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भारत का डिजिटल भुगतान परिदृश्य: एक ओवरव्यू
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क्या आपको पता है, भारत का डिजिटल भुगतान परिदृश्य कैसा है? जानने के लिए इस वीडियो को देखें|
Transcript
क्या आपको अपने बचपन के वे दिन याद हैं जब आपके माता-पिता हमेशा हर चीज के लिए नकद भुगतान करते थे, या चेक फिर का इस्तेमाल करते थे?
वर्तमान समय में भारत में डिजिटल भुगतान के चलन में आने के कारण चीज़ें बहुत बदल गई हैं|
डिमॉनेटाइज़ेशन यानी विमुद्रीकरण के कारण ही देश में डिजिटल भुगतान की क्रांति आई। और महामारी वह वजह बनी जिससे वर्चुअल और संपर्क रहित भुगतान समाधानों को अपनाने में तेज़ीआई। क्यूआर कोड और एनएफसी तकनीक से लेकर के वाई सी वीडियो और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली तक ऐसी कई तकनीकें हैं जिन्होंने भारत में डिजिटल भुगतान के उपयोग में तेज़ी से वृद्धि की है। रीयल-टाइम भुगतान पर नज़र रखने वाली ACI वर्ल्डवाइड रिपोर्ट ने दिखाया कि 48 वैश्विक बाजारों में से भारत टॉप स्थान पर है|
25.5 अरब रीयल-टाइम लेनदेन के साथ! इस बीच, घरेलू यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई ने महामारी के दौरान एक नया रिकॉर्ड बनाया था। मार्च 2021 में UPI भुगतान का मूल्य 2.30 बिलियन के लेनदेन में 5 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया। और अनुमान बताते हैं कि 2025 तक, चार में से तीन लेनदेन डिजिटल होंगे। वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य का भविष्य स्पष्ट रूप से आशाजनक प्रतीत होता है।
और इसी तरह बीमा का भविष्य भी उज्जवल है जिसके बारे में हम आने वाले अध्याय में जानेंगे|