निजी क्षेत्र में एचडीएफसी बैंक लिमिटेड की...
25 नवंबर 2020 में एचडीएफसी बैंक 8 लाख करोड़ पूंजी अर्जित कर रिलायंस और टीसीएस के बाद तीसरे नंबर पर पहुंच गया।
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फार्मईज़ी अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के स्थानीय फ़ार्मेसी स्टोरों से जोड़कर यह काम करती है। यह फिलहाल देश के सबसे अच्छे हेल्थकेयर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और स्टार्टअप में से एक है। फार्मईज़ी 150 से अधिक अलग-अलग पार्टनर सेलर्स के साथ मिलकर काम करती है और मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, पुणे और जयपुर समेत 710 शहरों में दवाओं की डिलीवरी करती है।
फार्मईज़ी के सह-संस्थापक धर्मिल शेठ ने अपने डॉक्टर दोस्त धवल शाह के साथ मिलकर एक ऑनलाइन फार्मेसी बनाने की बात सोची ताकि भारत में हेल्थ केयर को और सुलभ बनाया जा सके। कंपनी के प्रमुख लक्ष्यों में से एक था हेल्थ केयर से जुडी हर चीज़ की डोर स्टेप डिलीवरी का मिशन हासिल करना। साल 2014 में फार्मईज़ी इंडिया की स्थापना हुई। आज कंपनी देश के 98 प्रतिशत इलाके में हेल्थ केयर प्रॉडक्ट की डिलीवरी करती है।
फार्मईज़ी ने पूरे देश में हेल्थ केयर की डोरस्टेप डिलीवरी को सुलभ बनाने का अपना लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। यह भारत के हेल्थ केयर सेक्टर के हाल में हुए डिजिटाईज़ेशन का का मुख्य भागीदार रही है। आज हेल्थ केयर का हर स्टेप-'डॉक्टर की अपॉइंटमेंट से लेकर दवाओं और रिपोर्ट की डिलीवरी तक'- को डिजीटल कर दिया गया है। भारत की हेल्थकेयर ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में अभूतपूर्व विकास का श्रेय फार्मईज़ी जैसी ऑनलाइन फ़ार्मेसी को जाता है।
फार्मईज़ी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करता है, जहां व्यक्ति दवा सहित हेल्थ केयर से जुड़े इक्विपमेंट खरीद सकते हैं। ग्राहक को अपने प्रेस्क्रिप्शन को फार्मईज़ी पर अपलोड करना होता है जिसे उनके आसपास की दवा की दुकान पर भेजा जाता है। कंपनी तब अपने मोबाइल ऐप पर वेब टेक्नोलॉजी का उपयोग करती है ताकि ग्राहकों को सबसे अधिक बजट-फ्रेंडली दर पर सबसे अच्छी क्वालिटी के हेल्थ केयर प्रॉडक्ट उपलब्ध कराये जा सकें।
कुछ लोग यह मान सकते हैं कि छूट वाले प्रॉडक्ट की क्वालिटी अच्छी नहीं होती लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, छूट का क्वालिटी में कमी से कोई लेना-देना नहीं है। फार्मईज़ी केवल अपने ग्राहकों को सबसे बढ़िया प्रॉडक्ट दिलाता है जो आम तौर पर मेडिकल स्टोर और मशहूर फार्मेसियों में ही मिल सकता है।
फार्मईज़ी जब आपका मेडिकल प्रेस्क्रिप्शन आपके इलाके की दवा की दुकान पर भेज देता है, तो आपका ऑर्डर पैक हो जाता है। फिर कोई डिलीवरी एजेंट दवा की दुकान से आपकी दवा उठाता है। डिलीवरी एजेंट को हर तरह के गाइडलाइन और प्रीकॉशन का पालन करना होता है। डिलीवरी एजेंट आपके उस पते पर ऑर्डर पहुंचाएगा जो आपने फार्मईज़ी इंडिया मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर दर्ज़ किया है।
फिलहाल फार्मईज़ी इकलौता ई-कॉमर्स हेल्थ प्लेटफॉर्म नहीं है। इसके टॉप प्रतिस्पर्धियों में मायरा मेडिसिन्स, रेंजर हेल्थ, ब्राउनपैकेट और हैलो हार्ट शामिल हैं। हालाँकि, फार्मईज़ी अपने प्रतिस्पर्धियों में सबसे आगे है। रेंजर हेल्थ की स्थापना उसी साल हुई थी जिस साल फार्मईज़ी इंडिया की हुई थी और इसका मुख्यालय अमेरिका है, लेकिन इसके यहाँ काम करने वालों की तादाद कम है और फार्मईज़ी मुकाबले कम फंडिंग (एक करोड़ डॉलर) मिली है।
