो विशेष हार्डवेयर के रूप में कार्य करता है और क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में मदद करता है।
बगैर माइनिंग केआम कंप्यूटर हार्डवेयर के उलट, इन सर्किट का उपयोग वैकल्पिक उद्देश्यों में नहीं किया जा सकता है और काफी जल्दी काम लायक नहीं रहते।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बड़ी संख्या में क्रिप्टोकरेंसी के मामूली एनवायरनमेंट सम्बन्धी परिणाम होते हैं। इनमें ईओएस और कार्डानो शामिल हैं जो प्रूफ-ऑफ-स्टेक ब्लॉकचेन का उपयोग करते हैं जिसमें माइनिंग नहीं होती। लेन-देन को उसी स्तर की एनर्जी से प्रोसेस किया जाता जैसे एक बुनियादी कंप्यूटर नेटवर्क द्वारा किया जाता है। यह मॉडल अपने साथ कई तरह के लाभ लेकर आता है जो माइनिंग को पीछे छोड़ देता है लेकिन किसी सुव्यवस्थित नेटवर्क के लिए एक मैकेनिज्म का उपयोग करना मुश्किल होता है।
आप क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन करते हों या नहीं लेकिन कुछ क्रिप्टोकरेंसी में एनर्जी के अत्यधिक उपयोग के इन्कार नहीं किया जा सकता। इस एनर्जी के बड़े हिस्से का उत्पादन कोयले और फॉसिल फ्यूल के जलने से होता है, हालांकि क्रिप्टोकरेंसी के समर्थकों का कहना है कि इसमें रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग होता है। हालांकि इस रिन्यूएबल एनर्जी का कितना योगदान है यह विवादित है, लेकिन मुख्य बात यह है कि माइनिंग से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में बढ़ोतरी होती है।
क्रिप्टोकरेंसी के असर का पता तब चलेगा जब बड़े पैमाने पर इसका उपयोग होगा और धीरे-धीरे एनवायरनमेंट पर भी इसका प्रभाव और स्पष्ट होगा।
प्रश्न1. क्या सभी क्रिप्टोकरेंसी में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है?
उत्तर1. नहीं, सभी क्रिप्टोकरेंसी में ब्लॉकचेन प्रोद्योगिकी का उपयोग नहीं होता है।
प्रश्न 2. ब्लॉकचेन तकनीक को संदेह की नजर से क्यों देखा जाता है?
उत्तर2. ब्लॉकचेन प्रोद्योगिकी अक्सर कोयले और फॉसिल फ्यूल से उत्पादित एनर्जी का उपयोग करती है जिसकी वजह से स्केप्टिक्स और एनवायरनमेंटलिस्ट क्रिप्टोकरेंसी के बड़े पैमाने पर उपयोग के बारे में चिंतित हैं।
प्रश्न3. क्या क्रिप्टोकरेंसी के मामले में एनर्जी के अत्यधिक उपयोग के अलावा कोई और एनवायरनमेंट सम्बन्धी चिंता है?
उत्तर3. हां, एनर्जी के अत्यधिक उपयोग के आलावा क्रिप्टो से जुड़ी एनवायरनमेंट सम्बन्धी अन्य चिंता में उनके हार्डवेयर, एप्लिकेशन-स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट शामिल हैं जो बहुत जल्द पुरानी पड़ जाती हैं।
डिस्क्लेमर: एंजेल वन लिमिटेड क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग का समर्थन नहीं करता है। यह लेख केवल जानकारी और जागरूकता के लिए है। इस तरह के जोखिम भरे कॉल करने से पहले अपने इन्वेस्टमेंट सलाहकार से चर्चा करें।
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