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बीमा
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बीमा का इतिहास
4.3
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एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए क्या चाहिए? वैसे अमिताभ बच्चन की मानें तो आपको सिर्फ रोटी, कपड़ा और मकान चाहिए। लेकिन क्या यही सबकुछ है?
हम लोगों की जिंदगी सिर्फ जरूरतों को पूरा करने के आसपास घूमती हुई कहानियां हैं। इस प्रक्रिया ने विज्ञान के महान दिमागों को दौड़ाया और उन्होंने जरूरतों के प्रवाह को समझने के लिए कई कड़ियाँ और पिरामिड को विकसित किया। क्या आप अब्राहम मास्लो के आवश्यकता पदानुक्रम पिरामिड के बारे में जानते हैं?
मास्लो के आवश्यकता पदानुक्रम के मुताबिक मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकता शारीरिक आवश्यकताएं हैं, यानी खाना और आश्रय। किसी भी व्यक्ति को जब खाना और आश्रय मिलता है तो वह बुनियादी जीवन निर्वाह के लिए काफी होता है। अब जीवन का अगला चरण होता है ‘सुरक्षा’ । इसका मतलब होता है खराब स्थिति में सुरक्षित रहने की क्षमता। इसे बारिश के मौसम में छाता या किसी आश्रय स्थल की तरह समझा जा सकता है।
इसलिए आज के समय में बीमा को समृद्धि से बढ़कर, एक जरूरत माना जाता है। जीवन में कभी भी, कोई भी संकट आपके दरवाजे पर दस्तक दे सकता है और इसके लिए हमेशा तैयार रहने की जरूरत होती है। बीमा को लंबे समय से संदेह की नज़र से देखा जाता है, जहाँ कुछ लोग इसे वरदान मानते हैं तो कुछ इससे मिलने वाले लाभ को समझने में सक्षम नहीं है। लेकिन आज के समय में बीमा होने से न सिर्फ आपकी जेब बल्कि आपके मन के लिए सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
बीमा की जड़ें आज से काफी समय पहले तक जाती हैं। यह एक आधुनिक अवधारणा नहीं है, बल्कि 4000-3000 ईसा पूर्व के बेबीलॉन कॉन्ट्रैक्ट से ही चला आ रहा है। राजा हम्मुराबी ने बेबीलोन के स्मारकों पर कानून को तराश कर इसे बीमा की आधारशिला बनाया। शुरूआत में ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि कोई देनदार अपंगता, प्राकृतिक आपदाओं व मृत्यु जैसी भयावह स्थितियों में अपने संपत्ति से वंचित न हो।
संघ और सुरक्षा का निर्माण
उन दिनों में जब शिल्प कौशल गिल्ड सिस्टम या संघ प्रणाली के अंतर्गत आता था, तो छात्र कम से कम मजदूरी पर कला के महारथियों के लिए काम किया करते थे। जब वे छात्र शिल्प को ठीक से सीख लेते और फिर अपने छात्रों को सिखाने का काम करने लगते थे तो वो भी गिल्ड सिस्टम में अपना योगदान देने लगते थे।
इन गिल्ड के पास कोष हुआ करते थे जो कला के महारथियों के लिए बीमा फंड के रूप में काम करते थे। ये आपातकालीन स्थितियों में काम आता था, जैसे अगर किसी महारथी का कार्यक्षेत्र आग या बाढ़ की चपेट में आ जाए। यह कला और उसके महारथी की आजीविका के लिए बीमा प्रदान करने का एक तरीका था। किसी महारथी की मृत्यु होने पर गिल्ड दिवंगत शिल्पकार के परिवार का समर्थन करते थे।
बीमा की इस पद्धति ने आज के ग्रुप कवरेज बीमा को भी प्रेरित किया। इस पद्दति ने न सिर्फ कलाकारों को एक सुरक्षा दी बल्कि अन्य लोगों को भी नए कौशल सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। इसने उन्हें पेशे के तौर पर खेती से व्यवसाय की तरफ बढ़ने में भी मदद की।
समुद्री मार्गों से व्यापार सुरक्षित करना