अपने सेक्टर में फार्मईज़ी के टॉप परफॉर्मेंस की वजह यह है कि कंपनी ने 2014 में अपनी स्थापना के बाद से भारी-भरकम ग्रोथ दर्ज़ की। साल दर साल कंपनी की ग्रोथ में चार गुना बढ़ोतरी दर्ज़ हुई, और इस हिसाब से इसका रेवेन्यू लगभग 450 करोड़ रूपये बैठता है। संस्थापक धर्मिल शेठ और धवल शाह ने इस पूरी अवधि में फार्मईज़ी की ग्रोथ में बड़ी भूमिका निभाई। यह इससे समझा जा सकता है कि कैसे चुनौतियों की पहचान की गई और उन्हें दूर किया गया।
सफलता की कहानी का कोई शॉर्टकट नहीं होता। फार्मईज़ी इस बात की बेहतरीन केस स्टडी हो सकता है। ऑनलाइन फ़ार्मेसी स्पेस में एक अज्ञात स्टार्टअप के रूप में शुरू होने के बाद स्थापित ब्रांड के रूप में विकसित हुए फार्मईज़ी इंडिया ने सफलता की राह में आई बाधाओं पार किया। हालांकि, कंपनी को रातोंरात सफलता नहीं मिली। चुनौतियाँ फार्मईज़ी की यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा थीं।
जिनमें पहला था वैलिड प्रेस्क्रिप्शन के बगैर प्रॉडक्ट की डिलीवरी न कर पाना। ग्राहकों का सिर्फ नाम से अपनी दवाओं के बारे में जानना प्रॉडक्ट की डिलीवरी के लिए काफी नहीं था। कई ग्राहक प्राइवेसी की दिक्कत के कारण अपना प्रेस्क्रिप्शन फार्मईज़ी के मोबाइल ऐप पर ऑनलाइन अपलोड नहीं करना चाहते थे। इस परेशानी के अलावा, फार्मईज़ी के डिलीवरी एजेंटों के लोकेशन को ट्रैक करना भी मुश्किल था। इन चुनौतियों ने, शुरुआत में, ग्राहकों के जुड़ने की रफ़्तार कम की। हालांकि अब ऐसा नहीं है।
जब से इसने अपनी शुरुआती बाधाओं को पार किया है, तब से फार्मईज़ी के लिए नए ग्राहक जोड़ने में कोई परेशानी नहीं रही। दरअसल, इसके मज़बूत यूजर-रिटेंशन रेट से कंपनी का ग्राहकों को संतुष्ट रखने का कौशल साबित होता है। फार्मईज़ी से ग्राहकों के जुड़ने की मुख्य वजह है भरोसा। कंपनी अपने ग्राहकों को कितना ऑफर कर रही है और इसकी सेवाओं से यूजर को कितना फायदा होता है, इसके बीच संबंध से ही फार्मईज़ी की बेतहाशा वृद्धि हुई है।
आखिरकार, कंपनी ने अपनी शुरुआती कुछ चुनौतियों पर काबू पा लिया और तब से इसमें ज़ोरदार वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2020 में, फार्मईज़ी ने अपना रेवेन्यू लगभग दोगुना कर 637 करोड़ रुपये कर लिया। इसी अवधि (वित्त वर्ष 2020) में कंपनी का लॉस बीफ़ोर टैक्स 100.7 करोड़ रुपये रहा। अब तक, कंपनी को 328.5 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली है। दरअसल, टेमासेक के नेतृत्व में अपने लेटेस्ट फंडिंग दौर में, फार्मईज़ी इंडिया ने 20 करोड़ डॉलर जुटाए जिसका अंतिम वैल्यूएशन लगभग 70 करोड़ डॉलर रहा। इसे अलावा, फार्मईज़ी और 10 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए सॉफ्टबैंक से भी बातचीत कर रही है। आज कंपनी का नेट वर्थ 70 करोड़ डॉलर है।
आईपीओ खुला |
टीबीडी |
आईपीओ बंद |
टीबीडी |
आईपीओ का आकार: |
एक अरब डॉलर - 1.2 अरब डॉलर (अनुमानित तौर पर) |
फेस वैल्यू: |
टीबीडी |
प्राइस बैंड |
-रुपये से -रुपये प्रति शेयर |
लिस्टिंग |
बीएसई और एनएसई में |
रिटेल हिस्सा |
20 प्रतिशत (अनुमानित) |
इक्विटी |
|
1. क्या फार्मईज़ी स्टॉक मार्केट में लिस्टेड है?