यह वह समय था जब व्यापार का सबसे उपयुक्त तरीका समुद्री मार्गों से व्यापार करना था। समुद्री बीमा 15वीं शताब्दी में लोकप्रिय हुआ। उस वक्त व्यापारियों को शिपमेंट के लिए कर्ज़ दिया जाता था।
पोतबंधक के इन समुद्री अनुबंधों में कहा गया है कि समुद्र में लेनदेन करते समय अगर कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटती है, तो व्यापारियों को उद्यम निवेशकों को वापस भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इन दुर्घटनाओं में हताहत होना , विकलांगता व चोट आदि जैसी घटनाएं शामिल थी।
बीमा ब्याज का उपयोग नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करने के लिए होता था ताकि नाविकों व व्यापारियों पर कोई कर्ज न हो। जिन लोगों को जीवन, अंग या सामानों का नुकसान होता है, उनका बीमा इस तरह किया जाता है कि नुकसान को बीमा के साथ शुरुआती निवेश के माध्यम से कवर किया जा सके।
अग्नि से सुरक्षा
अगला बड़ा मोड़ तब आया जब साल 1666 में ब्रिटेन की भयावह आग ने पूरे शहर को जला दिया। इस दुर्घटना के बाद राष्ट्रों में व्यवसायों और निवास की सुरक्षा के लिए अग्नि बीमा उपलब्ध होने लगा।
1600 दशक में प्लेग की चपेट में आने के बाद लंदन की आग में 13000 इमारतें जलकर राख हो गई। शहर के लिए यह बहुत ही विकट परिस्थिति थी, क्योंकि इस दौरान लोगों के पास न तो नौकरियां थी और ना ही रहने के लिए घर। इससे निपटने के लिए वो बीमाकर्ता जिन्हें समुद्री बीमा की समझ थी उन्होंने नुकसान से बचाने के लिए बीमा कंपनियों का गठन करने का फैसला लिया।
इस तरह “औद्योगिक क्रांति” के दौरान बीमा कंपनियां समृद्ध होने लगी। इस प्रकार यूरोप, विशेष रूप से ब्रिटेन में सक्रिय बीमा प्रणाली शुरू हो गई। हालांकि इसकी जड़ें मजबूत थी लेकिन परिस्थितियों के चलते इसका विस्तार धीरे-धीरे हुआ और एक लंबे समय के बाद ये अमेरिका के उपनिवेशवादियों तक पहुंची।
अमेरिकी क्रांति
1660 के दशक में अमेरिका भुखमरी ग्रस्त था और उस वक्त वो अन्य मुद्दों के साथ सशस्त्र संघर्षों से जूझ रहा था। बीमा क्षेत्र को संयुक्त राज्य अमेरिका के औद्योगिक पकड़ में लाने में लगभग 100 साल लग गए।
बीमा की अवधारणा व्यक्तिगत राज्य के कॉन्सेप्ट के साथ अमेरिका पहुंची। अमेरिका में इसका स्वागत और निर्माण अमेरिका के संस्थापकों में से एक ने किया था।
18वीं शताब्दी की शुरुआत तक संपत्ति बीमा एक विकसित अवधारणा नहीं थी। यह आग से घरों के नुकसान के बीमा वाले फिलाडेल्फिया कॉन्ट्रिब्यूशनशिप के साथ आया था। यह विकास "द फिलाडेल्फिया राजपत्र" में प्रकाशित और विज्ञापित किया गया था, जो निर्माण पद्धतियों में महत्वपूर्ण बदलाव लाया। शहर में नियमों का कड़ाई से पालन किया गया था क्योंकि जोखिम वाले घरों को बीमा पॉलिसियों के तहत कवर नहीं किया गया था।
निष्कर्ष
अब आप बीमा की शुरुआत के बारे में जान गए हैं, तो अब अगले सवाल पर आगे बढ़ते हैं। बीमा भारत में कैसे आया? इस सवाल का जवाब जानने के लिए अगले अध्याय पर जाएं।
अब तक आपने पढ़ा
- बीमा की जड़ें आज के समय से कहीं पीछे जाती हैं।
- इंश्योरेंस सेक्टर को USA के औद्योगिक क्षेत्र में लाने में लगभग 100 साल लग गए।
- आग से घरों के नुकसान के बीमा के लिए फिलाडेल्फिया कॉन्ट्रिब्यूशनशिप
- समुद्री बीमा की समझ रखने वाले बीमाकर्ताओं ने नुकसान से बचाने के लिए बीमा कंपनियों के गठन का फैसला किया।
- आज के समय में बीमा को समृद्धि से कहीं बढ़कर, एक जरूरत माना जाता है।
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