फिलहाल फार्मईज़ी लिस्टेड नहीं है, लेकिन इन्वेस्टरों की नज़र इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत होने वाली एक लिस्टिंग पर है।
2. क्या फार्मईज़ी आईपीओ जारी कर रहा है?
फार्मईज़ी की पेरेंट कंपनी - एपीआई होल्डिंग्स लिमिटेड - की वित्त वर्ष 22 में फार्मईज़ी के लिए ₹3,000 से ₹3,700 करोड़ रुपये (1.2 अरब डॉलर) तक जुटाने के लिए एक इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) जारी करने की योजना है।
3. क्या फार्मईज़ी का आईपीओ खरीदने लायक है?
कुछ सूत्रों के अनुसार, फार्मईज़ी के आईपीओ से कंपनी का मूल्य लगभग 21,800 करोड़ (3 अरब डॉलर) रूपये हो जाने संभावना है। फार्मईज़ी ने अपने मौजूदा प्रतिस्पर्धी मेडलाइफ का भी अधिग्रहण कर लिया है। कंपनी ने पिछले साल मुनाफे वाले फिनांशियल आंकड़े पेश किये। इन्वेस्टरों को कंपनी के फिनांशियल आंकड़े और रिकॉर्ड के अपने आकलन के आधार पर फार्मईज़ी आईपीओ के शेयर खरीदने पर विचार करना चाहिए।
4. क्या फार्मईज़ी लिस्टेड कंपनी है?
फिलहाल, फार्मईज़ी लिस्टेड कंपनी नहीं है। हालांकि, आगामी आईपीओ के बारे में बातचीत चल रही है और फार्मईज़ी आईपीओ के शेयर की कीमत और इससे जुड़े अन्य ब्योरे जल्द ही सामने आएंगे।
5. क्या फार्मईज़ी लॉस में है?
नहीं। वित्त वर्ष 2020 में फार्मईज़ी का लॉस बीफोर टैक्स करीब 100.7 करोड़ रुपए था जबकि इसका रेवेन्यू तकरीबन दोगुना होकर ₹637 करोड़ हो गया।
6. क्या फार्मईज़ी प्रॉफिटेबल है?
हाँ, फार्मईज़ी प्रॉफिटेबल है। टेमासेक के नेतृत्व में अपने लेटेस्ट फंडिंग दौर में, फार्मईज़ी इंडिया ने 22 करोड़ डॉलर जुटाए जिसका अंतिम वैल्यूएशन लगभग 70 करोड़ डॉलर रहा। आज कंपनी का नेट वर्थ 70 करोड़ डॉलर है।
भारत में हेल्थकेयर के डिजिटाईज़ेशन में पिछले दस वर्षों में भारी ग्रोथ हुई, और इसके एक हिस्से का श्रेय फार्मईज़ी जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को दिया जा सकता है। 2014 में अनजान कंपनी के तौर पर शुरू होकर भारत के प्रमुख स्टार्टअप में से एक बन गया जो अपने ग्राहकों को विश्वसनीय और रियायती हेल्थ केयर प्रदान करता है। फार्मईज़ी के बारे में अधिक जानने के लिए कंपनी की वेबसाइट पर जाएं।
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